सपा कार्यालय में सूट-बूट पहने खजांची का 8वां बर्थडे अखिलेश यादव ने धूमधाम से मनाया। साइकिल और स्मॉर्ट वाच गिफ्ट की। इसके बाद से खजांची फिर चर्चा में आ गया है। खजांची कानपुर देहात के डेरापुर तहसील के अनंतपुर धौकल गांव का रहने वाला है। दैनिक भास्कर की टीम खजांची के गांव पहुंची। जाना खजांची और उसका परिवार किस हाल में है? खजांची आगे क्या करना चाहता है? सबसे पहले खजांची के जन्म की कहानी… कानपुर देहात के सरदारपुरवा गांव निवासी सर्वेषा देवी गर्भवती थीं। इसी दौरान उनके पति की मौत हो गई। ससुराल वाले उन्हें प्रताड़ित करते थे। ससुराल वालों से परेशान होकर अनंतपुर गांव में रह रही थीं। वह नौ महीने की गर्भवती थीं। सर्वेषा देवी को प्रधानमंत्री आवास के लिए पैसा आया हुआ था। इधर, 8 नवंबर 2016, रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की। पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट बंद कर दिए गए। लोगों में हड़कंप मच गया। अगले दिन सुबह बैंकों के बाहर लाइन लग गई। सर्वेषा देवी भी प्रधानमंत्री आवास का रुपए निकालने झींझक कस्बे के पंजाब नेशनल बैंक के बाहर लाइन में लग गईं। इसी दौरान प्रसव पीड़ा हुई और उन्होंने बच्चे को जन्म दिया। बैंक की लाइन में बच्चे के जन्म की खबर पूरी मीडिया में छा गया। इधर, नोटबंकी का विरोध कर रहे यूपी के सीएम अखिलेश यादव को मौका हाथ लगा। उन्होंने बच्चे का नाम खजांची रख दिया। अखिलेश खजांची का जन्मदिन हर साल मनाते हैं। मां ने कहा- अखिलेश यादव मुझे बहन मानते हैं
खजांची नाथ की मां सर्वेषा देवी ने दैनिक भास्कर से कहा कि 9 नवंबर को लखनऊ स्थित सपा कार्यालय में उनके बेटे का जन्मदिन अखिलेश यादव की मौजूदगी में मनाया गया। इस दौरान न सिर्फ उनके बेटे, बल्कि उनके परिवार को भी उपहार दिए गए और अखिलेश यादव ने उनकी तबीयत और हालचाल भी जाना। अखिलेश यादव जी मुझे अपनी बहन मानते हैं। वे मेरे परिवार की देखभाल करते हैं। शायद ही कोई नेता गरीबों के लिए इतना सोचता हो, वे मेरे लिए भगवान की तरह हैं। खजांची बोला- नेताजी की तरह बनूंगा
अखिलेश से मिलने के बाद 8 साल के खजांची में पूरा कॉन्फिडेंस है। उसने हर सवाल के जवाब तुरंत दिए। खजांची से जब पूछा गया कि वह किसके साथ लखनऊ गया था? उसने कहा- मम्मी और मामा के साथ। नेताजी ने उसे साइकिल और स्मॉर्ट वाच गिफ्ट किया है। आगे उसे अखिलेश से क्या चाहिए तो उसने बताया कि मोटरसाइकिल। खजांची की इच्छा है कि वह नवोदय विद्यालय में पढ़े। आगे पढ़कर वह नेताजी (अखिलेश यादव) की तरह नेता बनना चाहता है। खजांची अभी क्लास एक में पढ़ता है। खजांची नाथ के मामा जगदान नाथ कहते हैं- सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने न केवल बच्चे का नाम रखा, बल्कि उसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी ली। वे हमेशा इस परिवार के संपर्क में रहते हैं और जरूरत के समय उनकी मदद करते हैं। घर में 2 कमरे, मां और तीन भाइयों के साथ रहता है
खजांची से बड़े तीन और भाई हैं। तीनों प्राइमरी में पढ़ते हैं। खजांची का परिवार मामा के घर में ही रहता है, जहां दो कमरे बने हैं। वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने हैं। परिवार के सदस्य बताते हैं कि खजांची को अभी साइकिल चलाने नहीं आती है। स्कूल से आने के बाद अखिलेश यादव की दी गई साइकिल लेकर निकल जाता है। बड़े भाई उसे साइकिल चलाना सीखा रहे हैं। खजांची साइकिल की बहुत ही केयर करता है। खजांची से सपा के सांसद–विधायक मिलने आते हैं
गांव के लोग कहते हैं कि जिस तरह से अखिलेश यादव ने खजांची नाथ की पढ़ाई-लिखाई और परिवार की देखभाल की जिम्मेदारी ली है, वह एक मिसाल है। हर साल खजांची नाथ का जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बीच-बीच में अखिलेश यादव परिवार से जुड़े लोगों का हालचाल लेते रहते हैं। अक्सर सपा के बड़े नेता घर आते हैं। कुछ लोग आर्थिक मदद भी देते हैं। पिछली बार अखिलेश नगर पंचायत के चेयरमैन के चुनाव में आए थे तो उन्होंने मंच पर खजांची को साथ रखा गया। अखिलेश यादव ने सपा कार्यालय में खजांची का बर्थडे मनाते समय तंज कसते हुए कहा कि खजांची जैसे-जैसे बड़ा हो रहा है, नोटबंदी की असफलताएं और अधिक स्पष्ट होती जा रही हैं। —————— ये भी पढ़ें…. अखिलेश ने नोटबंदी में पैदा हुए खजांची का बर्थडे मनाया:कहा- सरकार बारूद बिछाना छोड़ दे, एनकाउंटर वालों का काउंटडाउन शुरू अखिलेश यादव ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर 2016 में नोटबंदी के दौरान पैदा हुए खजांची यादव का 7वीं बार बर्थडे मनाया। खजांची को लड्‌डू खिलाया। बर्थडे गिफ्ट में साइकिल दी। खजांची ने अखिलेश को कविता सुनाई। अखिलेश ने ही बच्चे का नाम खजांची रखा है। उसका यह 8वां जन्मदिन है। सिर्फ 2018 में अखिलेश खजांची बर्थडे में शामिल नहीं हुए थे। पढ़ें पूरी खबर…

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