यूपी में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है, रविवार को प्रदेश में मौसम साफ रहेगा। जबकि लोकल डिस्टरबेंस के चलते कुछ जिलों में बारिश हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है- बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाओं से 3 दिन तक भारी बारिश होगी। कुछ जिलों में लोकल डिस्टरबेंस के चलते हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। 7 सितंबर को प्रयागराज सबसे गर्म जिला रहा, यहां का तापमान 37.2°C दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने सभी 75 जिलों को ग्रीन अलर्ट पर रखा है। पिछले दो दिनों में कम बारिश होने के चलते नदियों का जलस्तर भी घटने लगा है। गंगा का जलस्तर 2 सेमी. प्रति घंटा कम हो रहा
वाराणसी में गंगा 2 सेमी प्रति घंटे की स्पीड से घट रहा है। शनिवार तड़के गंगा का जलस्तर 65.50 मीटर था, जो कि रविवार सुबह 65.10 मीटर पहुंच गया। जिले में शहर से लेकर देहात तक 24 घंटे में महज 1 MM से भी कम बारिश हुई। अब तक 43 जिलों में औसत से कम बारिश
1 जून से अब तक 43 जिलों में औसत से कम बारिश हुई। सिर्फ 12 जिले ऐसे हैं, जहां अब तक सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। हिमालय के तराई और मध्यप्रदेश से सटे जिलों में ही अच्छी बारिश हुई। अब तक प्रदेश में 619.7 MM बारिश होनी थी, लेकिन 530.4 MM हुई। जो कि सामान्य से 14% कम है। 2023 में यूपी में पूरे मानसून सीजन यानी कि 120 दिनों में 620.9 MM बारिश हुई थी। ये नॉर्मल के 746.2 MM से 17% कम था। यूपी में पूरे मानसून सीजन यानी कि 120 दिनों में 620.9 MM बारिश हुई थी। ये नॉर्मल के 746.2 MM से 17% कम था। बारिश से धान-अरहर को फायदा, सब्जियों को रिस्क
कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर पीके सिंह ने बताया- सब्जियों को छोड़ दें तो बाकी सभी फसलों को बारिश से फायदा हुआ। हालांकि, इतनी भी जोर की बारिश नहीं हुई कि सब्जियां सड़ जाएं। जुलाई में धान के खेत सूख रहे थे। ज्यादातर इलाकों में रोपाई नहीं हो पाई थी। लेकिन, जुलाई के बाद हुई बारिश ने धान की रोपाई में बड़ी मदद की। अरहर और मूंग की फसलों के लिए भी अच्छी साबित हुई। पिछले साल 620.9 MM हुई थी बारिश
2023 में यूपी में पूरे मानसून सीजन यानी कि 120 दिनों में 620.9 MM बारिश हुई थी। ये नॉर्मल के 746.2 MM से 17% कम था। इस साल 90 दिनों में 523.7 MM बारिश हो चुकी है।

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