काशी के 14 मंदिरों से साईं प्रतिमाएं हटाने वाले अजय मिश्रा जेल से छूट गए हैं। 7 दिन से वह अपना इलाज करवा रहे हैं। अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास उनसे मिलने भी आए। द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने उनके काम की सराहना की। साईं प्रतिमाओं को हटाने को महाराष्ट्र चुनाव से जोड़ने पर अजय कहते हैं – हम सनातनी हैं, कोई राजनेता नहीं। मंदिरों को लेकर कुछ नया करने की प्लानिंग शेयर करते हुए कहते हैं- हम मंदिरों में शिलापट लगवाएंगे कि गैर सनातनी इस परिसर में न आएं। जिन साई प्रतिमाओं को हटाया, वे कहां हैं? इस पर वह कहते हैं- हमने किसी मूर्ति को तोड़ा नहीं। कुछ प्रतिमाओं को जल समाधि जरूर दे दी, क्योंकि साईं संत थे और सनातन में संतों की जलसमाधि ही होती है। दैनिक भास्कर ने अजय मिश्रा से मंदिर, सनातन धर्म और साईं प्रतिमाओं को लेकर बातचीत की, पढ़िए… सवाल : साईं मूर्तियां हटाने के बाद पुलिस की कार्रवाई पर क्या कहेंगे?
जवाब : सनातनी काम के बाद अपराधियों जैसी गिरफ्तारी को लेकर अचंभित हूं। धर्म के काम के लिए पुलिस रोक रही है, यह बड़े ताज्जुब की बात है। अपने मंदिर में हम किसकी पूजा करेंगे? क्या इसके लिए पुलिस की अनुमति लेनी होगी। शास्त्र ही बताएंगे कि कैसे पूजा की जाएगी। सवाल : आप बीमार थे, जेल में रहने के दौरान क्या परेशानियां हुईं?
जवाब : मैं हार्ट पेशेंट हूं, गिरफ्तारी के दौरान पुलिस का व्यवहार ठीक नहीं था। रातभर दवा नहीं मिली, चाय-खाना या नाश्ता भी नहीं हुआ। इसके चलते शुगर बढ़ गया था। 2 दिन बाद तबीयत बिगड़ गई। सवाल : गिरफ्तारी के बाद आप सीधे जेल गए, कोर्ट नहीं। कहीं कोई पेशी हुई?
जवाब : हमारे ऊपर एक भी मुकदमा नहीं था, पहली बार जेल गए। फिल्मों में जिस तरह अपराधियों को ले जाते दिखाया जाता था, उसी तरीके से पूरे शहर में घुमाया गया। फिर एक दरोगा कचहरी गेट पर हमसे कहा कि उतर जाओ, बाद में फिर अंदर खींचकर ले गए। हमें किसी जज के सामने पेश नहीं किया गया। पुलिस सीधे मुझे जिला कारागार ले गई। सवाल : काशी से साईं प्रतिमाएं हटाने को लेकर आपका असली मकसद क्या है?
जवाब : साईं प्रतिमा हटाना एक संदेश है कि हम आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ करना चाहते हैं। उनके वजूद को मजबूत रखने के लिए सनातन को सुरक्षित करना चाहते हैं। हिंदू-मुस्लिम नहीं, आने वाली पीढ़ियों का मसला है। क्या पिक्चर या सीरियल की वजह से भगवान चलेंगे? आने वाली पीढ़ी को बर्बाद किया जा रहा है, हम लोग शुद्धि पर निकले हैं, अपनी चीजों को शुद्ध करेंगे। अब हम लोग हम अपने मंदिरों की, धर्मस्थलों की सफाई कर रहे हैं। सवाल : साईं की आस्था या पूजा पर सवाल क्यों?
जवाब : 1984 में हम लोग रामायण देखकर बड़े हुए, आज हम राम जी को स्मरण करते हैं। राम मंदिर में किसी संत या महापुरुष को लाकर ऊंचाई पर बैठा दो, तो यह गलत है। अगर पूजा करनी है तो साईं मंदिर में करो, चांद मियां शिव मंदिर में नहीं पूजे जाएंगे। संकट मोचन की स्थापना करने वाले तुलसीदास तो काशी में नहीं पूजे जाते, वो भी संत थे। संकट मोचन मंदिर तो दूर की बात, किसी हनुमान मंदिर में उनकी मूर्ति नहीं है। हिंदू घर में जन्म लिए, मुस्लिम घर में पले कबीरदास जी के अनुयायी हैं, लोग वहां जाते हैं, किसी ने कबीर को मंदिर में स्थापित नहीं करना चाहा। रैदास के प्रेमी वहां जाते हैं, जहां उनका अपना स्थल है। सवाल : काशी में देवी-देवताओं की पूजा-पाठ के लिए क्या आधार मानते हैं?
जवाब : काशी ही सबका आधार है। काशी में जो पूजित हैं, वह काशी खंड में वर्णित है। काशी खंड में कहीं भी साईं पूजा का उल्लेख नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद् भागवत गीता के अध्याय 9 में श्लोक संख्या 29 में कहा है कि जो जिसको पूजता है, उसको प्राप्त होता है। पितृ को पूजेंगे तो पितृ और प्रेत को पूजेंगे तो प्रेत को प्राप्त होंगे। प्रेत पूजने से आपको क्या होगा, भय को प्राप्त होंगे, अकाल मृत्यु होगी और भुखमरी आएगी। सवाल : मंदिरों से हटाई मूर्तियां कहां हैं, क्या सभी को सहमति से हटाया गया?
