मुझे कैमरे पर नहीं आना। मेरी फोटो-वीडियो मत दिखाइए। बरेली में मुझे जो जख्म मिले, वो अब किसी और को न मिले। निशा ने मेरी जिंदगी खराब कर दी। मेरे ऊपर बहुत गंदा आरोप लगाया। बीमार मां मेरे लिए कितना परेशान रही, मैं ही जानता हूं। ये दर्द उस युवक के हैं, जो साढ़े 4 साल यानी 1653 दिन झूठे रेप केस में बरेली जेल में रहा। जज का फैसला सुनते ही अजय उर्फ राघव रोने लगा। निशा को जो सजा मिली, उस पर उसने सिर्फ इतना कहा- सच कभी छिपता नहीं। जज साहब ने जब कहा कि मैं जितने दिन जेल में रहा, उतने दिन उस लड़की को सजा होगी। तब लगा कि मैं उनके पैर छू लूं, लेकिन वकीलों ने मुझे पकड़ लिया। बरेली कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला चर्चा में है। ‘उत्तर प्रदेश बनाम निशा’ केस अब हर बार दलीलों में तब दोहराया जाएगा, जब रेप का फर्जी केस सामने आएगा। दैनिक भास्कर ने इस केस हिस्ट्री की पूरी डिटेल निकाली। अजय ने क्या कुछ बताया, केस से जुड़े वकीलों ने क्या कहा, चलिए जानते हैं… सबसे पहले एक नजर पूरे मामले पर
बरेली कोर्ट ने 4 मई को निशा नाम की महिला को 1653 दिन की सजा सुनाई। वह जब नाबालिग थी, तब उसने अजय उर्फ राघव पर रेप का केस दर्ज कराया था। बाद में मामला फर्जी निकला। बरेली कोर्ट ने आदेश दिया- लड़की की वजह से एक बेकसूर लंबे समय तक जेल में रहा। जितने दिन वह जेल में रहा, उतनी ही सजा लड़की को होनी चाहिए। अजय निर्दोष है, उसे जेल से बाइज्जत बरी किया जाए। कोर्ट ने दोषी लड़की पर 5.88 लाख का जुर्माना भी लगाया। जुर्माने पर कोर्ट ने कहा- युवक जितने दिन जेल में रहा, उसकी कमाई का आर्थिक नुकसान हुआ। इसकी भरपाई की जिम्मेदारी दोषी की है। उससे वसूला गया जुर्माना युवक को दिया जाए। जुर्माना नहीं देने पर उसको 6 महीने की सजा और काटनी होगी। अब चलते हैं केस हिस्ट्री पर… अजय ने बताया- वह फिरोजाबाद का रहने वाला है। उसके पिता की मौत हो चुकी है। इसके बाद उसके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ गई। 2019 में वह काम की तलाश में बरेली आ गया। तब 21 साल का था। यहां उसने 800 रुपए महीने किराए का कमरा लिया। अजय झांकी और पार्टियों में 300 रुपए रोज पर मजदूरी करने लगा। यहां उसके साथ बरेली की निशा और उसका भाई भी काम करते थे। अजय और निशा काफी क्लोज थे। यही वजह थी कि अजय उसके घर आने-जाने लगा। 2 सितंबर 2019 को दर्ज हुई FIR
बारादरी थाना क्षेत्र में शाम को एक महिला ने FIR दर्ज कराई। उसने कहा- मैं अपनी बड़ी बेटी के घर गई थी। मेरी 15 साल की दूसरी बेटी निशा झांकी और पार्टी में काम करती है। वह घर नहीं लौटी है। उसके साथ काम करने वाला अजय उसे बहला-फुसलाकर ले गया। उसके साथ अनहोनी हो सकती है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू की। निशा को बरामद कर लिया गया। इसके बाद निशा ने अजय पर रेप का आरोप लगा दिया। उसने बयान दर्ज कराया- अजय ने मुझे नशीला पदार्थ खिलाया। इसके बाद मुझे दिल्ली ले गया। वहां मेरा रेप किया। निशा ने यही बयान कोर्ट में भी दिया। पुलिस ने अजय का 14 नवंबर, 2019 को मेडिकल कराया और उसे जेल भेज दिया। बार-बार जमानत के लिए गिड़गिड़ाता रहा अजय
अजय की तरफ से केस लड़ने वाले वकील नवीन वन गोस्वामी ने बताया- मैं एक दरोगा के पास कोर्ट के काम से बैठा था। तभी जमानत के लिए अजय का केस मेरे पास आया। वह जेल से कोर्ट आया, तो गंदे कपड़े पहने था। ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था। कचहरी में तारीख पर यही कहता था- वकील साहब, मेरी जमानत करा दो। मेरे पास पैसे नहीं हैं। मेरी मां भी बहुत परेशान हैं, मेरा कोई नहीं है। 4 साल 6 महीने में अजय 110 बार तारीख पर आया। हर तारीख पर वह जेल से पुलिस कस्टडी में आता, उसके बाद फिर जेल भेज दिया जाता। मामला रेप का था, लेकिन अजय के लिए पैरोकार नहीं था। न ही कोई जमानती था। ऐसे में हमने उसका केस लड़ा। अजय यही कहता था, मैंने रेप नहीं किया, कुछ भी गलत नहीं किया। मैं निशा के साथ झांकी में काम करता था। बस उससे बातचीत होती थी। तथ्य और साक्ष्य भी जोड़े गए, बयान से पलट गई निशा
