सहारनपुर कोर्ट ने पत्नी की दहेज हत्या में पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अभियुक्त पर 12 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने पत्रावली पर आए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के आधार पर ये फैसला सुनाया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवी दयाल शर्मा ने बताया, थाना गंगोह के मोहल्ला टांकान के रहने वाले मकसूद ने अपनी बेटी रहमत उर्फ फात्मा का निकाह 2017 में थाना नानौता के गांव बुंदूगढ़ में रहने वाले आशु उर्फ आस मोहम्मद के साथ कराया था। आरोप था कि 31 मई 2018 की रात को दहेज की मांग पूरी न होने के कारण ससुराल पक्ष ने फात्मा को मिट्टी का तेल छिड़ककर जान से मारने की नियत से आग लगा दी थी। जिसकी सूचना मिलने पर परिजन बेटी की ससुराल पहुंच गए। बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया। फात्मा आग में पूरी तरह से झुलस गई थी। उपचार के दो माह बाद फात्मा की मौत हो गई। मायके पक्ष ने थाना नानौता में दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने विवेचना के बाद पत्रावली कोर्ट में पेश की। मामला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट से चल रहा था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवीदयाल शर्मा ने बताया कि अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीले सुनने के बाद न्यायाधीश विनित कुमार वासवानी की कोर्ट ने आशु उर्फ आस मोहम्मद को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।