जवाब : बड़ा गणेश मंदिर से लेकर अन्य तमाम मंदिरों के पुजारियों ने खुद साईं यानी चांद मियां पर कपड़ा ढका और उन्हें हटाया। हम गैर सनातनी मूर्तियां आगे भी मंदिर में नहीं पूजने देंगे, मंदिरों के महंतों की सहमति से हटाएंगे। जो प्रतिमाएं हटाईं गईं, उनमें से ज्यादातर को हमने मंदिर के सुपुर्द कर दिया। हमने किसी मूर्ति को तोड़ा नहीं। उसे मंदिर ने अपने अनुसार कहीं रखा होगा। इसके अलावा कुछ प्रतिमाओं को जल समाधि दे दी, क्योंकि साईं संत थे और सनातन में संतों की जलसमाधि ही होती है। चौक में केस दर्ज कराने वाले तो खुद कह रहे कि हमने अपनी मूर्ति पर खुद कपड़ा ढका है, वो शपथपत्र भी देने वाले हैं। सवाल : काशी में आपका साईं मूर्ति हटाओ अभियान जारी रहेगा?
जवाब : देखिए हम सनातन धर्मी हैं, राजनेता नहीं हैं। हम अपने घर में जो शास्त्र कहते हैं, उसके अनुसार ही काम करते हैं। अभियान को जनसमर्थन है, अभी सारे मंदिरों में हम संवाद कर रहे हैं। अभियान जारी रहेगा, अभी बाइपास सर्जरी हुई और जेल में थोड़ा स्वास्थ्य गड़बड़ा गया। हार्ट की जांच कराई तो अभी महज 55% काम कर रहा है। घर-परिवार मित्र आदि लोग चिंतित हैं, उनका कहना है 20% और बढ़ जाए तब कुछ काम करिए। शंकराचार्यों, महंतों, महामंडलेश्वरों का समर्थन और आशीर्वाद मिला है। सवाल : काशी में सभी मंदिरों को लेकर भी आप कुछ नया करने वाले हैं, स्पष्ट करिए?
जवाब : मेरा अगला अभियान भी सनातन, धर्म की रक्षा के लिए है। काशी के मंदिरों में गैर-सनातनियों का प्रवेश रोकने को हम शिलापट लगाएंगे। यह नया नहीं है, बल्कि काशी के धार्मिक स्थलों की परंपरा थी, जो आधुनिकता में कम हो गई। अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकरपुरी जी से मुलाकात हुई, वार्ता हुई और तय किया कि काशी के सभी मंदिरों में इन शिलापटों को लगवाया जाएगा। दूसरा, मूर्तिकारों से मुलाकात कर अपील और स्वप्रेरित करेंगे कि साईं की मूर्ति ना बनाएं और ना बेचें। सवाल : लाखों हिंदू भी साईं मंदिर जाते हैं, तो आप कैसे कह सकते हैं कि मुस्लिमों के देवता हैं?
जवाब : हमारे देश के सर्वोच्च चार शंकराचार्य और माननीय सर्वोच्च न्यायालय हैं। धर्म के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति भगवान शंकर हैं और उनके प्रतिनिधि मेरे शंकराचार्य ने साईं को स्पष्ट तौर पर चांद मियां कहा। मेरी गिरफ्तारी के बाद भी बयान दिया है। रामभद्राचार्य ने भी उनको चांद मियां कहा। साल 2014 में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने बयान दिया कि वो एक मुस्लिम संत थे। उनकी हिंदू देवता की तरह पूजा नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में भी उन्हें मुस्लिम बताया गया था। अब अगर चांद मियां करने पर कार्रवाई हो रही है तो सारे साधु संत, सारे अखाड़े कह रहे हैं तो फिर उनको भी गिरफ्तार कर लो। सवाल : इसे महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। शिरडी साईं ट्रस्ट ने कड़ी आपत्ति जताई है, क्या कहेंगे?
जवाब : साईं बाबा एक संत और लोगों के आध्यात्मिक गुरु बन गए थे, 1918 में उनकी मृत्यु के बाद उनकी मूर्तियां स्थापित की गईं। साईं ट्रस्ट की जांच कराई जाए तो नई बात सामने आएगी, काशी में पांच से 15 और 25 लाख देकर मूर्ति स्थापित होने तक चर्चा है। इन मंदिरों को साईं ट्रस्ट भोग प्रसाद के लिए हर महीने आठ-दस हजार रुपए देता है। हमें महाराष्ट्र चुनाव से क्या मतलब, हम राजनेता तो हैं नहीं। ——————————————— यह भी पढ़िए… वाराणसी के 14 मंदिरों से साईंबाबा की मूर्तियां हटाईं, सनातन रक्षक दल ने 100 मंदिरों की लिस्ट बनाई, सपा बोली- माहौल बिगाड़ रहे वाराणसी में सनातन रक्षक दल ने मंगलवार, 1 अक्टूबर को 14 मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां हटा दीं। दल के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि सनातन मंदिर में सनातन देवी-देवता होने चाहिए। समाजवादी पार्टी ने कहा- ये लोग काशी का माहौल खराब कर रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर…

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