लखनऊ के दैनिक भास्कर कार्यालय में शुक्रवार को शहर के टॉप शिक्षक पहुंचे। एजुकेशन और जॉब्स से जुड़े मुद्दों पर मंथन किया। सरकार की नीतियों से लेकर रोजगार के अवसरों पर भी बात हुई। युवाओं के बीच लोकप्रिय मुद्दे और आज के दौर की मीडिया और उसकी वर्किंग पर भी चर्चा हुई। शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार ठीक नहीं बेसिक शिक्षा विभाग की इकलौते मान्यता प्राप्त महिला संगठन की प्रदेश प्रमुख सुलोचना मौर्या ने कहा कि शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार ठीक नहीं है। 27 हजार स्कूलों के मर्जर को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। असमंजस जैसे हालात है। विभागीय अफसर एसी के कमरों में बैठकर प्रदेश भर के लाखों शिक्षकों से जुड़े फैसले मनमर्जी से करते है, ये ठीक नहीं। शिक्षक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने जाता है। ऐसे हालात में उसके साथ कोई अनहोनी होती है तो सुनवाई कहीं नहीं होती। हम देश के भविष्य का निर्माण करते हैं। कठोर और अड़ियल रवैये का बर्ताव हमारे साथ होता है। ये ठीक नहीं। हर क्षेत्र का होना चाहिए ज्ञान लखनऊ के केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो.भरत भूषण त्रिपाठी कहते है कि संस्कृत में भी छात्र शोध कर रहे हैं। खुद को किसी क्षेत्र विशेष में सीमित करना ठीक नहीं है। अच्छा होगा यदि हर विधा में पारंगत हों। कम से प्रारंभिक जानकारी तो हर विषय में होनी चाहिए। संजीदा बात की पहल करना जरूरी KKC की पूर्व प्राचार्य डॉ. मीता शाह ने बताया कि रिटायर लोग बेहद संजीदा विषय पर बात करना चाहते हैं। इसी को पढ़ना भी चाहते हैं। सरकार को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। इस वर्ग के शिक्षकों के हित में भी जरूरी कदम उठाना होगा। अधिकारी सिर्फ कागजी कोरम कर रहे पूरा माध्यमिक शिक्षा संघ से जुड़े सत्य शंकर मिश्रा कहते हैं कि स्कूलों में मीटिंग के चलते शिक्षक पढ़ाई नहीं करा पाता है। शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी सिर्फ कोरम पूरा कर रहें। ऐसे में यदि मीडिया इस क्षेत्र को टच करता है तो कोई गलत नहीं। पड़ताल के साथ काम करने पर ही सटीक बात सामने आती है। सही दिशा में हो रहा बदलाव नवयुग पीजी कॉलेज की प्राचार्य प्रो.मंजुला उपाध्याय कहती है कि कॉलेज में स्टूडेंट्स को हर दिन कुछ नया सीखाने का प्रयास रहता है। अच्छी बात ये है कि बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स इस पहले में साथ देते है। अच्छा है कि सही दिशा में बदलाव हो रहा है। हर पल मौजूदगी का दिलाता है अहसास प्रो.विजय राज कहते है कि दैनिक भास्कर हर पल मौजूदगी का अहसास कराता है। हर वर्ग के लोगों तक इसकी पहुंच है। और हर रोज ये नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उम्मीद है कि आने वाले समय में ये बुलंदी के कई नए आयाम को हासिल करें। काबिलियत के बल पर ही जीवन में हासिल होती है सफलता धीरेंद्र मिश्रा ने कहा कि आज के युग में टिके रहने के लिए खुद को साबित करना पड़ता है। जिंदगी के तमाम चैलेंज को पार पाने के लिए पॉजिटिव एटीट्यूड की भी जरूरत होती है, पढ़ाई के दौरान हम इसके लिए भी छात्रों को तैयार करते है। नो नेगेटिव मंडे की पहल को सराहा भास्कर की मंडे को नो नेगेटिव पहल की जमकर सराहना करते हुए माध्यमिक के संगठन मंत्री नुरुल हुदा ने सुझाव दिया कि हर क्षेत्र में अवेयरनेस बढ़ाने की जरूरत है। सिस्टम की बदहाल नीतियों का शिकार शिक्षामित्र शिक्षामित्र संघ से जुड़े बीएल यादव कहते है कि मेरा बस यही कहना है कि अब बदलाव होना बहुत जरूरी है। इस सिस्टम का दंश पूरी पीढ़ी ने झेला है। अब जागरूक होना पड़ेगा, कम से कम आने वाली पीढ़ी इसका शिकार न होने पाए। रियल टाइम में न्यूज की रहती है डिमांड सेंट जोसेफ समूह के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुए अविरल सोनकर ने बताया कि एमडी अनिल अग्रवाल की तरफ से दैनिक भास्कर समूह को बहुत शुभकामनाएं है। भास्कर की पत्रकारिता के हम सभी कायल है। उसकी रियल टाइम खबरों का कोई सानी नही है। भास्कर एप का नियमित पाठक KKC के शिक्षा विभाग के प्रोफेसर अमित मिश्रा कहते हैं कि मैं 3 साल से ज्यादा समय से दैनिक भास्कर एप का नियमित पाठक हूं और कई घटनाओं पर इस एप से ही जानकारी हासिल की है। यहां खबरें ऑथेंटिक रहती हैं। मैं अपने कई दोस्तों को भी भास्कर की खबर शेयर करता हूं। मैं रोजाना 3 से 4 घंटे तक न्यूज या करेंट अफेयर्स से जुड़े विषयों को पढ़ता हूं। इसके लिए भास्कर एप को डाउनलोड कर रखा है। और किसी एप की जरूरत नही पड़ती। जॉब-एजुकेशन और मेडिकल सेक्शन में उम्दा खबर रहती है। डीबी स्पेशल भी शानदार रहता है। ‘तुलसी के बीज’ की मिली भेंट सार्थक चर्चा संपन्न होने के बाद निकलते समय सभी विशेष अतिथियों को दैनिक भास्कर के ‘एक पेड़ एक जिंदगी अभियान’ के तहत भास्कर अखबार का ‘तुलसी बीज’ विशेषांक एडिशन भी दिया गया। इसके साथ बीज रोपने के लिए पॉट भी दिया गया। सिने स्टार आमिर खान के स्पेशल मैसेज को लेकर भी जानकारी दी गई।