महराजगंज के निचलौल में कस्टम विभाग ने 800 बोरी चाइनीज लहसुन जब्त कर उसे नष्ट करवा दिया। लहसुन को पहले बुलडोजर से कुचला गया। फिर गड्‌ढा खोद कर उसी में दबा दिया गया। प्रशासन की कार्रवाई से लहसुन की तस्करी करने वालों में हड़कंप मच गया है। ‌विभाग ने ये सभी लहसुन पिछले एक महीने में जब्त किए हैं। जिसे आज निचलौल के नगर पंचायत के घोड़हवा वार्ड स्थित दामोदरी पोखरी पर नष्ट किया गया। देखें 5 तस्वीरें… कस्टम विभाग का मानना है कि इस कार्रवाई से लहसुन पूरी तरह से नष्ट हो चुका है और तस्करों के लिए इसे दोबारा चुराना मुश्किल हो गया है। विभाग अपनी कार्रवाई को और तेज करने के लिए संकल्पित है। स्थानीय लोग बोले- इस कदम से चाइनीज लहसुन की तस्करी पर अंकुश लगेगा। डिप्टी कमिश्नर कस्टम वैभव सिंह ने बताया कि पिछले एक-डेढ महीने में काफी कार्रवाई की गई हैं। जिसमें लहसुन की तस्करी की रोकथाम के लिए सीजर किया गया था। जो भी लहसुन सीज किया गया था, उसे गड्ढा खुदवा कर दफनाया गया है। यह करीब 800 बोरी के आसपास है। इससे पहले भी प्रशासन ने की थी कार्रवाई इससे पहले भी कस्टम विभाग ने 11 सितंबर को महराजगंज में भारत नेपाल सीमा पर 16 टन चाइनीज लहसुन जब्त किया था। जिसमें 14 से क्विटंल लहसुन लैब टेस्ट में फेल पाया गया था। जिसे टीम ने नष्ट कर दिया था। चाइनीज लहसुन नेपाल के रास्ते तस्करी करके भारत लाया जा रहा था। 10 अक्टूबर को भी कस्टमर विभाग ने 13 टन चाइनीज लहसुन जब्त किया था। कहा जाता है कि चाइनीज लहसुन में मौजूद फंगस से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही चाइनीज लहसुन में कीटनाशकों का स्तर भी काफी ऊंचा देखा गया है। जानिए, कितना खतरनाक है चाइनीज लहसुन?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है, चाइनीज लहसुन सेहत के लिए बहुत हानिकारक है। इसमें मौजूद फंगस से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ये लहसुन नेचुरल प्रोसेस से पैदा नहीं होता। इसे आर्टिफिशियल तरीके से पैदा किया जाता है। चाइनीज लहसुन में केमिकल और कीटनाशकों का खूब इस्तेमाल होता है। भारत में इसकी खेती पर रोक है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक है। चाइनीज लहसुन में सिंथेटिक पदार्थ होते हैं। चाइनीज लहसुन में मेटाइल ब्रोमाइड नाम का जहरीला केमिकल होता है। इसके लंबे समय तक सेवन से लीवर, किडनी और नसों की समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही आंखों की रोशनी में कमी हो सकती है। कोर्ट ने कराया था सीज
बता दें कि लखनऊ हाईकोर्ट ने 21 दिन पहले चाइनीज लहसुन सील कराया था। एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया था। बैन के बाद भी चाइनीज लहसुन बिकने पर कोर्ट ने विभागीय अधिकारियों को तलब किया था। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने खाद्य एवं सुरक्षा विभाग विभाग के अधिकारी से 15 दिन में जांच रिपोर्ट देने को कहा था। 10 साल पहले केंद्र सरकार ने बैन किया था
चाइनीज लहसुन को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताते हुए केंद्र सरकार ने साल 2014 में बैन कर दिया था। इसी को लेकर 25 सितंबर को स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में जनहित याचिका दाखिल की। इसमें कहा गया था, सस्ता होने की वजह से चाइनीज लहसुन बाजार में बिक रहा है। विभाग कार्रवाई का सिर्फ दिखावा कर रहा है। ये भी पढ़ें… यूपी में चाइनीज-लहसुन बैन के बाद भी क्यों बिक रहा:नेपाल से तस्करी, 50 में खरीदकर 300 रुपए में बेचते; जज ने सील कराया तो चर्चा में 11 सितंबर, 2024 को कस्टम विभाग ने महराजगंज के नौतनवा में 1400 बोरी लहसुन गड्‌ढे में डालकर डीजल छिड़ककर आग लगा दी। गांव वाले लहसुन लूटने में जुट गए। यह लहसुन चाइनीज था और नेपाल के रास्ते लाया गया। सुरक्षा एजेंसियों ने जब्त किया। वहां के स्वास्थ्य अधिकारी अमित राव गौतम का कहना है- इसे लंबे समय तक खाने से कैंसर का खतरा हो सकता है। अब चाइनीज लहसुन लखनऊ हाईकोर्ट में पहुंच गया है। एक वकील चिनहट बाजार से चाइनीज लहसुन खरीदकर जज के सामने पहुंचे। जज से सरकार से सवाल किया कि जब देश में यह बैन है तो यूपी में कैसे बिक रहा? पढ़ें पूरी खबर…

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