ग्रेटर नोएडा में होटल व्यापारी कृष्ण कुमार शर्मा के बेटे कुणाल शर्मा की हत्या ब्याज के पैसे और होटल पर कब्जा करने को लेकर हुई थी। बीटा-2 थाना पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए आरोपियों को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ में एक बदमाश घायल हो गया है। इसका भी नाम कुणाल है। वहीं कांबिंग के बाद हिमांशु और मनोज को गिरफ्तार किया गया। मनोज, मृतक कुणाल का रिश्तेदार है। पुलिस ने बताया कि पूरा प्लान मनोज और हिमांशु ने तैयार किया था। पुलिस को गुमराह करने के लिए वेब सीरीज देखी थी। मनोज और हिमांशु ने इस घटना में कृणाल और उसकी गर्लफ्रेंड तन्वी को भी शामिल किया गया था। घटना के समय हिमांशु गाड़ी चला रहा था। तन्वी और कुणाल ने कुणाल (मृतक) को गाड़ी में बैठाया था। क्राइम वेब सीरीज देखकर बनाया प्लान
हिमांशु ने कुणाल के पिता से ढाई लाख रुपए लिए थे, जिसको लेकर कुणाल हिमांशु से मांग करता था। हिमांशु को पैसे वापस नहीं देना चाहता था, इसके बाद मनोज ने उससे मुलाकात की ,और दोनों ने मिलकर कुणाल की हत्या करने का प्लान बना लिया। इनके द्वारा नेटफ्लिक्स पर एक क्राइम वेब सीरीज देखी गई और करीब एक महीने तक इस पूरे प्लान को तैयार किया। इस प्लान में हिमांशु ने अपने दोस्त कुणाल और उसकी महिला मित्र तन्वी को शामिल किया। तन्वी MBBS कर रही हैं। कल रात को हुई थी मुठभेड़
कल रात को पुलिस को सूचना मिली कि कुणाल शर्मा की हत्या के आरोपी फिर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले हैं। इस सूचना पर पुलिस ने रविवार देर रात ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी इलाके में एक चेकिंग अभियान चलाया। इसी बीच एक कार आते हुई दिखाई दी। पुलिस ने रुकने का इशारा किया तो बदमाश गाड़ी लेकर भागने लगे। पीछा करने पुलिस पर गोलियां चलानी शुरू कर दिया। कुछ दूर जाकर उनकी गाड़ी अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। तीनों आरोपी फायरिंग करते हुए भागने लगे। एक बदमाश के पैर में लगी गोली, कांबिंग में दो पकड़े
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश कुणाल के पैर में गोली लग गई। वह वहीं गिर पड़ा। इसकी उम्र करीब 25 साल बताई जा रही है। पुलिस ने स्विफ्ट डिजायर गाड़ी, तमंचे के साथ अन्य सामान बरामद किया। मुठभेड़ के दौरान दो बदमाश मनोज और हिमांशु फरार हो गए। कांबिंग के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मुठभेड़ के बाद पुलिस को लगभग एक दर्जन अन्य संदिग्धों के बारे में भी जानकारी मिली है। इनमें से कुछ लोग परिचित आपराधिक रिकॉर्ड वाले बताए जा रहे हैं। इनकी तलाश की जा रही है। होटल के अंदर गई महिला, बच्चे को साथ ले गई कासना CNG पंप के पास कृष्ण कुमार का शिवा नाम से होटल है। उनके दो बेटे और तीन बेटियां हैं। कुणाल सबसे छोटा था। कृष्ण कुमार की बेटी की 10 मई को शादी है। इसी सिलसिले में 2 दिन के लिए बाहर गए थे। होटल पर बेटा कुणाल बैठा था। बुधवार दोपहर 2 बजे स्कोडा कार आई। उसमें कई लोग सवार थे। कार से एक महिला उतरी और होटल के अंदर गई। वह कुणाल को साथ ले आई और गाड़ी में बैठाकर ले गई। 5 मई को घर से 70 किलोमीटर दूर बुलंदशहर में नहर में कुणाल की बॉडी मिली। पुलिस ने दर्ज किया अपहरण का मुकदमा 1 मई को शाम 4 बजे पुलिस को कुणाल के अपहरण की सूचना मिली। पुलिस मौके पर पहुंची और CCTV चेक किया, मगर होटल का CCTV खराब था। पुलिस ने आस-पास लगे CCTV चेक किए। इनसे पता चला कि स्कोडा कार से कुणाल का अपहरण किया गया। एक महिला कार से उतरती है। उसके साथ एक आदमी भी होता है। महिला होटल के अंदर जाती है। दो मिनट बाद कुणाल को साथ लेकर बाहर आती है। जबरन कार में डालकर फरार हो जाती है। पुलिस ने पिता की तहरीर पर अज्ञात महिला और अन्य के खिलाफ बीटा-2 थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज किया। पीठ पर 5 गहरे जख्म, नुकीली चीज से मारा कुणाल की बॉडी मिलने के 36 से 48 घंटे पहले उसकी मौत हो गई थी। यानी अपहरण के तीसरे दिन ही हत्या कर दी गई थी। डॉक्टरों को कुणाल के शरीर पर 12 जगह घाव के निशान मिले। सबसे ज्यादा घाव पीठ पर हैं। 5 जगह गहरे जख्म मिले। शरीर के अगले हिस्से में 6 जगह घाव हैं। चोट का एक निशान चेहरे पर भी है। सभी जगह किसी नुकीली चीज से मारा गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, कुणाल की मौत दम घुटने से हुई है। मैं तो बेटी की शादी की तैयारी में लगा था, अब बेटे की चिता जलाकर आ रहा कुणाल के पिता कृष्ण कुमार ने बताया- कुछ लोग मेरे बेटे का अपहरण करके ले गए। मैं तो यहां पर था ही नहीं। मेरी बिटिया की शादी थी। काम से बाहर गया था। मेरा बेटा होटल पर था। तभी कार से कुछ लोग आए, एक महिला भी थी। वह मेरे बच्चे को फुसलाकर ले गई। मैंने पुलिस को सूचना दी, पर पुलिस ने मेरी नहीं सुनी। मेरे गांव के लोगों ने प्रेशर बनाया, तो रिश्तेदारों को ही उठा लिया। रातभर उन पर पट्टे बरसाए। इसके बाद मेरे होटल पर छोड़कर चले गए। इसमें से एक की हालत गंभीर है। बहन की शादी के लिए नए कपड़े लेने वाला था कुणाल हम बेटी की शादी कर रहे थे। पूरा घर खुश था। खरीदारी चल रही थी। बिटिया के लिए जेवर भी खरीद लिए थे। कुणाल अपनी बहन की शादी को लेकर सबसे ज्यादा खुश था। छोटा होने की वजह से बिटिया भी उसे बहुत मानती थी। वह बहन की शादी के लिए नए कपड़े खरीदने वाला था। उसे तो बस 10 मई का इंतजार था। 4 दिन से बेटे की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। कभी थाने के चक्कर लगा रहा था, तो कभी रिश्तेदारी के, लेकिन बेटे का कहीं पता नहीं चला। बेटी की शादी की बजाय बेटे की चिता जलाई अब मेरे बेटे की लाश मिली। बेटी की शादी करने की बजाय बेटे की चिता जलाकर लौट रहा हूं। समझ नहीं आ रहा किन दरिंदों ने मेरे बेटे को इतनी बेरहमी से मार दिया? उसने उनका क्या बिगाड़ा था? किसी को प्रॉपर्टी या कोई विवाद था, तो मुझसे सीधे बात करता। बच्चों का क्या कसूर है?