फतवों की नगरी देवबंद के दारुल उलूम प्रबंधन ने अपना एक फैसला वापस लिया है। महिलाओं की एंट्री पर बैन लगाने वाले प्रबंधन ने अब एंट्री खोल दी है। महिलाएं दारुल उलूम में एंट्री कर सकेगी। लेकिन एंट्री की शर्तों को सख्त किया है। महिलाओं को उनके पति के साथ एंट्री दी जाएगी। दो घंटे का विजिटर पास बनाया जाएगा। फोटो और वीडियो नहीं बना सकेगी। संस्था के परिसर में बैठकर खाना खाने पर रोक रहेगी। विजिटर पास के लिए नियुक्त हुआ अधिकारी
दारुल उलूम प्रबंधन ने एक विजिटर पास जारी करने के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया है। विजिटर पास के लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड या वोटर आईडी जमा करानी होगी। कॉलम में विजिटर का नाम, मोबाइल नंबर, पता, घूमने आने वाले सदस्यों (महिला, पुरुष) की संख्या आदि का ब्योरा दर्ज होगा। महिलाओं को पर्दे में महरम (पति, अभिभावक या कोई पारिवारिक सदस्य जिससे पर्दा न हो) के साथ ही प्रवेश दिया जाएगा। संस्था परिसर में बैठकर खाना खाने पर रोक रहेगी। पास की वैधता दो घंटे की होगी। दिन छिपने के बाद विजिटर पास निरस्त हो जाएगा। महिलाएं शाम को विजिट नहीं कर सकेंगी। 17 मई को महिलाओं की एंट्री पर लगा दिया था बैन
दरअसल, 17 मई 2024 को दारुल उलूम प्रबंधन ने संस्था में शिक्षण कार्य के दौरान बाहरी महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। क्योंकि बाहर से संस्था में भ्रमण को आने वाली महिलाएं जहां बेपर्दा घूम रही थीं। वहीं संस्था की ऐतिहासिक इमारतों के सामने बिना हिजाब फोटो भी ले रही थीं। साथ ही रील बनाकर और इस पर गाने की एडिटिंग कर इन्हें सोशल मीडिया पर डाला जा रहा था। छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही थी। महिलाओं की एंट्री पर बैन लगाने पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई थी। इससे संस्था को फजीहत झेलनी पड़ रही थी। इसके चलते संस्था ने महिलाओं के संस्था में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने बताया कि शुक्रवार को महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया गया है। विजिटर पास समेत अन्य शर्तों के साथ संस्था में घूमने की इजाजत दी गई है। लंबे विचार विमर्श के बाद जो नियम महिलाओं के लिए बनाए गए हैं। उन्हें मानना जरूरी होगा।

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