विश्व धर्म संसद हरिद्वार के जूना अखाड़े में होने जा रही है। यह तीन दिन तक चलेगी। इससे पहले गुरुवार को महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने और जूना अखाड़े के संतों के साथ हरिद्वार के श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के भैरव घाट पर महायज्ञ किया। इसमें बांग्लादेश, पाकिस्तान, भारत सहित सम्पूर्ण विश्व के इस्लामिक जिहादियों के विनाश के लिए शत्रु विनाश की देवी मां बगलामुखी से प्रार्थना की। विश्व धर्म संसद के लिए हिंदुओं की रक्षा के लिए मंत्र पढ़े। यज्ञ में आहूतियां दी गईं। पढ़िए महायज्ञ में यति नरसिंहानंद ने क्या कहते हुए आहुतियां दीं… हे मां, सनानत धर्म के शत्रुओं का विनाश करो
बगलामुखी महायज्ञ में साधु-संतों के बीच महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने मंत्र पढ़े- हे मां, हर प्रकार से हमारी रक्षा करो, हमारे धर्म के शत्रुओं का विनाश करो, हमारे धर्म के शत्रुओं का विनाश करो। बांग्लादेश में हमारे धर्म की रक्षा करो। बांग्लादेश में हमारे सनातनी धर्म के भाई बहनों की रक्षा करो। पाकिस्तान में सनातन धर्म के मानने वालों की रक्षा करो। भारत में सनातन धर्म की रक्षा करो, इस धर्म को मानने वालों की रक्षा करो। सम्पूर्ण विश्व में सनातन धर्म की रक्षा करो। सनातन धर्म के शत्रुओं का समूल विनाश करो, हे मेरी मां- जाे सनातन धर्मियों में निर्दोष लोगों की हत्या करते हैं उनका विनाश करो, इस्लाम के जिहाद का समूल विनाश करो। इस्लाम के जिहादियों का समूल विनाश करो। बांग्लादेश में इस्लाम के जिहादियों का विनाश करो। पाकिस्तान में इस्लाम के जिहादियों का विनाश करो। भारत में इस्लाम के जिहादियों का विनाश करो। हमारे परिवार की रक्षा करो, हमारे परिवार के शत्रुओं का विनाश करो। हे मेरी मां तुम सब देनी वाली हो, तुम सब कुछ लेने वाली हो। हर प्रकार से हमारी सभी गलतियों को क्षमा करो, आपकी सदा जय हो। मां बगलामुखी और महादेव की प्रार्थना करते हुए यति नरसिंहानंद गिरी कहा- जो इस्लाम के जिहादी बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में निर्दोष हिंदुओं का नरसंहार कर रहे हैं, उनके सम्पूर्ण विनाश के बिना मानवता की रक्षा संभव नहीं है। ऐसे में मां हमारी रक्षा करो। मां और महादेव से प्रार्थना है कि हम हिंदुओं को सद्बुद्धि दे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने कहा, हम हिंदुओ में तो अब इतना दम बचा ही नहीं है कि हम इस्लाम के जिहादियों से अपने परिवार और अपने अस्तित्व की रक्षा कर सकें। अब हम सम्पूर्ण रूप से धर्मविहीन होकर कायर, अकर्मण्य हो चुके हैं। इसी कारण आज हर जगह हमारी दुर्गति हो रही है। हमारे बूते पर आजाद हुआ बांग्लादेश आज अरब,ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और कश्मीर की तरह हमारे लिए कसाईखाना बन गया है। वहां हमारी बच्चियां की दुर्गति और हमारे लोगों का भीषण नरसंहार हो रहा है। हम अपने लोगों को बचाने के लिए कुछ भी नहीं कर रहे हैं। अब मां और महादेव ही कुछ कर सकते हैं। अब हम उन्हीं से प्रार्थना कर रहे हैं। अब यदि मां और महादेव ही चाहे तो वो हम हिंदुओं को सद्बुद्धि देकर सर्वनाश से बचा सकते हैं अन्यथा तो अब बस विनाश ही विनाश दिखाई दे रहा है। महामंडलेश्वर ने कहा, आज यह यज्ञ शुरू हुआ है। जूना अखाड़े के माया मंदिर में धर्म संसद होगी। इसमें अलग अलग साधु संत, महाराज भी शामिल होंगे। