सपा नेता आजम खान, बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीम फातिमा की अपील पर आज मंगलवार को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। 6 मई सोमवार को बहस पूरी नहीं होने पर अदालत में मामले की सुनवाई सात तारीख को भी होने का आदेश जारी किया था। आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में लगातार सुनवाई कर रही है। सोमवार को इस मामले में राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखा था। अब मंगलवार को आजम खान के वकील राज्य सरकार के पक्ष पर अपनी बात रख दलीलें पेश करेंगे। जेल में बंद आजम खान और उनके परिवार की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ क्रिमिनल रिवीजन याचिका दाखिल की हुई है। इससे पहले हुई सुनवाई में क्या हुआ था बताते हैं…
6 मई को हुई सुनवाई में राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने को कहा गया था। प्रदेश सरकार के वकीलों ने आजम खान, उनके परिवार पर हुई कार्रवाई पर पक्ष रखा था। साथ ही फर्जी प्रमाण पत्र मामले में जांच रिपोर्ट दी थी। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में 23 अप्रैल को भी मामले की सुनवाई चली थी। तब राज्य सरकार और शिकायतकर्ता के वकील की तरफ से हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा गया था। जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में दोनों पक्षों ने दलीलें पेश की थीं। कोर्ट ने दोनों का पक्ष सुनने के बाद तारीख लगा दी थी। आजम परिवार का क्या है पूरा मामला
रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में रामपुर के गंज थाने में सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया था। रामपुर के गंज थाने में आईपीसी की धारा 193, 420, 467, 468, 471 के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी। इसमें आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था। रामपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने अब्दुल्ला आज़म के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में तीनों को सात-सात साल की सजा सुनाई थी। तीनों ने रामपुर सेशन कोर्ट के यहां से जमानत याचिका खारिज होने वाले फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए जमानत देने और सजा को रद्द करने के लिए क्रिमिनल रिवीजन याचिका दाखिल की है। ट्रायल पर रोक लगाने वाली याचिका हुई थी खारिज
पिछले साल रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाने वाली आज़म खान की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम ने 2017 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रामपुर जिले की स्वार सीट से जीत हासिल की थी। अब्दुल्ला ने इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी उम्मीदवार नवाब काजिम अली खान को हराया था। चुनाव नतीजों के बाद बसपा उम्मीदवार नवाब काजिम ने अब्दुल्ला के स्कूल और बर्थ सर्टिफिकेट में दो अलग-अलग जन्मतिथि को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए अब्दुल्ला की सदस्यता को रद्द करने का आदेश दिया था। अब्दुल्ला ने हाईकोर्ट के इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी थी। हालांकि उसे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली थी। तीनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ क्रिमिनल रिवीजन याचिका दाखिल की है। मामले में शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना के अधिवक्ता शरद शर्मा अपना पक्ष रख रहे हैं।