अयोध्या में महर्षि रामायण विश्वविद्यालय का निर्माण 70 प्रतिशत पूरा हो गया है। इसका शेष 30 प्रतिशत कार्य 3 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद अगले शैक्षिक सत्र से यहां कक्षाएं चलनी शुरु हो जाऐगी।21 एकड़ में बन रहे महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। इस महर्षि रामायण विश्वविद्यालय में रामायण पर शोध होगा साथ ही वेद की शिक्षा के साथ-साथ विज्ञान की भी कक्षाएं चलेंगी। आध्यात्मिक संत महर्षि महेश योगी का अयोध्या के विकास को लेकर बुना गया सपना पूरा होने के कगार पर महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ के प्रबंधक श्रद्धानंद श्रीवास्तव ने कहा कि अयोध्या के विकास में यह एक नए युग का सूत्रपात है।भावातीत ध्यान व ध्यान -योग के बल पर पूरे विश्व में वैदिक संस्कृति का पताका लहराने वाले आध्यात्मिक संत महर्षि महेश योगी को अयोध्या के विकास को लेकर बुने गए सपने पूरे होने की आधार भूमि तैयार हो गई है और इसकी शुरुआत अगले शैक्षिक सत्र से हो जाएगा। उन्होंने कहा कि धर्मनगरी अयोध्या जहां एक ओर अध्यात्म का केंद्र है।अब शीघ्र ही वेद के साथ विज्ञान की शिक्षा का प्रमुख केंद्र भी बनने जा रही है। महर्षि महेश योगी रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट द्वारा अयोध्या में महर्षि रामायण विश्वविद्यालय का ऐतिहासिक व भव्य निर्माण हो रहा है। नव निर्माणाधीन रामायण विश्वविद्यालय में आज विशाल स्तर पर पौध रोपण कार्य शुरु हो गया है जो करीब 1 महीने लगातार चलेगा। पौध रोपण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापौर गिरीश पति त्रिपाठी रहें। अभियान में कई प्रकार छायादार पौधे लगाए जा रहें है।इस अभियान में पर सालिक राम मिश्रा, राजेंद्र श्रीवास्तव, अनिल कुमार श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, दीपक श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव, बसंत कुमार सिंह, अजय सिंह, सुशील दूबे आदि सहयोग कर रहे हैं। महर्षि महेश योगी रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से जुड़े मुकेश सक्सेना ने कहा कि महर्षि महेश योगी वैदिक संस्कृति के जरिए पूरे विश्व में रामराज्य की स्थापना का जो सपना देखा था,अब वह जमीनी हकीकत बनने जा रहा है।महर्षि रामायण विश्वविद्यालय बहुमंजिला होगा। भवन के नाम राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रोहन के नाम से 14 प्रखंड होगा। वशिष्ठ जी के नाम से लाइब्रेरी व प्राशासनिक भवन बनकर तैयार उन्होंने बताया कि वशिष्ठ जी के नाम से लाइब्रेरी व प्राशासनिक भवन बनकर तैयार हो गई है,इसमें करीब 250 बच्चे बैठकर पढ़ सकते है। अपनी कार्ययोजना के बारे में बताते हुए मुकेश सक्सेना ने कहाकि अयोध्या अध्यात्म का प्रमुख केंद्र है। महर्षि महेश योगी संस्थान इसे वेद व विज्ञान का भी प्रमुख केंद्र बनाना चाहता है। इसके लिए रामायण विश्वविद्यालय मील का पत्थर साबित होगा। मुकेश सक्सेना ने कहा कि प्राचीन वैदिक शिक्षा पद्धति के साथ मॉडर्न साइंस को जोड़ने का हमारा प्रयास होगा। इस विश्वविद्यालय में रामायण पर व्यापक शोध कार्य किया जाएगा। जीवन से संबंधित रामायण के विषयों पर शोध कर उन्हें जन-जन तक पहुंचाने का कार्य होगा। साथ ही नई पीढ़ी को भी राम संस्कृति व वेद विद्या का ज्ञान प्रदान किया जाएगा।

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