अयोध्या में 12 साल की लड़की से गैंगरेप मामले में सपा नेता मोईद खान और उसके नौकर राजू पर केस चल रहा है। 21 सितंबर को कोर्ट ने फोरेंसिक लैब के डायरेक्टर को एक हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। 30 सितंबर को कोर्ट में डीएनए रिपोर्ट पेश की गई। इसके अनुसार, मोईद खान के नौकर राजू का DNA सैंपल पीड़िता से मैच हो गया है। मोईद की उम्र 71 साल है, राजू 20 साल का है। नौकर राजू से सैंपल मैच होने के बाद अब इस केस के कानूनी पहलू क्या हैं? डीएनए रिपोर्ट की जरूरत किस तरह के केस में होती है? कैसे ये टेस्ट कराया जाता है? पुलिस के पहलू से ये केस कितना मजबूत है? भास्कर एक्सप्लेनर में मेडिकल और लीगल एक्सपर्ट्स से पांच सवालों के जरिए जानिए सब कुछ… सवाल 1- डीएनए टेस्ट और इसे कराने के कानूनी पहलू क्या हैं? यूपी में यह कहां होता है? जवाब- गर्भ में पल रही संतान का पिता कौन है? आमतौर पर उसकी असली पहचान के लिए ये टेस्ट कराया जाता है। जिस व्यक्ति की DNA जांच करवानी होती है, उसके बाल, खून, त्वचा और एमनियोटिक फ्लूइड का सैंपल लिया जाता है। फिर लैब में उसे टेस्ट किया जाता है। एमनियोटिक फ्लूइड गर्भावस्था में भ्रूण के चारों ओर मौजूद तरल पदार्थ होता है। उसका टेस्ट कराया जाता है। यूं तो ज्यादातर DNA टेस्ट बिना कानूनी अनुमति के हो सकते हैं। हां, रेप केस में कोर्ट की इजाजत लेनी पड़ती है। ऐसे मामलों में बिना इजाजत किसी व्यक्ति का सैंपल लेकर टेस्ट नहीं करवाया जा सकता। रेप मामले में पीड़ित और आरोपी दोनों पक्षों की सहमति भी जरूरी है। इसको लीगल डीएनए टेस्ट कहते हैं। नियमों के मुताबिक, पीस ऑफ माइंड यानी सिर्फ अपनी जानकारी के लिए करवाए जाने वाले टेस्ट जैसे कि पैटरनिटी, मैटरनिटी, जीपीएस ओरिजिन्स के लिए किसी की इजाजत लेने की जरूरत नहीं पड़ती। देश में डीएनए फोरेंसिक लैबोरेटरी प्रा. लि. एकमात्र ऐसी संस्था है, जहां डीएनए टेस्ट होते हैं। यूपी के आगरा और लखनऊ में टेस्ट लैब हैं। सवाल 2- गैंगरेप में डीएनए सिर्फ एक से ही मैच करता है। अगर आरोपी दो हैं, तो क्या दूसरा बच जाएगा? क्या मोईद के खिलाफ केस कमजोर हो जाएगा? जवाब- स्टेट मेडिको लीगल सेल के पूर्व जॉइंट डायरेक्टर डॉ. वाईके पाठक कहते हैं- डीएनए तो एक ही व्यक्ति से मैच करेगा, क्योंकि बच्ची की कोख में बच्चा तो एक ही व्यक्ति का होगा। इसलिए डीएनए मैच नहीं होने से दूसरा आरोपी रेप के केस से बच नहीं सकता। जिसका डीएनए मैच नहीं हुआ, उसके खिलाफ पीड़िता के बयान महत्वपूर्ण हैं। अगर पीड़िता उसकी पहचान करती है और उसके खिलाफ बयान देती है, तो आरोपी बच नहीं सकता। राजू से डीएनए मैच होने से केस में कुछ फर्क पड़ेगा, लेकिन ज्यादा नहीं। अगर सरकारी पक्ष यह साबित करने में सफल होता है कि मोईद ने रेप किया है, तो मोईद को अपनी बेगुनाही खुद साबित करनी होगी। सवाल 3- पीड़िता ने गैंगरेप की बात कही है? गैंगरेप या रेप के मामले में लड़की के बयान कितने मायने रखते हैं? जवाब- इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति, जस्टिस रंगनाथ पांडेय ने दैनिक भास्कर से कहा- लड़की का बयान बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया है। ट्रायल के दौरान फिर पीड़ित लड़की के बयान होते हैं। अगर ट्रायल के दौरान भी लड़की अपने पुराने बयान पर अडिग रहती है, तो उसके बयान निर्णायक हो सकते हैं। मोईद का डीएनए मैच नहीं हुआ। ऐसे में पीड़ित पक्ष का केस कमजोर हो जाता