सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में 1 अक्टूबर तक बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी है। बुलडोजर एक्शन में यूपी सरकार देश में पहले स्थान पर है। लोकसभा चुनाव के बाद से कोर्ट के रोक लगाने तक प्रदेश में 3 महीने में 22 बुलडोजर एक्शन हुए। इनमें से 12 एक्शन अपराधी और गैंगस्टर के अवैध कब्जों पर हुए। वहीं, 4 सपा नेताओं पर भी बुलडोजर एक्शन देखने को मिला। इनमें दो सपा नेता रेप के आरोपी हैं। हालांकि, सबसे ज्यादा चर्चित कार्रवाई गोरखपुर में पूर्व मंत्री और बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के चबूतरे को तोड़ने की रही। उनके बेटे विनयशंकर तिवारी भी सपा से विधायक हैं। सबसे पहले जानिए 4 सपा नेताओं पर बुलडोजर कार्रवाई…
1. हरिशंकर तिवारी का चबूतरा: टांडा गांव में बाहुबली नेता रहे हरिशंकर तिवारी की जयंती की तैयारियां चल रही थीं। 5 अगस्त को जयंती वाले दिन गांव के मेन गेट पर उनकी मूर्ति लगनी थी। 4 फीट का चबूतरा तैयार था, लेकिन गोरखपुर प्रशासन ने उस पर बुलडोजर चला दिया। हरिशंकर तिवारी का पूर्वांचल में बड़ा रुतबा रहा है। 1985 से लेकर 2007 तक वे विधायक रहे। इस दौरान करीब हर सरकार में मंत्री रहे। वह राजनीति में ब्राह्मण वर्ग का बड़ा चेहरा थे। गोरखपुर में उनकी पहुंच इतनी बढ़ गई कि उन्होंने गोरक्षपीठ के बराबर अपनी अलग राजनीतिक जमीन तैयार कर ली। 16 मई, 2023 को हरिशंकर तिवारी का निधन हो गया। इसी के साथ योगी और हरिशंकर तिवारी के बीच वर्चस्व की लड़ाई खत्म हो गई। अब टांडा गांव में बुलडोजर चलने के बाद ये लड़ाई फिर उभर आई है। UP में अगले महीने 10 सीटों पर उपचुनाव हैं। माना जा रहा है कि ब्राह्मण रूठे तो BJP को बड़ा नुकसान हो सकता है। 2. मोईद खान: अयोध्या में 12 साल की नाबालिग से गैंगरेप के आरोपी सपा नेता मोईद खान का शॉपिंग कॉम्प्लेक्स 22 अगस्त को ढहा दिया गया। 3 जेसीबी और एक पोकलेन मशीन से 5 घंटे में 2 मंजिला बिल्डिंग को जमींदोज कर दिया गया। करीब 3 करोड़ का कॉम्प्लेक्स 4000 स्क्वायर फीट में बना था। प्रशासन ने दावा किया कि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स तालाब और चकरोड पर अवैध तरीके से बनाया गया था। इसका नक्शा भी पास नहीं था। इसके 19 दिन पहले सपा नेता मोईद खान की 3000 वर्ग फीट पर बनी बेकरी पर बुलडोजर चला था। अयोध्या में नाबालिग से 12 जुलाई को गैंगरेप का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने सपा नेता मोईद और उसके नौकर राजू को गिरफ्तार किया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद घटना का जिक्र विधानसभा में किया था। 3. नवाब सिंह: अगस्त महीने में ही कन्नौज में नाबालिग से रेप के आरोपी नवाब सिंह यादव के रिश्तेदार के कोल्ड स्टोरेज पर बुलडोजर चला। 15 साल की नाबालिग अपनी बुआ के साथ नवाब के कॉलेज में नौकरी मांगने गई थी। आरोप है कि बुआ टायलेट के लिए गई, उसी दौरान नवाब ने जबरदस्ती नाबालिग के कपड़े उतरवाए और रेप किया। पीड़ित बच्ची के फोन कॉल पर पहुंची पुलिस ने नवाब को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया था। 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान मंच पर राहुल-अखिलेश के साथ नवाब सिंह की तस्वीर भी सामने आई थी। 4. हाजी रजा: फतेहपुर में पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी करने वाले सपा नेता हाजी रजा के निर्माणाधीन शॉपिंग मॉल पर बुलडोजर चला। पुलिस के मुताबिक, हाजी रजा मोहम्मद पुत्र मोबिन के खिलाफ 24 मामले दर्ज हैं। हाजी रजा ने 20 जून को सुल्तानपुर घोष थाना क्षेत्र के प्रेम नगर में सभा के दौरान पीएम मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। मंच पर सांसद नरेश उत्तम भी बैठे थे। रजा ने मंच से कहा था- हम आपको सांसद की तरफ से आश्वस्त करते हैं कि जनपद ही नहीं पूरे यूपी में मोदी की नहीं चलने वाली है। जिस समय देश की संसद के अंदर हमारे सांसद शेर की तरह दहाड़ मारेंगे, उस समय मोदी जी…कर देंगे। सीएम