अधिवक्ता नवीन वन गोस्वामी ने कहा- FIR में निशा की उम्र 15 साल लिखवाई गई। पुलिस ने जब उसका मेडिकल कराया, तब उसकी उम्र करीब 19 साल निकली। यह पहला क्लू था। इसके बाद निशा बयान से पलट गई। ADGC क्राइम सुनील पांडेय ने कहा- 8 फरवरी, 2024 को निशा केस की हियरिंग के लिए कोर्ट पहुंची। कोर्ट में वह अपने बयान और साक्ष्य से पलट गई। उसने कहा कि FIR मेरी मां ने गलत तरह से लिखवाई थी। मेरा रेप नहीं हुआ। न ही मुझे दिल्ली ले जाया गया। नशीला पदार्थ भी नहीं खिलाया गया। पुलिस और मेरी मम्मी ने कहा था कि यह बयान देना, वर्ना मुझे नारी निकेतन भेज दिया जाएगा। निशा ने कहा कि वो पढ़ी-लिखी नहीं है। बहकावे में आकर गलत बयान दे दिया। अब उसकी शादी हो चुकी है। बार-बार केस की सुनवाई के लिए कोर्ट आती है। यह बात ससुराल वालों और पति को टेंशन देती है। इसलिए वो सच बता रही है, ताकि केस खत्म हो जाए। कोर्ट ने सुनाई सजा
ADGC क्राइम सुनील पांडेय ने बताया- अपर सेशन जज-14 ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि मामला बहुत गंभीर है। झूठे मुकदमे की वजह से अजय 2019 से 8 अप्रैल, 2024 तक जेल में रहा। उसको जेल में 4 साल 6 महीने और 8 दिन बिताने पड़े। अब लड़की को भी इतने ही दिन की सजा होनी चाहिए। जज ने कहा- इस तरह की महिलाओं के कृत्य से वास्तविक पीड़िताओं को नुकसान उठाना पड़ता है। यह समाज के लिए बेहद गंभीर स्थिति है। अपने मकसद को पूरा करने के लिए पुलिस और कोर्ट को जरिया बनाना आपत्तिजनक है। गलत फायदे के लिए महिलाओं को पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं दी जा सकती। यह मुकदमा उन महिलाओं के लिए नजीर बनेगा। कोर्ट ने महिला को दोषी ठहराते हुए कहा- सरकार और कोर्ट महिलाओं से संबंधित शिकायतों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करती है। अब इसका मतलब यह नहीं कि महिलाएं अपनी सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून का दुरुपयोग करें और पुरुषों के अधिकारों का उल्लंघन हो। वह भी दुर्भावना में। अजय बोला- मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई
अजय ने बताया- सोचा नहीं था कि मैं बरेली जाऊंगा, तो मुझे जेल हो जाएगी। मैं जेल में रात में भी रोता था कि भगवान मैंने क्या बुरा किया है? कई बार मुझे लगता कि एक दिन कोर्ट से इंसाफ मिलेगा। मुझे इंसाफ मिला। अजय ने कहा- मेरे पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। मम्मी और रिश्तेदारों ने बहुत मदद की। वह हमेशा मेरी जमानत के लिए बरेली कचहरी आते थे। मैं अपने दोस्तों को भी भूल चुका हूं। मेरा मोबाइल, कुछ पैसे और आधार कार्ड थाने में ही पुलिस ने जमा कर लिए थे। मैं अभी भी किसी से मिल नहीं पा रहा हूं, क्योंकि शर्मिंदा हूं। TV से पता चला कि लड़की को जेल हो गई
बरेली के नेकपुर में चंद्रपाल मौर्य का मकान है। इसी मकान में अजय किराए के कमरे पर रहता था। जब वह जेल गया, तब उसका पूरा सामान इसी कमरे में छूट गया। दैनिक भास्कर की टीम जब यहां पहुंची, तो मकान मालिक नहीं मिले। एक लड़की ने बताया- हां, यहां अजय 1 महीने तक रहा। उसके बाद पता नहीं सामान छोड़कर वो कहां चला गया। आस-पास के लोग भी उसे भूल गए थे। अब न्यूज से पता चला कि जो हमारे मकान में किराए पर रहा था, वह झूठे मामले में जेल गया था। अब उस लड़की को जेल हो गई।