वाराणसी के डिवीजन / फास्ट ट्रैक कोर्ट में बुधवार को ज्ञानवापी से जुड़े एक मामले में सुनवाई होगी। इसमें वादी ने सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रशांत कुमार सिंह की अदालत में नंदी जी की मूर्ति के सामने काशी विश्वनाथ शिवलिंग होने का दावा किया है। आवेदन पर अदालत में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने जवाब दाखिल नहीं किया। जिस पर आज हर हाल में कोर्ट ने जवाब मांगा है। इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने स्थगन आदेश मांगा था। जिस पर कोर्ट ने पहले 300 और फिर दूसरी बार 1000 रुपए जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि यह स्थगन आवेदन इस शर्त के साथ स्वीकार किया जा रहा है कि अब और कोई स्थगन आवेदन नहीं दिया जाएगा। कोर्ट में शहर के बजरडीहा के विवेक सोनी और चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में 25 मई 2022 को याचिका दाखिल की थी। उनका कहना था कि ज्ञानवापी में नंदी जी की मूर्ति के सामने काशी विश्वनाथ हैं। वहां कूप बनाकर मस्जिद से संबंधित लोगों ने उन्हें ढक दिया। इससे काशी विश्वनाथ के पूजा-पाठ, भोग-प्रसाद, आरती सहित अन्य कार्यों में व्यवधान पड़ रहा है। स्थगन प्रार्थना देने पर वादी ने की कड़ी आपत्ति शिवलिंग के पूजा-पाठ समेत अन्य धार्मिक अनुष्ठान को कराया जाए। उसमें विधि विरुद्ध तरीके से अवरोध न डाला जाए। जब विचारण न्यायालय ने अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश का निस्तारण नहीं किया तो वादी ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने सिविल जज सीनियर डिवीजन को आठ सप्ताह में प्रार्थना पत्र का निस्तारण करने का आदेश दिया है। मुकदमे में यूपी सरकार जरिए मुख्य सचिव, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास बोर्ड जरिए मुख्य कार्यपालक अधिकारी और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को विपक्षी बनाया गया है। मसाजिद कमेटी की ओर से बार-बार स्थगन प्रार्थना देने पर वादी ने कड़ी आपत्ति की। अदालत आज सुनवाई पूरी कर अदालत अस्थायी निषेधाज्ञा पर सुनवाई करेगी।