गोरखपुर STF को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। STF गोरखपुर यूनिट ने लारेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गे को गिरफ्तार किया है। पुलिस और STF को इसकी काफी दिनों से तलाश थी। गिरफ्तार मनीष कुमार यादव लारेंस बिश्नोई गैंग का सक्रिय सदस्य रहा है। STF ने उसे चिलुआताल इलाके के बरगदवा में रामलीला मैदान के पास से गिरफ्तार किया है, वो यहीं का रहने वाला है। उसने पूछताछ में माना है कि वो शशांक पांडेय के जरिए माध्यम से लारेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा था और इंदौर में रहकर असलहा सप्लाई का काम करता रहा है। गैंग के तार सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड से भी जुड़े हैं। गोरखपुर और अंबाला STF ने किया गिरफ्तार
STF गोरखपुर के निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में STF टीम गोरखपुर और अंबाला STF, हरियाणा इस गैंग की तलाश में लगी थी। इस दौरान टीम को लारेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य मनीष कुमार यादव के बरगदवां गोरखपुर में मौजूद होने की सूचना मिली। इस सूचना पर STF टीम और अंबाला STF ने संयुक्त रूप से कार्रवाई में मनीष को गिरफ्तार कर लिया गया। गोरखपुर के शशांक के जरिए गैंग से जुड़ा मनीष
STF की पूछताछ में गिरफ्तार मनीष कुमार यादव ने बताया कि कैंट इलाके के सिंघडि़या के रहने वाले शशांक पाण्डेय पुत्र नित्यानन्द पांडेय के संपर्क में था। शशांक पांडेय पहले अंबाला जेल में बंद था। वहीं उसकी मुलाकात विक्की लाला से जेल में हुई थी। विक्की लारेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य है। जेल से छूटने के बाद शशांक भी लारेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बन गया। शशांक के जरिए से मनीष कुमार यादव भी लारेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ गया और ये लोग इंदौर मध्य प्रदेश से लारेंस बिश्नोई गैंग को असलहा सप्लाई करने लगे। लारेंस गैंग को असलहा सप्लाई करता है शशांक पांडेय
अप्रैल 2023 में अंबाला शहर में मखन सिंह से लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के अनमोल बिश्नोई ने 50 लाख की रंगदारी की मांग की थी। पैसा नहीं देने पर उसके घर पर फायरिंग करवाई थी। अनमोल बिश्नोई, लॉरेंस बिश्नोई का चचेरा भाई है। जब अनमोल बिश्नोई ने फिरौती मांगी थी, तब वह विदेश में था। फायरिंग के लिए विक्की लाला के साथ मिलकर शशांक पांडेय और मनीष कुमार यादव ने पिस्टल की सप्लाई बिश्नोई गैंग को की थी। अंबाला जेल में बंद है शशांक पांडेय
जिसके बाद पंजाब की अंबाला पुलिस ने शशांक सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। पंजाबी पॉप सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी इनके शामिल होने और असलहा सप्लाई के पुख्ता सुबूत मिले थे। विक्की गर्ग उर्फ लाला निवासी शक्तिनगर नजदीक मानव चौक अंबाला शहर और शशांक पांडेय अभी में अंबाला जेल में बंद हैं। मनीष को लेकर अंबाला जाएगी STF
मनीष के खिलाफ लॉरेंस बिश्नोई गैंग को असलहा सप्लाई करने के मामले में हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद थाने में आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 के तहत केस दर्ज है। इसी मामले में पुलिस और STF को आरोपी की तलाश रही है। इसके ऊपर हरियाणा पुलिस ने इनाम भी घोषित कर रखा है। उसके खिलाफ गोरखनाथ थाने में साल 2019 में IPC की धारा 147, 323, 342, 427, 504, 506 के तहत भी केस दर्ज है। हरियाणा STF ट्रांजिट रिमांड के लिए उसे कोर्ट में पेश कर अंबाला के लिए रवाना होगी। मूसेवाला की हत्या के बाद गोरखपुर में दोस्तों संग की थी पार्टी
