कानपुर और अकबरपुर सीट पर मतदाताओं को घर से वोट कराने के लिए 68 टीमें रवाना की गई हैं। सरसैया घाट स्थित ईवीएम वेयरहाउस से टीमों को रवाना किया गया। जिले में 1677 ऐसे मतदाता हैं जो दिव्यांग और 85 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग हैं। सभी को पोलिंग पार्टियां घर में ही उनके स्थान पर वोट करा रही हैं। पहले ही दिन अव्यवस्थाएं भारी रहीं। साढ़े 3 घंटे बाद कर्रही में पड़ पाया वोट
सुबह 11 बजे वेयरहाउस से रवाना हुई टीम को मतदान कराने में करीब साढ़े 3 घंटे का समय लग गया। रिटर्निंग ऑफिसर पहले बीएलओ को ढूंढते रहे फिर बीएलओ 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला रेवती देवी का घर ढूंढते रहे। इसके बाद पोलिंग पार्टी कर्रही स्थित बुजुर्ग मतदाता के घर पहुंच सकी। व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त
पोलिंग पार्टियों को मतदान कराने के लिए बड़े-बड़े दावे किए गए थे। लेकिन पहले ही दिन सभी दावे ध्वस्त हो गए। पोलिंग पार्टियों को न तो अच्छी गाड़ियां मिली और न ही उन्हें मतदाता के घर कैसे पहुंचे, इसका प्रशिक्षण दिया गया। एक-एक मतदाता घर पहुंचने में टीमों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। घर से मतदान की दी थी सहमति
10 मई के बीच टीमें हर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के घर पहुंचेंगी। फार्म-12 डी भरवाने के लिए बीएलओ को जिम्मेदारी दी गई थी। इसके अलावा एप के माध्यम से भी फार्म डाउनलोड कर लोगों ने आवेदन किए थे। इसमें 1677 लोगों ने घर से मतदान करने की सहमति दी थी। पोस्टल बैलेट से कराया जा रहा मतदान
सभी टीमें पोस्टल बैलेट के जरिए मतदाताओं को घर पर ही मतदान कराएंगी। मतदान के दौरान बुजुर्गों और दिव्यांगों को सबसे अधिक परेशानी होती है। इसलिए चुनाव आयोग ने व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत जिला प्रशासन ने 85 से अधिक उम्र के बुजुर्ग और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं की सूची तैयार की थी। सभी की रिकॉर्डिंग भी कराई जा रही
एक पोलिंग टीम में चार कर्मी तैनात किए गए हैं। इनके साथ सुरक्षा कर्मी भी भेजे गए हैं। सभी मतदाताओं की रिकॉर्डिंग भी की जा रही है। शहर लोकसभा सीट में 608 बुजुर्ग और 303 दिव्यांग हैं। अकबरपुर लोक सभा में 291 दिव्यांग और 475 बुजुर्ग मतदाता हैं।