”बचपन में ही मेरी मम्मी हम लोगों को छोड़कर चली गईं। पापा ने हम लोगों की देखभाल के लिए दूसरी शादी की। लेकिन, दूसरी मम्मी को हम दोनों भाई-बहन नहीं पसंद थे। पापा हम दोनों से बेहद प्यार करते थें। वे जब भी दफ्तर से काम कर घर लौटते थे तो हम दोनों भाई-बहन बच्चों के साथ वक्त जरूर गुजारते थे। हमें वे इतना दुलार-प्यार करते थे कि हमें अपनी मां की कमी महसूस न होने पाई। लेकिन, दूसरी मम्मी को हमारा हम दोनों के लिए पापा का यह प्यार पसंद नहीं था। इस बात को लेकर अक्सर घर में मम्मी-पापा में लड़ाई भी होती थी। कल भी यही हुआ था। फिर बात इतनी बढ़ गई कि मम्मी-पापा दोनों हम लोगों को छोड़कर चले गए। अब हमारा कोई नहीं है।” मासूम की बात सुन नम हो गई सभी की आंखें
यह शब्द है 10 साल के कृष्णा कुशवाहा के। जिसके पिता और सौतली मां ने एक साथ फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। बेटे ने जब मां-बाप की लाश फंदे से लटकती देखी तो उसने ही अपने बड़े पिता को फोन कर बताया। परिवार के लोग और पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने जब बच्चों से बात की तो पत्नी संग सुसाइड कर चुके रेलवे कर्मचारी राम कृपाल कुशावाहा के बेटे ने जो बताया, वह सुन पुलिस वालों की भी आंखें नम हो गईं। शाम में भी मम्मी ने फांसी लगाने की कोशिश की थी
बेटा कृष्णा ने पुलिस को बताया, सोमवार को सुबह से ही मम्मी-पापा में लड़ाई हो रही थी। मम्मी बार-बार पापा से बोल रही थी कि अभी कुछ कर लेंगे। शाम के टाइम तो एक बार मम्मी कमरे में फांसी लगाने की भी कोशिश की थीं। लेकिन, पापा ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया। घर में इतना टेंशन हो गया कि रात में घर में खाना भी नहीं बना। फिर पापा हम दोनों भाई-बहन को लेकर बाहर गए और बाहर ही हम लोगों को खाना खिलाए। मम्मी के लिए भी खाना पैक कराकर घर लाए और फिर बोले कि खाना खा लो। नाराज होकर कमरे में चली गईं मम्मी
लेकिन, मम्मी खाने को तैयार नहीं थी। इस बात पर भी घर में काफी देर तक लड़ाई होती रही। फिर मम्मी गुस्से में उठीं और अपने कमरे में चली गईं। पापा हम दोनों के पास ही थे। हम दोनों को सुलाने के बाद पापा भी मम्मी के कमरे में चले गए। कुछ देर बाद मेरी नींद खुली तो मैं पापा को देखने उनके कमरे में गया। दरवाजा खुला हुआ था। अंदर जाते ही देखा तो मम्मी-पापा दोनों फंदे से लटके हुए थे। उनके गले में रस्सी बंधी हुई थी। मैं डर गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा। मेरी आवाज सुनकर मेरी छोटी बहन गुनगुन भी उठ गई। फिर हम दोनों रोने लगे। जल्दी से पापा के फोन से बड़े पापा रामजनम को फोन किए और उन्हें सबकुछ बताए। बड़े पापा ने हम लोगों को समझाया कि परेशान मत हो, हम लोग आ रहे हैं। बड़े पापा ने यहां आसपास रहने वाले हमारे पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार को फोन किया। कुछ ही देर में सभी लोग आ गए। ​ नाइलान की रस्सी से स्टूल पर चढ़कर लगाई थी फांसी
मौके पर पहुंचे रिश्तेदार ने इसकी सूचना पुलिस को दी। शाहपुर पुलिस मौके पर पहुंच कर कमरे के अंदर पहुंची और फंदे से लटक रहे दोनों के शव को नीचे उतारा। कमरे में लोहे की पाइप से डबल लेन के नाइलान की रस्सी से रोशन और सिंगल लेन नाइलान की रस्सी से राम कृपाल का शव लटका हुआ था। पुलिस ने कमर से एक सुसाइड नोट बरामद किया है। जिसमें उसने शादी करवाने वाले दिनेश नामक व्यक्ति और ससुरालियों पर परेशान करने का आरोप लगाया है। फर्श से टच हो रहे थे दोनों के पांव
फंदे से लटक रहा रेलकर्मी और उसकी पत्नी के शव का पैर कमरे में फर्श को छू रहा था। राम कृपाल का पैर मुड़ा हुआ था। सीओ गोरखनाथ योगेंद्र सिंह ने अंदेशा जताया कि कमरे में स्टूल पर चढ़कर पहले पत्नी ने फंदे से लटक कर खुदकुशी की। इसके बाद रेलकर्मी रस्सी का फंदा लगाकर लटक गया। पत्नी को फंदे से लटका देख पति ने भी लगाई फांसी
