दहेज उत्पीड़न के एक मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरोपपत्र के बाद भी हाईकोर्ट को मामले को रद्द करने का अधिकार है। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने यह फैसला सुनाया है।
दहेज उत्पीड़न के एक मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरोपपत्र के बाद भी हाईकोर्ट को मामले को रद्द करने का अधिकार है। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने यह फैसला सुनाया है।