कई प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों ने अपने अध्ययन में पाया कि जब भी उनके यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी प्रतिस्पर्धा के कारण तनाव में आते हैं, तो उन्हें रिलैक्स करने वाले कई प्रयोगों में से उनकी पालकों से बातचीत कराने का प्रयोग सबसे कारगर साबित हुआ। आप किसी भी उम्र के हों और अगर अशांत हों, तो माता-पिता से बातचीत करने का एक ढंग निकालें। पहली बातचीत शब्दों से होती है, जिसमें जुबान का उपयोग किया जाता है। दूसरी बातचीत स्मृति के स्तर पर होती है। इसमें जरूरी नहीं कि वो और आप साथ हों। आंख बंद करिए और मस्तिष्क में कुछ मीठी स्मृतियां लाएं, जो आपने उनके साथ बिताई हैं। तीसरी स्थिति होती है भाव के स्तर पर। अपने हृदय पर टिकें और सिर्फ उनके चित्र, उनकी वाणी को सुनें। चौथा स्तर होता है, माता-पिता की छवि-आकृति को अपनी नाभि पर लाइए और शून्य होकर देखिए। ये योग विज्ञान है और इसके परिणाम में आपको हर हाल में शांति मिलेगी। रिश्ते केवल लेनदेन के तरीके नहीं हैं। इनसे और कुछ भी हासिल किया जा सकता है।

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