है। सवाल 4- डीएनए रिपोर्ट आने के बाद पुलिस सबूतों के आधार पर कितनी मजबूत है? जवाब- पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह कहते हैं- जिस मामले में डीएनए रिपोर्ट आ गई, उसमें बाकी सबूतों के कोई मायने नहीं रह जाते। अगर नौकर का डीएनए मैच हुआ है तो आरोपी नौकर को सजा होनी तय है। मोईद का डीएनए मैच नहीं हुआ, तो इसका लाभ उसे मिलेगा। डीएनए से बड़ा कोई सबूत नहीं होता। कम से कम रेप से जुड़े मामले में डीएनए रिपोर्ट को माना जाता है, आरोपों को नहीं। कोर्ट साक्ष्यों के आधार पर काम करता है। अगर साक्ष्य नहीं हैं, तो इस मामले में पुलिस के पास करने को ज्यादा कुछ नहीं रह जाता। सवाल 5- मोईद के खिलाफ केस में आगे बढ़ने के लिए पुलिस के पास क्या विकल्प हैं? जवाब- पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन कहते हैं- यह जरूरी नहीं कि सबकी रिपोर्ट मैच करे। इस मामले में भी मोईद का सैंपल मैच नहीं किया है। इसका मतलब ये नहीं कि रेप उसने नहीं किया। पुलिस यह कहेगी कि दोनों ने रेप किया है। आरोप था कि मोईद ने रेप किया और उसने अपने नौकर से भी कराया। ऐसे में पुलिस के पास अब भी मजबूत पक्ष है। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद उल्टा मोईद खान की परेशानी बढ़ गई है। क्योंकि, लड़की के जो आरोप हैं वह डीएनए रिपोर्ट से मैच कर रहे हैं। अगर दोनों के डीएनए मैच नहीं होते तो यह केस कमजोर होता। अब चूंकि राजू का डीएनए मैच कर गया है, ऐसे में पुलिस का पक्ष मजबूत हो गया है कि रेप हुआ है। वह राजू से मोईद के खिलाफ बयान लेने की कोशिश करेगी। अगर राजू ने कबूल कर लिया कि मोईद भी घटना में शामिल था, तो उसे सजा मिलनी तय है। अब जानिए क्या है पूरा मामला?
अयोध्या के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र में 12 साल की बच्ची से रेप की घटना हुई। आरोपियों ने बच्ची का अश्लील वीडियो बना लिया। फिर लंबे समय तक ब्लैकमेल कर उसके साथ घिनौनी हरकत करते रहे। खुलासा 29 जुलाई, 2024 को तब हुआ, जब पीड़ित बच्ची 2 महीने की प्रेग्नेंट हो गई। बच्ची की मां ने सपा नेता (बेकरी मालिक) मोईद खान और उनके नौकर राजू के खिलाफ शिकायत दी। आरोप है, पुलिस ने एक्शन नहीं लिया। विहिप, बजरंग दल के साथ निषाद पार्टी के लोगों ने इस मामले पर आक्रोश जताया। इसके बाद पुलिस ने मोईद खान और उसके नौकर राजू को गिरफ्तार किया। बच्ची 4 बहनों में सबसे छोटी है। पिता की 2 साल पहले मौत हो चुकी है। घर का गुजारा मां और बहनों की मजदूरी से चलता है। आरोप है कि लगभग ढाई महीने पहले लड़की खेत से मजदूरी करके लौट रही थी। रास्ते में उसे राजू मिला। उसने कहा कि बेकरी मालिक मोईद खान उसे बुला रहा है। वहीं उसके साथ गैंगरेप किया गया, फिर वीडियो बना लिया गया। ये भी पढ़ें… अयोध्या गैंगरेप, सपा नेता मोईद के नौकर से DNA मैच, हाईकोर्ट में सीलबंद लिफाफे में पेश की गई रिपोर्ट अयोध्या गैंगरेप मामले में सपा नेता मोईद खान के नौकर राजू की DNA रिपोर्ट पीड़िता से मैच हो गई है। इसकी पुष्टि अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने दैनिक भास्कर से की है। उन्होंने यह भी बताया कि मोईद खान का DNA मैच नहीं हुआ है। दरअसल, 12 साल की बच्ची से गैंगरेप मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई हुई। आरोपी सपा नेता मोईद खान, उसके नौकर राजू की DNA रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश की गई। पढ़ें पूरी खबर…