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काशी विश्वनाथ में फिर समूह के लड्‌डू-पेड़ा बिकेगा:मंदिर न्यास से फैसला वापस लिया, कहा – महाप्रसादम् सिर्फ अमूल के काउंटर पर मिलेगा

काशी विश्वनाथ मंदिर में एक बार फिर भक्तों को लड्‌डू-पेड़ा का प्रसाद मिलेगा। जिसे बेला पापड़ समूह और महालक्ष्मी ट्रेडर्स तैयार कर रहे हैं। शुक्रवार रात को इन संस्थाओं के काउंटर मंदिर परिसर में दोबारा लगा दिए गए हैं। दरअसल, अमूल बनास डेयरी से कॉन्ट्रैक्ट के बाद इन संस्थाओं के काउंटर हटा दिए गए थे। दैनिक भास्कर ने महाप्रसादम् की क्वालिटी और 2 संस्थाओं को हटाने का मुद्दा उठाया। इसके बाद मंदिर न्यास ने अपने फैसले में बदलाव किया है। पिछले 5 साल से यही दोनों संस्थाएं मंदिर परिसर में महाप्रसादम् उपलब्ध करवा रहे थे। मंदिर न्यास CEO ने कहा – संस्थाओं को होने वाले नुकसान और प्रसाद सप्लाई को देखते हुए यह फैसला किया गया है। हालांकि, इन काउंटर पर बिकने वाले लड्‌डू-पेड़ा को महाप्रसादम् नहीं कहा जाएगा। अब तक महाप्रसादम् की चली आ रही व्यवस्थाओं को समझिए… श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास (प्रबंधन) ने परिसर में मिलने वाले महाप्रसादम् यानी लड्डू-पेड़ा तैयार करने की जिम्मेदारी 2 संस्थाओं को दी थी। पहली और प्रमुख संस्था महालक्ष्मी ट्रेडर्स और दूसरी संस्था बेला पापड़ स्वयं सहायता समूह है। दोनों मिलकर हर दिन करीब 1 हजार किलो महाप्रसादम् तैयार करते थे। महालक्ष्मी ट्रेडर्स के मालिक अशोक कुमार सेठ और बेला पापड़ से सुनीता अग्रवाल इसका संचालन करती हैं। इन्होंने अपने-अपने घर को ही कारखाना बनाया हुआ है, यहां एक शिफ्ट में 40-50 महिला-पुरुष महा प्रसाद तैयार करते रहे थे। इसकी आय से लगभग 100 लोग सीधे तौर पर रोजगार से जुड़े थे। 10 अक्टूबर को अचानक अमूल के काउंटर लगे
काशी विश्वनाथ न्यास ने 10 अक्टूबर को अचानक महाप्रसादम् बनाने वाली दोनों संस्थाओं को मना कर दिया कि अब आपका प्रसाद नहीं लिया जाएगा। विजय दशमी को भव्य आयोजन के बीच नए प्रसादम् के काउंटर मंदिर परिसर में लगा दिया गया।
तंदुल महाप्रसाद गुजरात की अमूल कंपनी बनास डेयरी तैयार कर रही है। कंपनी 200 ग्राम लड्‌डू 120 रुपए में बेच रहा है। इस बदलाव के बाद दोनों संस्थाओं के लोग CEO विश्वभूषण और कमिश्नर कौशल राज शर्मा से मिले। महिलाओं ने बताया कि प्रसाद तैयार करने के लिए एडवांस में ली गई लाखों रुपए की सामग्री बर्बाद हो गई है। कई महिलाएं बेरोजगार हो रही हैं। अधिकारियों ने उनकी बात को सुना और उन्हें मंदिर में स्टॉल लगाने की अनुमति दी है। न्यास ने निर्देश में कहा कि उनके द्वारा काउंटर पर महाप्रसाद नहीं बेचा जाएगा, बल्कि समूह की ओर से निर्मित लड्‌डू मिठाई के रूप में बेचे जाएंगे। भक्तों को खरीदारी के लिए प्रेरित नहीं करेंगे और इसको महाप्रसाद जैसा प्रचारित भी नहीं करेंगे। दोनों संस्थाएं न्यास की शर्तों पर तैयार हो गए और काउंटर शुरू कर दिए। काउंटर लगते ही भक्तों की भीड़ उस ओर भी पहुंची और प्रसाद की खरीदारी की। मंदिर के हर काउंटर पर अलग-अलग प्रकार की कई वैराइटी का प्रसाद नजर आया। हालांकि मंदिर की ओर से किसी भी वेंडर से कोई बाध्यता या शुल्क नहीं रखा गया है। महाप्रसाद के लिए अधिकृत अमूल काउंटर
CEO विश्वभूषण मिश्रा ने कहा- मंदिर का अधिकृत प्रसाद अब तंदुल महाप्रसादम् ही होगा, जिसे अमूल निर्मित कर रहा है। अमूल को कॉरिडोर के अंदर मंदिर गेट के बाहर स्थान दिया गया है। अमूल का वह काउंटर लगता रहेगा और अमूल का प्रसाद ही अधिकृत रूप से मंदिर का प्रसाद होगा।
दैनिक भास्कर बना आवाज तो लगे काउंटर
दैनिक भास्कर ने महाप्रसादम् की नई व्यवस्था की पड़ताल की। पुराने प्रसाद निर्माताओं से मुलाकात करके उनकी दुश्वारियां जानी। उनके हालात को उजागर किया तो प्रशासन ने काउंटर हटाने का फैसला वापस लेकर सभी को फिर कॉरिडोर परिसर में फिर जगह दी। सबसे पहले महालक्ष्मी ट्रेडर्स के अशोक सेठ से मिले तो उन्होंने बताया कि 5 साल से प्रसाद तैयार करने वाले कारीगर बेरोजगार हो गए। काशी विश्वनाथ की फोटो लगवाकर छपवाए 5 लाख के डिब्बे रद्दी हो गए। प्रसाद के लिए मंगाई गई 10 लाख रुपए की सामग्री भी अब किसी काम की नहीं। वहीं, बेला पापड़ समूह की अध्यक्ष सुनीता जायसवाल ने बताया कि वह 2 बार PM नरेंद्र मोदी से मिल चुकी हैं। पीएम और सीएम शाबाशी दे चुके और स्वावलंबी बनने को प्रेरित किया काउंटर पर 3-4 क्विंटल लड्‌डुओं की सेल थी। 3 दिन पहले अचानक 2 बजे सूचना दी गई कि काउंटर हटा दीजिए। जिसे बाद अब हम सब बेरोजगार हो गए। हमारे साथ ऐसी भी महिलाएं हैं, जिनके पति और बेटे की कैंसर से मौत हो चुकी है।’ कई बेघर हैं तो कुछ की रोजी रोटी लड्‌डू बनाकर चलती है। लाखों का माल एडवांस पड़ा है अगर ये बिकेगा नहीं तो हम कर्जदार हो जाएंगे। इस फैसले पर कई सवाल खड़े किए और न्यास पर खुद समेत कामगारों को बेरोजगार करने का आरोप लगाया था। मगर अब इस फैसले के बाद उन्हें काफी राहत मिली है।

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