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​​​​​​​बेरहम ससुराल वालों में कोख में मार दिए सात बच्चे:बेटी इस विश्वास में रही, सबकुछ ठीक हो जाएगा, मगर दे दी मौत

“मेरी बेटी सोनम का कोई कसूर नहीं था। वह सिर्फ इतना चाहती थी कि ससुराल वाले उसे टॉर्चर न करें। लेकिन ससुराल वाले बेरहम थे। बड़े बेटे ऋषि (7) के जन्म के बाद भी उसे परेशान करना नहीं छोड़ा। वे दहेज के लिए उसे ताने मारते थे। वे चाहते थे कि सोनम और बच्चे पैदा न करे। घर से दहेज में अतिरिक्त कैश और सामान लेकर आए। उसे दवा खिलाकर सात बच्चे कोख में ही मार दिए। फिर जब उसने शिकायत दर्ज कराई तब जाकर आठवीं बार वह गर्भवती हुई। उसने बेटे आर्यन (8 माह) को जन्म दिया। जिसके बाद उन्होंने ससुराल वालों ने उसे मारने का फैसला किया। मौका पाकर दामाद ने अपने परिवार के साथ मिलकर 3 अक्तूबर की सुबह सोनम की हत्या कर दी। उसके बाद परिजन के पहुंचने से पहले ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। मेरी बस सिर्फ एक ही इच्छा है कि जैसे बेटी को मौत के घाट उतार दिया गया। वैसे ही उसके पति भूपेन्द्र को फांसी दे दी जाए।” ये कहना है सोनम की मां माधुरी देवी का। उन्होंने दैनिक भास्कर से बात कर अपनी बेटी की आपबीती बयान की। माधुरी देवी की जुबानी आपको सोनम की पूरी कहानी बताते हैं। 9 साल पहले आगरा के भूपेन्द्र से हुई थी शादी कानपुर के दुर्गा देवी रोड, बजरिया थाने की रहने वाली सोनम की शादी आगरा के शाही ग्राम के रहने वाले भूपेन्द्र से 2015 में हुई थी। चमनगंज के रहने वाले एक रिश्तेदार ने शादी में बिचौलिये की भूमिका निभाई थी। शादी के बाद उनकी मौत हो गई। भूपेन्द्र और उसके परिवार वाले सम्पन्न है। भूपेन्द्र की खुद अपनी कपड़े की दुकान है। उसके पिता सोनवीर की खुद की फल की दुकान है। इसके अलावा एक मेडिकल स्टोर है। जो भूपेन्द्र का भाई सुरेश चलाता है। अछनेरा आगरा में उनके खुद के दो मकान है। खेती बाड़ी और गाय भैंस भी पाल रखी है। इतना सम्पन्न होने के बाद भी सास ससुर और देवर अक्सर सोनम को अतिरिक्त दहेज लाने का ताना मारते थे। उससे मारपीट करते थे। डेढ़ साल से बेटी को नहीं देखा था सोनम से फोन पर तो रोज बात होती थी मगर पिछले डेढ़ साल से बेटी कानपुर नहीं आई। इसलिए उसे देख नहीं पाई। आखिरी बार 2 अक्तूबर को फोन पर बात हुई थी। तब भी उसने दहेज में अतिरिक्त सामान लाने और टॉर्चर किये जाने की बात कही थी। बेटी ने कहा था, मामला इतना बिगड़ चुका है कि उसकी जान पर बन आई है। देवर ज्यादा बदमाशी करता है। वह पति से कह चुकी है कि अलग घर लेकर रहे। मगरलेकिन ससुराल वाले उसे अलग भी नहीं होने दे रहे हैं। शिकायत दर्ज कराने पर टार्चर करना कम हुआ दामाद भूपेन्द्र और उसके घरवालों ने सोनम के गर्भ में सात बच्चों को दवा देकर मार दिया था। उसने अछनेरा थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस घर पर आई थी। उसके बाद ससुराल वालों नेका टार्चर करना थोड़ा कम हुआ। वह जब आठवीं बार गर्भवती हुई तो बेटा आर्यन पैदा हुआ। उसी समय ससुराल वालों ने सोनम को रास्ते से हटाने की पूरी योजना बना ली थी। 3 अक्तूबर को ससुराल वालों ने सोनम की कर दी हत्या भूपेन्द्र ने अपने परिवार के साथ मिलकर 3 अक्तूबर की सुबह सोनम की हत्या कर दी। उसके बाद मुझे फोन करके उसके मरने की सूचना दी। उसके बाद हम लोगों के पहुंचने से पहले ही सोनम का अंतिम संस्कार कर दिया गया। जिसके बाद 15 अक्तूबर को मैंने अछनेरा थाने में दामाद समेत ससुराल के 6 लोगों के खिलाफ हत्या समेत अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज कराई थी। पोर्टल में शिकायत दर्ज कराने के बाद हुई एफआईआर मैंने चार बार अछनेरा थाने के चक्कर लगाया लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की।आखिर में वकील से सम्पर्क कर सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद अछनेरा थाने के इंचार्ज और अन्य पुलिस कर्मियों ने फोन पर काफी अभद्रता की और फिर 14 अक्तूबर को फोन कर कहा कि 15 अक्तूबर को आकर अपनी एफआईआर कॉपी ले जाना। पुलिस वाले ही अब समझौते का दबाव बना रहे हैं। दवा के द्वारा गर्भपात कराने से नहीं कोई नुकसान कानपुर मेडिकल कॉलेज की गायनकोलॉजिस्ट डॉ सीमा द्विवेदी के मुताबिक स्त्री को अगर दवा के द्वारा गर्भपात कराया जा रहा है और ये हर साल हो रहा है तो इससे उसे कोई बड़ी शारीरिक समस्या पैदा नहीं होगी। ये एक प्रोसेस है। कुछ साइड इफेक्ट आते हैं मगर वो समय के साथ खुद ठीक हो जाते हैं

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