शशांक पांडेय मूल रूप से बिहार के पश्चिम चंपारण के मैनाटारह में चुठहा गांव का रहने वाला है। उसके पिता नित्यानंद पांडेय 10 साल पहले नौकरी की तलाश में परिवार के साथ गोरखपुर आए थे। सिंघड़िया में बंद हो चुकी नमकीन फैक्ट्री को उन्होंने खरीद लिया। 6 साल पहले नित्यानंद की मौत हो गई। पिता की मौत के बाद शशांक की मां वापस गांव पश्चिम चंपारण चली गईं। यहां उसके घर पर तभी से ताला बंद रहता था। लेकिन, करीब 10 महीने पहले मां ने गोरखपुर का घर एक यादव परिवार को बेच दिया। शशांक और उसके 3 साथी अंबाला में हुए थे अरेस्ट
अंबाला में पुलिस की CIA- ब्रांच ने 24 जुलाई, 2022 को शशांक और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया था। उसके तीनों साथी अंबाला छावनी के बब्याल के रहने वाले हैं। उनके पास से पुलिस को कई असलहे और कारतूस भी मिले थे। शशांक बिहार के मुंगेर से तस्करी कर असलहों की सप्लाई करता था। उसने अंबाला पुलिस के सामने ये बातें कबूल की हैं। 29 अप्रैल, 2022 को हुई मूसेवाला की गोली मारकर हत्या
वहीं, 29 अप्रैल, 2022 को मूसेवाला की गोली मारकर हत्या हुई। ऐसे में पंजाब पुलिस को शक था कि मूसेवाला हत्याकांड में शशांक भी शामिल हो सकता है। या फिर शशांक के दिए हुए असलहों से ही मूसेवाला की हत्या हुई होगी। पंजाब पुलिस के कहने पर जब उस वक्त गोरखपुर की कैंट पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि शशांक 21 जून, 2022 को आखिरी बार अपने दोस्तों से मिलने यहां आया था। वह मालवीय नगर में रहने वाले अपने दोस्त के घर रुका था। जहां शशांक ने उस दिन पार्टी भी की थी। उन दोस्तों ने पुलिस को बताया था कि गोरखपुर आने के बाद वह काफी रुपए खर्च करता था, लेकिन किसी को यह खबर नहीं थी कि वह लारेंस विश्नोई गैंग के लिए काम करता है। पॉलिटेक्निक करने मथुरा चला गया था शशांक
सूत्रों के मुताबिक, शशांक इंटर के बाद पॉलिटेक्निक की पढ़ाई करने मथुरा चला गया। उसकी मां कमरा छोड़कर अपने गांव चली गई। तीन भाइयों में सबसे बड़ा विवेक विदेश रहता है। दूसरे नंबर का भाई राहुल बस्ती जिले में ठेकेदारी करता है। मूसेवाला की हत्या के लिए UP से गई थी AK-47
NIA ने मूसेवाला हत्याकांड में जब यूपी सहित उत्तराखंड, दिल्ली और पंजाब के कनेक्शन खंगाला तो पता चला कि हत्या के लिए AK-47 जैसे हथियार यूपी के बुलंदशहर से खरीदी गई थी। ऐसे में उसी वक्त NIA को यह शक था कि मूसेवाला की हत्या के लिए AK-47 शशांक ने दी होगी। शशांक की कुडंली खंगालने पहुंची थी NIA
खालिस्तान और गैंगस्टर नेटवर्क के खिलाफ देश भर में चले छापेमारी के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) की एक टीम गोरखपुर पहुंची थी। NIA ने यहां शातिर गैंगस्टर शॉर्प शूटर शशांक पांडेय की क्राइम कुंडली खंगाला था। पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के कुछ दिनों बाद ही शशांक अंबाला में असलहों के साथ पकड़ा गया था। उस वक्त भी पंजाब पुलिस ने गोरखपुर पुलिस से शशांक की हर गतिविधि की जानकारी मांगी थी। फिलहाल, गोरखपुर में उसके मकान पर दो साल से ताला बंद था। कुछ साल पहले पिता की मौत के बाद उसकी मां गांव चली गईं। लेकिन, कुछ दिनों पहले मां ने इस घर को एक यादव परिवार को बेच दिया। दोस्तों और मकान में रह रहे लोगों से हुई थी पूछताछ
गोरखपुर में शशांक घर में NIA टीम को मकान मालिक यादव परिवार और किराए पर रह रहे दयाल, आकाश समेत 4 मजदूर मिले थे। NIA ने सभी से पूछताछ की और शशांक के बारे में भी जानकारी मांगी थी। हालांकि, उन्हें शशांक के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था। करीब एक घंटे पूछताछ के बाद NIA ने सभी का आधार कार्ड भी लेकर अपने पास जमा किया। इसके बाद टीम ने आसपास के लोगों से उसके बारे में जानकारी जुटाई। लेकिन, मोहल्ले के लोग भी टीम को कोई ठोस जानकारी नहीं दे सके। इसके बाद टीम शशांक के दोस्तों से पूछताछ कर लौट गई।