महिला पहलवानों के कथित यौन शोषण मामले में मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होगी। आरोपी पूर्व भाजपा सांसद व भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह कोर्ट में पेश होंगे। वे पूरी सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहेंगे। आज महिला पहलवानों के बयान कैमरे पर रिकॉर्ड होने हैं। लेकिन, बयान बृजभूषण शरण सिंह और उनके वकील के सामने दर्ज नहीं होगा। कोर्ट की एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत एक अलग कमरे में महिला पहलवानों के बयान रिकॉर्ड करेंगी। बयान रिकॉर्ड करने के लिए आज, 12 और 13 सितंबर को समय दिया गया है। 23 अगस्त को एक शिकायतकर्ता महिला पहलवान का बयान कैमरे में रिकॉर्ड हुआ था। अदालत की कार्यवाही का समय खत्म होने के कारण अन्य की गवाही पूरी नहीं हो पाई थी। महिला पहलवानों को बयान दर्ज कराने के दिए गए दो विकल्प
एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने महिला पहलवानों को बयान दर्ज करवाने के लिए दो विकल्प दिए थे। पहला: अगर वह कोर्ट रूम में गवाही देने में सहज हैं तो इसकी खुली सुनवाई होगी।
दूसरा: अगर वह सहज नहीं हैं, तो फिर उनके बयान अलग दर्ज किए जाएंगे। महिला पहलवानों की तरफ से पेश वकील ने खुले कोर्ट में बयान देने को लेकर के असहज होने की बात कहते हुए अलग कमरे में बयान दर्ज करने की मांग की थी। बृजभूषण के वकील ने किया था आदेश का विरोध
बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने इस बात को लेकर विरोध किया था कि जो भी महिला पहलवान ने आरोप लगाया है, उनके बयान बृजभूषण शरण सिंह के सामने कोर्ट रूम में ही दर्ज किया जाए। अगर बृजभूषण शरण सिंह के सामने बयान नहीं दर्ज किया जाता है तो उनके वकील के सामने बयान दर्ज किया जाए। ‘दोषी ठहराने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री’
अदालत ने 10 मई, 2024 को बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप तय किए थे। कोर्ट ने कहा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला की विनम्रता को अपमानित करना) और 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए आरोपी को दोषी ठहराने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री है। कितनी सजा का प्रावधान धारा 354: महिला की शालीनता को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला, अपमानित करना। कितनी सजा: एक से पांच साल की सजा का प्रावधान। जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 354 ए: यौन उत्पीड़न। इसमें गलत तरीके से छूना, यौन प्रस्ताव, अश्लील टिप्पणी करना शामिल। कितनी सजा: एक से तीन साल की सजा। जुर्माने का भी प्रावधान। नाबालिग पहलवान ने वापस ले लिए थे आरोप
दरअसल, मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद पुलिस ने बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। छह खिलाड़ियों ने शिकायत दर्ज कराई थी। जून में राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। एक नाबालिग पहलवान ने बाद में अपनी शिकायत वापस ले ली और बयान बदल दिया। आरोप तय करने पर सुनवाई के दौरान बृजभूषण सिंह ने कहा था कि मामला ‘झूठा और प्रेरित’ है। 1974 से 2007 के बीच बृजभूषण पर 38 मामले दर्ज हुए
1974 और 2007 के बीच बृजभूषण पर चोरी, दंगा, हत्या, आपराधिक धमकी, हत्या का प्रयास, अपहरण आदि सहित विभिन्न आरोपों के तहत 38 मामले दर्ज हुए थे। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उस अवधि में यूपी गुंडा अधिनियम के तहत एक मामला और कड़े गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत तीन और मामले दर्ज किए गए। उनके करीबियों की मानें तो बीजेपी के कद्दावर नेता को इन सभी मामलों में बरी कर दिया गया है। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान दायर हलफनामे में बृजभूषण ने कहा था कि केवल चार मामले लंबित थे और दो में बरी कर दिया गया था। दो लंबित मामले आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित हैं। यह खबर भी पढ़ें:- बृजभूषण का तंज-विनेश को CM का कैंडिडेट बना देना चाहिए:इतनी दबंग लेडी हैं कि ट्रायल नहीं होने देती, हारी हुई कुश्ती को जीत लेती हैं पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कांग्रेस नेता व पहलवान विनेश फोगाट पर पलटवार किया। कहा- विनेश फोगाट हरियाणा की मुख्यमंत्री बन जाए। मैं तो कहता हूं कि विनेश को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ाना चाहिए। इतनी दबंग लेडी है, जो ट्रायल नहीं होने देती, हारी हुई कुश्ती को जीत लेती है। पढ़ें पूरी खबर…

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