योगी के पहले कार्यकाल में 26 गैंगस्टरों पर चला बुलडोजर योगी सरकार के पहले कार्यकाल में कुल 26 गैंगस्टर्स पर प्रशासन का बुलडोजर चला था। इसमें कानपुर में विकास दुबे, गाजीपुर के मुख्तार अंसारी और प्रयागराज के अतीक अहमद का नाम सबसे ऊपर आता है। प्रदेश के इन तीन बड़े माफियाओं के अलावा वाराणसी के बृजेश कुमार सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह, लखनऊ के ओमप्रकाश उर्फ बबलू श्रीवास्तव, बिजनौर के मुनीर, अंबेडकर नगर के खान मुबारक, गाजियाबाद के अमित कसाना, शामली के आकाश जाट पर बुलडोजर एक्शन हुआ था। इसी तरह मेरठ के उधम सिंह और योगेश भदौड़ा, बागपत के अजीत उर्फ हप्पू, मुजफ्फरनगर के सुशील उर्फ मूच और संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा, गौतमबुद्ध नगर के सुंदर भाटी उर्फ नेताजी और अनिल भाटी, अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर, सिंहराज भाटी, अंकित गुर्जर, वाराणसी के सुभाष सिंह ठाकुर, आजमगढ़ के ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह, गाजीपुर के उमेश राय उर्फ गौरा राय और लखनऊ के त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन कुमार, लखनऊ के मोहम्मद सलीम, मोहम्मद सोहराब और मोहम्मद रुस्तम की संपत्ति पर बुलडोजर चला और इन माफियाओं की संपत्ति को सरकार ने जब्त कर लिया। बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भाजपा और सपा आमने-सामने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अखिलेश यादव ने किया स्वागत सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर 1 अक्टूबर तक रोक के आदेश पर अखिलेश यादव ने कहा- बुलडोजर न्याय नहीं हो सकता। यह असंवैधानिक हैं, लोगों को डराने के लिए था। बुलडोजर जानबूझकर विपक्ष की आवाज दबाने के लिए था। मैं सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के लिए धन्यवाद देता हूं, जिसने बुलडोजर को रोक दिया है। सीएम, यूपी सरकार और बीजेपी के लोगों ने ‘बुलडोजर’ का महिमामंडन किया जैसे कि यह न्याय है। अब जब सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है, तो मुझे लगता है कि बुलडोजर रुक जाएगा और न्याय अदालत के माध्यम से होगा। भाजपा प्रवक्ता ने बुलडोजर एक्शन का किया समर्थन
बुलडोजर एक्शन पर कोर्ट के आदेश के बाद भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि राजनीतिक दुराग्रह या पूर्वाग्रह से बुलडोजर चलाना गलत है। भाजपा सरकार में अपराधी के अपराध पर बुलडोजर नहीं चलता। अपराधी के अवैध निर्माण के अतिक्रमण पर विधि की परिधि में बुलडोजर चला है। उन्होंने कहा- सपा शासनकाल में विधायक रामपाल यादव या उद्धव ठाकरे शासन में कंगना रनौत के घर पर बुलडोजर गलत ढंग से चला था। सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश की प्रतीक्षा सबको है। लोकसभा चुनाव के बाद अब तक के बुलडोजर एक्शन देखिए…. जुलाई में यूपी में कुल 8 बुलडोजर एक्शन हुए जुलाई महीने में 5 निजी और 3 सार्वजनिक कब्जा की गई संपत्तियों पर बुलडोजर चला। व्यक्तिगत संपत्तियों पर एक्शन में बरेली में उपद्रव करने वाले आरोपियों और बलिया में एक व्यक्ति को गोली मारने वाले तीन आरोपियों के घर शामिल थे। अगस्त में प्रदेश भर में 6 बुलडोजर एक्शन योगी सरकार का अवैध कब्जों के साथ हत्या और रेप जैसे अपराध के आरोपियों पर बुलडोजर एक्शन अगस्त महीने में भी जारी रहा। इस महीने प्रशासन की तरफ से कुल 6 बुलडोजर एक्शन हुए। इनमें से 5 निजी कब्जों पर बुलडोजर चला। ये खबर भी पढ़ें… बुलडोजर पर ब्रेक…यूपी से निकल MP-राजस्थान पहुंचा था:विकास दुबे का किला ढहाने से आया चर्चा में, 18वीं सदी में खेती में हुआ इस्तेमाल यूपी में बुलडोजर एक्शन की शुरुआत कैसे, कब और कहां से हुई? योगी का नाम कैसे बुलडोजर बाबा पड़ा? कैसे सरकार ने इसे राजनीतिक हथियार बना लिया? कब-कब इसे लेकर विवाद हुए? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए…

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