संतकबीरनगर में साली ने जीजा के साथ मिलकर 2 लाख की सुपारी देकर अपने होने वाले पति की हत्या करा दी। युवक को हाथ-पैर बांधकर हाईवे पर ले गए। सड़क पर उसे लिटाकर हादसे का रूप देने के लिए उस पर कई बार गाड़ी चढ़ाकर उसकी हत्या कर दी। फिर शव को हाईवे किनारे फेंककर घर आ गए। जीजा से साली प्यार करती थी। उसने अपने होने वाली पति को यह बात बताई और उसे शादी से मना करने के लिए कहा, लेकिन उसका होने वाला पति राजी नहीं हुआ। उसने कहा, अब शादी की तारीख नजदीक आई गई है। मैं घर पर मना नहीं करूंगा। इसके बाद जीजा-साली ने उसे मारने का प्लान बनाया। कुछ लोगों अपने साथ मिलाया। मर्डर की प्लानिंग की। 2 लाख में बात फाइन हुई। 50 हजार एडवांस दिए। इसके बाद बहाने से युवक को बुलाया और उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने तीन दिन में मामले का खुलासा करते हुए जीजा-साली को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं अन्य आरोपियों की तलाश जा रही है। 5 मई को अंबेडकरनगर में मिला था शव कोतवाली क्षेत्र के बसलोहिया के रहने वाले संतोष कुमार बिजली मिस्त्री हैं। 5 मई को उनका शव अंबेडकरनगर जिले के बसखारी क्षेत्र के भटपुरवा खेमपट्टी के पास हाईवे किनारे मिला था। पिता ने हत्या का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच शुरू की। मोबाइल सर्विलांस में लगाए गए। लोकेशन ट्रेस हुई। पुलिस ने आरोपियों काे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। होने वाले पति को फोनकर कहा, तोड़ दो शादी एसपी सत्यजीत गुप्ता ने बताया, आरोपी पंकज ने पूछताछ में बताया है, उसकी ससुराल ग्राम मकदुमपुर में है। यहां उसकी चचेरी साली सरस्वती से आते जाते उसका प्रेम सम्बन्ध हो गया। सरस्वती, होने वाले पति संतोष कुमार से शादी नहीं करना चाहती थी। इसने फोन से बातचीत में संतोष कुमार से हम दोनों के बीच प्रेम सम्बन्ध की बात और उससे शादी तोड़ने के लिए कही थी, लेकिन संतोष ने मना कर दिया। कहा, अब तारीख पड़ गई है, शादी नहीं टूटेगी। हत्या का प्लान बनाया, नया सिम और मोबाइल खरीदा संतोष शादी से पीछे हटने को तैयार नहीं था, तब हम लोगों ने उसे मारने की योजना बनाई। इसके लिए पूरी बात अपने दोस्त किशन राजभर पुत्र ओमप्रकाश निवासी महुआपार भिटिया बुजुर्ग थाना वाल्टरगंज जनपद बस्ती को बताया। उसने कहा कि मैं अपने साथियों के साथ संतोष कुमार को रास्ते से हटाने में आपकी मदद करूंगा, जिसके लिए 2 लाख रुपए लगेंगे। हम दोनों ने संतोष कुमार से बात करने के लिए एक नए सिम और मोबाइल की व्यवस्था कराई। वायरिंग का काम देने के बहाने बुलाया 4 मई को अपने दोस्त किशन राजभर के साथ, किशन के अन्य साथी कुलदीप कुमार, संदीप कुमार एवं राजन के साथ बस्ती में पटेल चौराहे पर इकट्ठा हुए। हम लोग अपनी योजना के अनुसार खलीलाबाद आए, यहां पर संतोष कुमार के मोबाइल पर फोन करके बिजली का काम करने के लिए नवीन मण्डी के पास बुलाया। किशन ने संतोष को वायरिंग का काम देने के बहाने पहले ही बात करके आने का समय तय कर लिया था। मकान दिखाने के बहाने गाड़ी तक लेकर आए करीब 4.30 बजे वह मोटर साइकिल से आया। मैं और किशन के अन्य साथी मण्डी से पहले बस्ती के तरफ हाईवे पर ही रुके थे। किशन राजभर जाकर संतोष को उसी की मोटरसाइकिल पर बैठाकर मकान दिखाने के बहाने गाड़ी तक ले आया। संतोष कुमार को आगे बैठाया गया और पीछे की सीट पर किशन राजभर व उसके दो अन्य साथी बैठ गए। मुंह और हाथ-पैर बांधकर संतोष को डिग्गी में डाला हम लोग बस्ती की तरफ थोड़ी दूर आगे जाने पर एक सूनसान सड़क पर रोक कर गाड़ी में ही में ही उसे शादी से मना करने के लिए दबाव बनाने लगे, परन्तु वह तैयार नहीं था, फिर हम लोगों ने गाड़ी में ही उसके हाथ-पैर और मुंह गमछे और रस्सी से बांध दिए। उसे गाड़ी की डिग्गी में डाल दिया। वहां से हम लोग बस्ती गए। बस्ती में हाईवे के किनारे गाड़ी रोककर किशन और उसके साथियों ने मुझसे पैसे की मांग की। तय पैसे में से 50,000 नकद दिया उसके बाद कलवारी की तरफ गए। टांडा से आजमगढ़ की तरफ जाने वाले हाईवे पर सुनसान स्थान पर संतोष के शव को डिग्गी से बाहर निकाल कर दुर्घटना का रूप देने के लिए गाड़ी चढ़ा दी। इसके बाद शव को वहीं किनारे फेंककर आ गए।