वहीं, पुलिस की जांच में सामने आया है कि जब राम कृपाल बच्चों को सुलाकर अपने कमरे में पहुंचे तो उनकी पत्नी रोशनी फांसी लगा चुकी थी। शायद पहले से परेशान चल रहे रामकृपाल यह देख बर्दाश्त नहीं कर पाए और फिर उन्होंने भी पत्नी के साथ फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। रेलकर्मी और उसकी पत्नी ने सुसाइड किया, एक साल पहले की थी दूसरी शादी
दरअसल, गोरखपुर में एक रेलवे कर्मचारी ने पत्नी के साथ सुसाइड कर लिया। दोनों के शव मंगलवार सुबह घर में फंदे से लटकते मिले। रेलकर्मी ने 1 साल पहले दूसरी शादी की थी। पहली पत्नी के बच्चे भी साथ रहते थे। इसे लेकर दोनों के बीच विवाद था। कमरे से पति का लिखा एक सुसाइड नोट भी मिला। इसमें ससुराल वालों और शादी कराने वाले मीडिएटर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। दंपती के सुसाइड के समय दोनों बच्चे घर में ही थे। बच्चों के मुताबिक, देर तक दोनों में झगड़ा होता रहा। फिर सब सोने चले गए। कुछ देर बाद बच्चे अंदर गए तो देखा कि दोनों के शव फंदे पर लटका है। रोते-बिलखते बच्चों ने इसकी जानकारी बड़े पिता को दी। कुछ ही देर में सभी रिश्तेदार पहुंच गए। फिर उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। देर शाम हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी दोनों के मौत की वजह हैंगिंग यानी कि फांसी आई है। रेलकर्मी अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ शाहपुर इलाके की डेयरी कॉलोनी में रहते थे। दोनों बच्चे पहली पत्नी से हैं। बेटे की उम्र 10 साल और बेटी की 8 साल है। 2 साल पहले हुई थी पहली पत्नी की मौत
मूल रूप से देवरिया के रहने वाले राम कृपाल कुशवाहा (44) डेयरी कॉलोनी के क्वार्टर संख्या 260-A में रहते थे। वह रेलवे के यांत्रिक कारखाना में फीनिशिंग हेल्पर थे। राम कृपाल की पहली पत्नी ममता कुशवाहा की 2 साल पहले कैंसर से मौत हो गई थी। साल 2023 में उन्होंने रोशनी (38) नाम की महिला से दूसरी शादी की। वह देवरिया के सलेमपुर खुखुंदू के भैंसा गांव की रहने वाली थी। राम कृपाल पत्नी रोशनी और दो बच्चों के साथ रहते थे। वह जब भी दफ्तर से लौटते थे, तो वे अपने दोनों बच्चों के साथ वक्त गुजारते थे। बच्चों ने पुलिस को बताया कि इस बात को लेकर घर में विवाद होता था। रिश्तेदारों ने बताया- शादी के 1 साल बीत जाने के बाद भी रोशनी के बच्चा नहीं हो रहा था। राम कृपाल रोशनी का डॉक्टर से इलाज भी करा रहे थे। दूसरी बार मासूमों के सिर से छीना मां का आंचल
राम कृपाल अपने दोनों बच्चों से बेहद प्यार करते थे। पहली पत्नी की मौत के बाद मां के प्यार की कमी को पूरा करने के लिए उन्होंने दूसरी शादी की लेकिन उनका यह फैसला गलत साबित हुआ। इसे लेकर अक्सर वे परेशान रहते थे। पति-पत्नी की खुदकुशी से जहां दोनों बच्चे अनाथ हो गए। वहीं, दोनों मासूमों की जिंदगी में दूसरी बार मां का आंचल छिन गया। एक पिता ने अपने दोनों बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए जिस महिला को घर लाया वही महिला जान की दुश्मन बन गई। 2022 में पत्नी की मौत होने पर मासूम कृष्णा की उम्र 8 साल थी। जबकि, बेटी की उम्र 6 साल थी। रविवार को गांव गए थे राम कृपाल
भाई के खुदकुशी करने की सूचना पर पहुंचे बड़े भाई रामजनम ने बताया कि रविवार को वह गांव गया था। खेतीबारी में हाथ बंटाने के बाद वह गोरखपुर आ गया। एक बार भी उसने अपनी परेशानी साझा नहीं किया। राम कृपाल तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। बड़े भाई कुंज बिहारी दिल्ली में रहते हैं। जबकि, उससे छोटे भाई रामजनम गांव में परिवार के साथ रहते हैं। दूसरी पत्नी को नहीं हो रही थी संतान
रामकृपाल जब भी दफ्तर से काम कर घर लौटते थे तो वे अपने दोनों बच्चों के साथ थोड़ा वक्त गुजारते थे। बच्चों को वे इतना दुलार-प्यार करते थे कि यह देख दूसरी पत्नी रोशनी को जलन होती थी। इस बात को लेकर अक्सर घर में विवाद भी होता था। इसकी एक वजह यह भी सामने आई है कि शादी के डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी ममता को संतान नहीं हो रहे थे। हालांकि, इसके लिए वे डॉक्टर से इलाज भी करा रहे थे।

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