महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर आरोपों तय करने को लेकर अब 10 मई को फैसला आएगा। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने पहले 7 मई को फैसला सुनाने की तारीख तय की थी। लेकिन अब 10 मई को फैसला सुनाया जाएगा। दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद बृजभूषण के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर मुकदमा चलाने की सिफारिश की थी। बृजभूषण शरण सिंह की मामले की दोबारा जांच की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने 26 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने कहा था कि मामले में आरोपों पर फैसला 7 मई को सुनाया जाएगा। बताते चलें कि यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे कैसरगंज के सांसद बृजभूषण सिंह का इस बार भाजपा ने टिकट काट दिया है, उनकी जगह उनके बेटे करण भूषण को टिकट दिया है। करण भूषण गोंडा सदर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं। सांसद बृजभूषण ने दी थी ये दलील बृजभूषण शरण सिंह की तरफ से पेश वकील ने 18 अप्रैल को कोर्ट में एक अर्जी देकर दिल्ली पुलिस की तरफ से दाखिल की गई चार्जशीट का विरोध किया था। कोर्ट में ये दलील दी थी कि जिस दिन यानी 7 सितंबर काे WFI दिल्ली ऑफिस में पहलवानों के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है, उस तारीख पर बृजभूषण देश से बाहर थे। उस दिन वो दिल्ली में थे ही नहीं। ऐसे में मामले की जांच नए सिरे से की जाए। दिल्ली पुलिस बृजभूषण की अर्जी का किया था विरोध बृजभूषण ने दावा किया था कि दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पूरी तरीके से निराधार है, क्योंकि मैं 7 सितंबर 2022 को विदेश में था। साथ ही कुछ और बिंदुओं पर बहस करने की मांग की थी। बृजभूषण ने कोर्ट में अपना पासपोर्ट और टिकट भी जमा किया हुआ है। दिल्ली पुलिस से उस दिन का सीडीआर रिपोर्ट कोर्ट में दिए जाने की मांग करते हुए आगे की जांच की मांग की थी। जबकि बृजभूषण शरण सिंह की अर्जी पर दिल्ली पुलिस ने कहा था कि सीडीआर रिपोर्ट गैर कानूनी दस्तावेज है, उनकी अर्जी पर सुनवाई न की जाए। पहलवानों के वकील ने भी किया था विरोध पहलवानों द्वारा दिए पेश वकील ने बृजभूषण शरण सिंह की अर्जी का विरोध करते हुए कहा था कि चार्जशीट पर संज्ञान के बाद चार्ज फ्रेम करने पर बहस के दौरान यह बिंदु कोर्ट के सामने नहीं उठाया गया और अब इस मुद्दे को उठाया जा रहा है और दिल्ली पुलिस ने कहा था कि वह सिर्फ एक तारीख पर लगाए गए आरोप पर सवाल उठा रहे हैं, उनका दूसरी तारीखों पर कोई विवाद नहीं है। यह याचिका मामले में देरी के लिए दाखिल की गई है इसलिए कोर्ट को इस अर्ज़ी पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए। बृजभूषण शरण सिंह की तरफ से यह कहा गया कि हम यह स्पष्ट कर दें कि यह अर्जी हमने मामले मे देरी के लिए नहीं लगाई है। अगर दिल्ली पुलिस के पास CDR की रिपोर्ट है तो वह अभी दे दें फिर इस मुद्दे को नहीं उठाया जा सकेगा। अगर उनके पास CDR रिपोर्ट नहीं तो इस बिंदु पर जांच का निर्देश दिया जाए, ताकि पूरे मामले में विस्तृत से जांच हो, इस पर कोर्ट ने पूछा था कि CDR रिपोर्ट आ जाए तो आप फिर आप बहस के लिए समय लेंगे। कोर्ट ने खारिज कर दी थी सांसद की अर्जी दरअसल, 18 जनवरी को पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना शुरू किया था। पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि CDR रिपोर्ट गैर जरूरी दस्तावेज है। वहीं, पहलवानों के वकील ने भी कहा था कि CDR रिपोर्ट ट्रायल का विषय है, उसकी अभी जरूरत नहीं है। जिसपर बृजभूषण सिंह की ओर से कहा गया था कि CDR रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण है CDR रिपोर्ट के आधार पर सात सितंबर की तारीख की घटना का सत्य सामने आ जाएगा। दोनों पक्षों की तरफ से दी गई दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।

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