मैनपुरी की करहल सीट पर 22 साल से सपा का कब्जा है। हालांकि भाजपा ने यहां अखिलेश के रिश्तेदार अनुजेश प्रताप को टिकट देकर माहौल गरमा दिया। इसके बाद पूरे यादव परिवार को सपा प्रत्याशी तेज प्रताप यादव के समर्थन में चुनाव प्रचार में उतरना पड़ा। क्या सपा इस बार भी करहल सीट पर जीत का रिकॉर्ड कायम रख सकेगी? सवाल पर तेज प्रताप यादव का कहना है कि ये नेताजी की सीट है, यहां सपा रिकॉर्ड बनाएगी। यादव वोट में कोई सेंध नहीं लगा पाएगा। उनका इशारा अनुजेश यादव की तरफ था। शिवपाल के चुनाव में गड़बड़ी करने वालों के नाम नोट करने के सवाल पर तेज प्रताप ने कहा- कई घटनाएं हुईं, कई वीडियो आए, चुनाव आयोग ने ऐसा कुछ नहीं किया कि लगे सरकार को उनका डर है। उपचुनाव में यादव V/S यादव पर कहते हैं- 1996 में नेताजी ने चुनाव लड़ा, तब भी ऐसा हुआ था। लेकिन, फायदा तो सपा को ही हुआ। BJP एंटी मुस्लिम है। पहले धर्म पर बांटा, अब जाति पर बांट रही है। करहल में चुनाव प्रचार कर रहे तेज प्रताप से दैनिक भास्कर ने ऐसे ही कई सवाल पूछे, पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल : प्रचार के दौरान लोगों का कैसा रिस्पॉन्स मिल रहा?
जवाब : उपचुनाव में पब्लिक हमारे साथ है। लोगों का समर्थन मिल रहा है। करहल से सपा और नेताजी का पुराना रिश्ता रहा है। यहीं उन्होंने पढ़ाई की और पढ़ाया भी। कई पीढ़ी से लोग सपा से जुडे़ रहे हैं। BJP के लोग जिस तरह से शासन चला रहे, उससे यहां के लोगों में गुस्सा है। वे बदलाव चाहते हैं। इसी सोच के साथ वोट करेंगे। सपा की बड़ी जीत होगी। सवाल : BJP ने अनुजेश यादव को उतारा, कितनी टक्कर मानते हैं?
जवाब : कैंडिडेट और परिवार, इन बातों से कोई लेना-देना नहीं। यहां सीधे सपा और भाजपा का मुकाबला है। सपा ने करहल और मैनपुरी के लिए तमाम काम किए। आप जिले में कहीं भी जाइए, सरकारी बिल्डिंग, ओवरब्रिज, स्कूल सपा सरकार की देन हैं। अब बात भाजपा की करते हैं। उन्होंने हमारे लोगों के खिलाफ फर्जी मुकदमे कराए। हर तरह से परेशान किया। सवाल : अनुजेश को उतार कर क्या भाजपा ने यादव वोटर को नया विकल्प दिया?
जवाब : कोई फर्क ही नहीं पड़ेगा। यादव वोट में कोई सेंध नहीं लगा पाएगा। हां, ये जरूर है कि उनके आने से सपा को बहुत फायदा हो रहा। पहले हमें दूसरे समाज का वोट नहीं मिलता था, लेकिन इस बार उनका समर्थन भी मिल रहा है। सवाल : योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के खिलाफ सपा ने ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ नारा दिया?
जवाब : भाजपा की राजनीति हमेशा से बांटने की रही है। सपा हमेशा जोड़ने की बात करती है। गरीब-अमीर, अगड़ा-पिछड़ा, हम सभी लोगों को जोड़ने का काम कर रहे हैं। सवाल : शिवपाल कह रहे, गड़बड़ी करने वालों को पहचान लें, आपको भी ऐसा लग रहा?
जवाब : गड़बड़ी तो हर चुनाव में हो रही है। खुलेआम लोकतंत्र का मजाक बनाया जाता है। कई वीडियो आते हैं। कई घटनाएं भी रिकॉर्ड हुईं। लेकिन, चुनाव आयोग ने ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे लगे कि सरकार को चुनाव आयोग का डर है। सवाल : केशव मौर्य ने कहा कि सपा समाप्तवादी पार्टी हो जाएगी, क्या कहेंगे?