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र पुरी के आशीर्वाद से यह धर्म संसद शुरू हो रही है। गंगा के तट पर यह शुरू हो रही है। ऐसे यज्ञ का मौका कभी कभी मिलता है। अलग-अलग मंत्रों को पढ़ा गया है, इसमें सनातन के शत्रओं के विनाश की प्रार्थना की गई। उनका सर्वनाश हो। महायज्ञ में मुख्य यजमान सहदेव भगत जी और विश्व धर्म संसद की मुख्य संयोजक डॉ. उदिता त्यागी जी के साथ ही श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के कोठारी श्रीमहंत महाकाल गिरी जी महाराज, यति रामस्वरूपानंद, यति सत्यदेवानंद, यति नित्यानंद, यति निर्भयानंद, यति रणसिंहानंद, यति परमात्मानंद, यति अभयानंद के साथ बड़ी संख्या में साधु संत भी उपस्थित थे। सिर्फ हिंदू धर्म के लाेग ले सकेंगे भाग शिव शक्तिधाम डासना के पीठाधीश्वर और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा हरिद्वार के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने बताया कि विश्व धर्म संसद का आयोजन हरिद्वार में किया जा रहा है। जूना अखाड़े में यह आयोजित हो रही है। इस विश्व धर्म संसद में हिंदु धर्म के लोग ही शामिल हो सकेंगे। जहां करीब एक हजार लोगों के पहुंचने का अनुमान है। यहां तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। 19 दिसंबर से यह 21 दिसंबर तक चलेगी। यह है मुख्य उद्देश्य महामंडलेश्वर का कहना है कि इसका उद्देश्य है हिंदू धर्म को बचाना। यदि धर्म नहीं बचेगा तो भारत की हालत आने वाले समय में बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसी हो जाएगी। सनातन धर्म हिंदू से है। धर्म संसद में कालीचरण महाराज, श्री हरिगिरी जी महाराज और अन्य महामंडलेश्वर और धर्म के ज्ञाता भी शामिल होंगे। 12 दिसंबर से बाग्लामुखी महायज्ञ शुरू हो रहा है, जो दस दिन तक चलेगा। यह पूर्ण आहूति तक चलेगा। अब यति नरसिंहानंद गिरि के बारे में जानते हैं… मॉस्को से इंजीनियरिंग की पढ़ाई, मां के बीमार होने पर लौट आए परदेस यति नरसिंहानंद सरस्वती का असली नाम दीपक त्यागी है। वे उत्तर प्रदेश में जिला मेरठ स्थित एक गांव के रहने वाले हैं। यति के मुताबिक, हापुड़ के चौधरी ताराचंद इंटर कॉलेज से शुरुआती पढ़ाई करके वे 1989 में केमिकल टेक्नोलॉजी की डिग्री लेने मॉस्को चले गए थे। 1994 में उन्होंने डिग्री हासिल की और 1997 में भारत लौट आए। भारत लौटने से पहले दीपक त्यागी ने मॉस्को में ही इंजीनियर के तौर पर नौकरी की। 1997 में मां के बीमार होने की वजह से उन्हें भारत लौटना पड़ा। साल-1998 में यति की मुलाकात भाजपा नेता बीएल शर्मा से हुई और इसके बाद उनका जीवन पूरी तरह बदल गया। घरेलू जीवन से संन्यास लेकर दीपक त्यागी ने अपना नाम दीपेंद्र नारायण सिंह रखा। बाद में वो यति नरसिंहानंद गिरि हो गए। साल-2007 से यति गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर हैं। फिलहाल हिंदुओं के सबसे बड़े सम्प्रदाय जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर हैं। …………………………….. ये खबर भी पढ़ें राहुल हाथरस रेप पीड़ित के परिवार से मिले:45 मिनट बातचीत की; पिता ने चिट्ठी लिखी थी-4 साल से कैद में, सरकार ने कुछ नहीं किया कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को हाथरस रेप पीड़िता के परिवार से मिले। उन्होंने 45 मिनट तक परिवार से बातचीत की। राहुल ने अचानक दौरे का प्लान बनाया। सुबह 7 बजे दिल्ली से हाथरस के लिए निकले। इसी साल, 2 जुलाई को लड़की के पिता ने राहुल को चिट्ठी लिखी थी। इसमें कहा था- 4 साल से कैद में हूं। न कोई रोजगार है। न ही रोजगार के लिए कोई बाहर जा पा रहा है। सरकार ने वादे भी पूरे नहीं किए। हाथरस में 4 साल पहले 14 सितंबर 2020 को दलित युवती के साथ दरिंदगी हुई थी। 29 सितंबर 2020 को युवती ने दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पढ़ें पूरी खबर