मेनका गांधी सुल्तानपुर से सांसद हैं और बीजेपी ने फिर से प्रत्याशी बनाया है। यूपी की सियासत पर उनकी हार-जीत बहुत असर डालेगी। गांधी परिवार से आने वाली मेनका के बेटे वरुण गांधी का टिकट काट दिया गया है। चर्चा तो मेनका गांधी के भी टिकट कटने की थी। लेकिन, भाजपा ने दूसरी बार उनपर भरोसा जताया। दैनिक भास्कर से बातचीत में मेनका गांधी ने कहा, ‘यह मेरा आखिरी चुनाव नहीं है।’ राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव नहीं लड़ने के सवाल पर कहती हैं- ‘अगर आपको नेतागिरी करनी है, तो हिम्मत दिखानी चाहिए। अगर आप बुजदिली दिखा रहे हैं, तो आप नेता किस बात के?’ पढ़िए मेनका गांधी का पूरा इंटरव्यू… सवाल: थर्ड फेज के चुनाव के बाद भाजपा के एजेंडे बदल गए हैं, अब बात राम मंदिर और हिंदू-मुस्लिम पर हो रही है?
जवाब: हम लोग ज्यादातर धर्म के मुद्दों को नहीं छूते। क्योंकि मैंने जिंदगी में कभी भी ये नहीं किया है। विकास ही हमारा मुद्दा था और रहेगा। सवाल: विपक्ष का मानना है कि मोदी मैजिक कम हुआ है?
जवाब: विपक्ष का काम ही है ऐसा कुछ कहना, नहीं तो हम उनको विपक्ष क्यों कहेंगे। हर पार्टी अपनी बात आगे रख रही है, तो विपक्ष के रखने में कोई बुरी बात नहीं है। उनको कुछ ना कुछ तो कहना ही है। भाजपा इस वक्त इतनी ताकतवर है कि वह ऐसे हमलों को बर्दाश्त कर सकती है। आगे चलकर जीत भी जाएगी। सवाल: पीएम मोदी गांधी परिवार और नेहरू परिवार पर हमलावर रहते हैं, आपको बुरा नहीं लगता?
जवाब: यह अच्छा सवाल है। लेकिन, इसका जवाब मैं नहीं दे पाऊंगी। कभी-कभी अच्छा लगता है। कभी-कभी बुरा लगता है। यह सब्जेक्ट के ऊपर डिपेंड करता है। सवाल: क्या सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए वरुण गांधी का टिकट कटा?
जवाब: किसानों की समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाना, सरकार के खिलाफ आवाज उठाना नहीं होता। सरकार भी किसानों के लिए बहुत काम कर रही है। मुझे नहीं पता कि वरुण का टिकट क्यों कटा। मैं हमेशा कहती हूं कि जो भी होगा अच्छे के लिए होगा। वो आगे जाकर और ताकतवर बनेंगे। सवाल: क्या राहुल गांधी हार के डर से अमेठी से रायबरेली शिफ्ट हुए?
जवाब: मुझे नहीं मालूम, सच में मुझे नहीं मालूम। मुझे लगता है कि अगर आपको नेतागिरी करनी है, तो हिम्मत दिखानी चाहिए। अगर आप हिम्मत नहीं दिखाते, तो आप नेता नहीं। अगर आप बुजदिली दिखा रहे हैं, तो आप किस बात के नेता। सवाल: लास्ट टाइम आप सोनिया गांधी या राहुल से कब मिलीं?
जवाब: कभी नहीं मिली, मैं उनसे नहीं मिली हूं। मैं किशोरी लाल वर्मा को भी नहीं जानती हूं। उनसे भी कभी नहीं मिली हूं। सवाल: सोनिया गांधी ने कहा कि इस बार उनका लास्ट चुनाव है, क्या आपका भी ये लास्ट इलेक्शन है?
जवाब: नहीं, ये मेरा आखिरी चुनाव नहीं है। सवाल: प्रमोद कृष्णम् ने कहा कि राहुल गांधी राम मंदिर पर आए फैसले को बदलना चाहते थे?
जवाब: मुझे इसके बारे में कुछ नहीं मालूम, इस मामले में मैं कुछ नहीं बोलना चाहती। सवाल: इस बार आप किन मुद्दों पर चुनाव लड़ रही हैं?
जवाब: सबसे पहला मुद्दा सुल्तानपुर का है। जो हमने 5 साल में विकास के काम किए हैं, उसको दोहराना है। लोगों के लिए सबसे पहला मुद्दा विकास का होता है। वही मेरा भी मुद्दा है। सवाल: क्या आप सुल्तानपुर में जातिगत समीकरण में उलझ गई हैं?
जवाब: मुझे लगता है कि शुरू-शुरू में जाति के स्वरूप को लेकर वोटर जरूर उत्साहित होगा। उसे लगेगा कि उनकी अपने जाति के लोग आए हैं। यहां हम जातिवाद नहीं करते हैं। उन्हें शक्तिशाली पार्टी या सांसद चाहिए, उनका काम सिर्फ मजबूत सांसद कर सकता है, तब वह लोग हमारे साथ ही रहेंगे। सुल्तानपुर में है त्रिकोणीय मुकाबला सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर प्रत्याशियों के कद से ज्यादा जातीय समीकरण मायने रखते हैं। सुल्तानपुर में त्रिकोणीय मुकाबला है। मेनका गांधी के सामने सपा के टिकट पर मंत्री रह चुके रामभुआल निषाद और बसपा से उदराज वर्मा हैं। यहां निषाद और कुर्मी वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। मेनका गांधी का दावा है कि सुल्तानपुर के वोटर्स जाति से ऊपर उठकर, विकास के नाम पर वोट करेंगे। हेमा मालिनी बोलीं- मोदी-शाह का कॉम्बिनेशन जय-वीरू जैसा:गब्बर कौन है… ये अभी छोड़िए; मथुरा की बारी भी आएगी रामायण के ‘राम’ को राजनीति में क्यों आना पड़ा:अरुण गोविल बोले- मैंने भाजपा से टिकट नहीं मांगा, उन्होंने खुद दिया केशव मौर्य बोले-भ्रष्टाचारियों की ठीक से कारसेवा होगी:भाजपा हारने के लिए मुस्लिमों को टिकट नहीं देगी, मैं गुंडा नहीं आंदोलनकारी हूं

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