जवाब : केशव जी तो लगातार विधायकों से मिल रहे हैं, लेकिन समर्थन नहीं जुटा पा रहे। उनके लिए मैं क्या ही कहूं? वो डिप्टी सीएम हैं। बस यही कहूंगा कि इतने सालों से डिप्टी सीएम बने हैं, तो अपने विभागों से कुछ काम कराएं। सवाल : नसीम सोलंकी ने पूजा की। भाजपा विधायक ने मुस्लिम टोपी पहनी, इसे कैसे देखते हैं?
जवाब : सपा सभी धर्मों का सम्मान करती है। हमने कभी धर्मों को बांटकर नहीं देखा। भाजपा एंटी मुस्लिम है। हमेशा धर्म में बांटा, फिर जातियों में बांटा। भाजपा ने हमेशा बांटने का काम किया। चुनाव के समय वो कोई भी शिगूफा छोडे़ं, जनता उनकी सच्चाई जानती है। सवाल : भाजपा ने यादव वर्सेज यादव कर गोत्र की लड़ाई शुरू की। घोसी और कमरिया में बांटा?
जवाब : इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। घोसी और कमरिया में आपस में शादी-ब्याह होते हैं। इससे कोई बंटवारा नहीं होने वाला। इस तरह का प्रयास पहली बार नहीं हुआ। 1996 में नेताजी ने चुनाव लड़ा था, तब भी ये प्रयास किया गया था। सवाल : मैनपुरी से विधायक और मंत्री जयवीर सिंह कहते हैं, उन्होंने यहां की तस्वीर बदल दी?
जवाब : मैनपुरी की सरकारी बिल्डिंग, स्कूल-कॉलेज को देखिए। वहां किसकी पटि्टयां लगी हैं। इससे खुद समझ आ जाएगा, किसने-कितना विकास किया। सवाल : सपा प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा करती है?
जवाब : हमारे क्षेत्र में हाल की घटना है। भाजपा के लोगों ने कठेरिया समाज के लोगों को बुरी तरह से पीटा। उनको केवल इसलिए मारा कि उन्होंने भाजपा को वोट देने से मना कर दिया। बड़ी मुश्किल में उनकी रिपोर्ट दर्ज हुई, वो भी बहुत हल्की धारा में। इससे भाजपा की मानसिकता पता चलती है। सवाल : भाजपा उपचुनाव में सभी 9 सीट जीतने का दावा कर रही?
जवाब : भाजपा तो लोकसभा में 80 सीट जीतने का भी दावा कर रही थी। भाजपा को बातों में कोई नहीं हरा सकता। उनको वोट से हराया जा सकता है। ये बात जनता भी जान गई है। —————- अब करहल सीट की हवा का रुख पढ़िए… अखिलेश की करहल सीट पर ‘भतीजा’ मजबूत, 2002 के यादव फॉर्मूले से BJP को जीत की उम्मीद; अनुजेश को उतार मुकाबले में आई मैनपुरी की करहल सीट को सपा अपना मजबूत गढ़ मानती है। 2 दिन पहले तक इस सीट पर एकतरफा चुनाव दिखाई दे रहा था, लेकिन 24 अक्टूबर को भाजपा ने जैसे ही अनुजेश यादव को अपना प्रत्याशी बनाया। सीट चर्चा में आ गई। भाजपा ने यहां ‘यादव कार्ड’ खेलकर खुद को मजबूत मुकाबले में खड़ा कर दिया है। अनुजेश यादव सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के बहनोई हैं। करहल में अब सपा बनाम भाजपा नहीं, बल्कि यादव बनाम यादव की लड़ाई होगी। लेकिन, वोटर्स का इमोशनल कनेक्शन अभी भी सपा के साथ है। भाजपा ने यहां पूरी ताकत झोंक रखी है। अखिलेश यादव ने खुद कमान संभाल रखी है। पढ़िए पूरी खबर..

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