बरेली लोकसभा सीट पर वोटिंग सुबह 7 बजे से जारी है। दोपहर 3 बजे तक 45.96% मतदान हुआ। शाम 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे। बरेली सीट पर बसपा प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया, ऐसे में यहां फाइट भाजपा और सपा के बीच ही है। बरेली में कुल 9 प्रत्याशी मैदान में हैं। बरेली लोकसभा में 1644 मतदान केंद्रों में 3089 बूथ बनाए गए हैं। बरेली से भाजपा ने पूर्व विधायक छत्रपाल गंगवार को प्रत्याशी बनाया है, वहीं सपा ने पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन को प्रत्याशी बनाया है। बरेली में शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है। मतदान से जुड़ी पहले तस्वीरें देखिए- चुनाव के लिए 15,000 जवान लगाए
पैरामिलेट्री फोर्स के नोडल अधिकारी और एसपी देहात मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि चुनाव के मद्देनजर दूसरे जिलों से भी फोर्स की ड्यूटी लगाई गई है। शहर व देहात अलग अलग स्थानों पर अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है। बरेली जिले से 2 हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी चुनाव में लगी है। वहीं 13 हजार जवान बाहर से हैं, इनमें 35 कंपनी पैरामिलेट्री के जवान लगाए गए हैं। पूरे जिले की दोनों लोकसभा सीटों पर 15 हजार जवान लगाए गए हैं। बरेली लोकसभा में कुल वोटर बरेली सीट पर 29 हजार वोटर पहली बार डालेंगे वोट बरेली सीट पर भाजपा प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार
बरेली सीट पर भाजपा प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार की राजनीति पर नजर डालें तो बहेड़ी विधानसभा सीट से दो बार विधायक चुने जा चुके हैं। साल 2007 में सपा के अताउर रहमान को और वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार नसीम अहमद को उन्होंने मात दी थी। पेशे से शिक्षक रहे छत्रपाल की किसानों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। वह संघ से भी जुड़े रहे हैं, इसलिए इस बार संतोष गंगवार का टिकट कटने के बाद टिकट पाने में कामयाब रहे। छत्रपाल, संतोष गंगवार को अपना राजनीतिक गुरु भी मानते रहे हैं। PM मोदी के बाद अमित शाह की रैली इस सीट पर अहम मानी जा रही है। बरेली सीट पर सपा प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन
बरेली सीट पर सपा प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन भी सपा में सबसे मजबूत नेता माने जाते हैं। वह वैश्य बिरादरी से हैं, बरेली सीट पर वैश्य बिरादरी भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। 2009 के लोकसभा चुनाव में प्रवीण सिंह ऐरन ने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और भाजपा के कद्दावर नेता संतोष गंगवार को हराया। पिछले साढ़े 3 दशक में एक बार ही इस सीट पर 8 बार के सांसद संतोष गंगवार लोकसभा चुनाव हारे हैं, वह भी प्रवीण सिंह ऐरन से। प्रवीण सिंह ऐरन इस समय सपा से प्रत्याशी हैं। इनकी पत्नी सुप्रिया ऐरन भी पूर्व महापौर रही हैं। बरेली में भाजपा की स्थिति मजबूत
पॉलिटिकल एक्सपर्ट के अनुसार, ‘शुरुआत में संतोष गंगवार का टिकट कटने के बाद गंगवार बिरादरी में 2 फाड़ दिखी। लेकिन प्रधानमंत्री के रोड शो ने इस बिरादरी को फिर एक खेमे में कर दिया। लोगों में भाजपा के लिए गुस्सा है, मगर हिंदुत्व की बात आते ही यह मुद्दे हवा-हवाई दिखाई दे रहे। बरेली भाजपा का गढ़ रहा है। इस चुनाव में भी भाजपा के छत्रपाल गंगवार मजबूत चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन हैं। ऐरन को मुस्लिम-यादव बिरादरी का सपोर्ट है, मगर भाजपा यहां मजबूत दिख रही है।’ सीनियर जर्नलिस्ट अनुरोध भारद्वाज कहते हैं, ‘बरेली में दलित बिरादरी साइलेंट है। बसपा किसे समर्थन देगी, ये साफ नहीं। इसका फायदा भाजपा को मिलता दिख रहा है। अब भाजपा का पूरा फोकस बसपा के कोर वोटर दलित पर है। ये बिरादरी करीब पौने दो लाख है।’ चुनाव के लिए महत्वपूर्ण बातें बरेली शहर में रूट डायवर्जन
7 मई यानी आज बरेली व आंवला लोकसभा में वोटिंग है। वोटिंग के बाद यहां पर ही ईवीएम जमा की जाएगीं। एसपी ट्रैफिक शिवराज सिंह ने बताया कि परसाखेड़ा में व्यवस्था को संभालने के लिए रुट डायवर्जन किया गया है। यह डायवर्जन 5 मई की शाम से 7 मई की रात्रि तक रहेगा। इसे बढ़ाया भी जा सकता है। क्योंकि सभी पोलिंग पार्टी ईवीएम जमा करायेंगी।

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