पिछले दिनों मुझे पाकिस्तान से आए कुछ हिंदुओं के बीच सत्संग करना था। वहां मेरी जब लोगों से बात हुई तो उनका कहना था कि हिंदुओं को पाकिस्तान में परेशानी तो है। हम ईश्वर के भरोसे ही रहते हैं। कुल मिलाकर हिंदू मध्यम वर्ग में है और मध्यम वर्ग की वहां मुसीबत है। तब मुझे याद आया कि मध्यम वर्ग भारत में भी बहुत पिसा है, लेकिन दृश्य बदला भी है। विकास के चक्र में पिछले दो सालों में मध्यवर्ग ने बहुत अच्छे ढंग से प्रवेश किया है। हमारे देश में 1 अरब से अधिक मोबाइल धारक हैं और इसमें मध्यवर्ग की बड़ी भूमिका है। इस वर्ग के साथ एक और विशेषता देखी जा रही है- धर्म के प्रति रुझान। आज अधिकांश धार्मिक स्थल इसी वर्ग के कारण अपनी गरिमा को स्पष्ट कर रहे हैं। और जब धर्म जीवन में प्रवेश करता है तो एक आत्मविश्वास जागता है। कुछ लोगों में अंधविश्वास भी जागता है। पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं के लिए धर्म का आत्मविश्वास बड़ा सहारा बनेगा। लंका में रह रहे विभीषण को भी राम मिल गए थे। भरोसा और विश्वास बनाए रखें। ईश्वर चलकर हमारे जीवन में आएगा।