केंद्रीय उर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने विभागों की समीक्षा के बाद पत्रकारों से बात की और कहा कि लखनऊ में मेट्रो के काम में आने वाली हर अड़चन को वो दूर करेंगे। गाजियाबाद और मेरठ में संचालित रैपिड रेल अगले साल जून तक पूरे 82 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर कर लेगी। अभी यह रैपिड ट्रेन 42 किलोमीटर तक चल रही है। उन्होंने बताया कि जेवर मेट्रो का काम भी शुरू हो गया है। खट्टर ने कहा कि जब से वे मंत्री बने हैं कुल 16 राज्यों का दौरा कर चुके हैं। जनवरी तक देश के बाकी राज्यों का भी दौरा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हर क्षेत्र में काफी प्रगति हो रही है। 2020–21 में 27 प्रतिशत लाइन लॉस था उसे 16 प्रतिशत पर लाया गया है। यहां लोगों का बिल देने का स्वभाव भी कम है। ऐसे में स्कीम लाई जाएगी, पुराने बिल में सहायता की जाएगी। स्मार्ट मीटर लगाने की जो योजना बनी है उसके तहत सरकारी कार्यालय, कालोनी और सरकारी कर्मचारियों के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसके बाद हाई लोड कामर्शियल या इंडस्ट्रयल कनेक्शन, गांव के कनेक्शन या कम लोड वाले कनेक्शन हैं, उन्हें 2 प्रतिशत की रिबेट की गई है। स्मार्ट मीटर से लोगों की शिकायतें दूर होंगी, लाइन लॉसेस भी कम होगें। केन्द्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने उ0प्र0 में पहली बार आयोजित डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट (डीयूएम) 2024 के 8वें वार्षिक सम्मेलन की शुरुआत लखनऊ में हुई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में ऊर्जा का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। सभी विद्युत कम्पनियों को इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए समन्वय बनाकर उत्पादन, वितरण के लिए कार्य करें, जिससे विद्युत उपभोक्ताओं पर न ज्यादा बोझ पड़े और न ही कम्पनियों को घाटा हो। हमें देश में विद्युत उत्पादन को बढ़ाना भी है साथ ही पूरे देश में सभी क्षेत्रों को ऊर्जा सुलभ हो, इसके लिए भी कार्य करना है। उन्होंने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश अपनी ऊर्जा जरूरतों को सकुशल पूरा कर रहा है बल्कि आने वाले समय में अपने पड़ोसी देशों को भी विद्युत आपूर्ति करने में सक्षम होगा। उन्होंने लाइन हानियों को कम करने पर जोर दिया और कहा कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए हरित ऊर्जा व सौर ऊर्जा पर अधिक ध्यान केन्द्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की सतत प्रक्रिया रही है। यह निरन्तर चलती रहेगी और इस क्षेत्र में नये-नये आयाम आयेंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में देश में 250 गीगावाट विद्युत की मांग है, जो कि लगातार बढ़ रही है। उन्होंने राज्यों में भी परमाणु आधारित बिजली संयंत्रों की स्थापना पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा। वर्ष 2032 तक इसके 08 गीगावाट से बढ़कर 20 गीगावाट तक उत्पादन होने लगेगी। भारत सरकार 2030 तक 500 गीगावाट गैर जीवश्म ईधन से बिजली प्राप्त करने पर भी कार्य कर रही है। उन्होंने नेशनल रजिस्ट्री ऑफ रूफटॉप सोलर पोर्टल https://www.indiaderregistry.in/ की लांचिग की। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में देशभर में बहुत से कार्य किये जा रहे हैं। आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे देश का लाइनलास 2020-21 में जो 27 प्रतिशत था वह अब घटकर साढ़े सोलह प्रतिशत हो गया है। जबकि देशभर का औसत लाइनलास 15 प्रतिशत है। इसीलिए प्रदेश में भी लाइनलास को कम करने व उपभोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित समाधान पर जोर दिया गया है। प्रत्येक राज्य में उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे। प्रथम चरण का कार्य 31 मार्च, 2025 तक में पूरा किया जाना है। प्रदेश में भी सबसे पहले सरकारी कार्यालयों, सरकारी कालोनियों व सरकारी कर्मचारियों के यहां स्मार्ट मीटर लगाने का सुझाव दिया गया है। इसी प्रकार नगर विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, सिटी ट्रांसपोर्ट, स्वनिधि योजना, ई-बस सेवा को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि नगरीय एवं मेट्रो के क्षेत्र में उ0प्र0 अच्छा कार्य कर रहा है। इसी प्रकार आरआरडीएस मेरठ के कार्यों में भी तेज गति से कार्य हो रहा है। उन्होंने उ0प्र0 में ऊर्जा एवं नगर विकास के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की प्रगति से संतुष्टि व्यक्त की। दस साल आगे तक की बनाई जा रही योजनाएं प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि विद्युत व्यवस्था की बेहतरी के लिए तकनीकी का अधिकतम प्रयोग किया जा रहा है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घंटे से अधिक विद्युत आपूर्ति दी जा रही है। प्रदेश को 24 घंटे आपूर्ति देने के लिए घाटे को कम करना होगा, जिसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में सर्वाधिक 30,618 मेगावाट विद्युत आपूर्ति देने वाला राज्य बना है। प्रदेश में लाइन हानियों में भी कमी आई है। 2021-22 में जो 31 प्रतिशत थी वह अब 16 प्रतिशत हो गयी है। वर्ष 2034 तक की ऊर्जा जरूरतों के लिए थर्मल, हाइड्रो, सोलर एवं पीएसपी परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। आरडीएसएस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बना है। सीबीजी उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है और रूफटॉप सोलर लगाने में तीन अग्रणीं राज्यों में है। बिजली उपभोक्ताओं की सेवाओं में काफी सुधार किया गया है। इसके लिए 1912, और ‘संभव’ की व्यवस्था संचालित है। ट्रस्ट बिलिंग के माध्यम से उपभोक्ता स्वयं अपने बिल बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या शहर को देश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित किया गया है। यहां पर 40 मेगावाट का सोलर प्लांट भी लगाया गया है। साथ ही स्ट्रीट लाइट, हाईमास्ट, सरयू में बोट आदि भी सोलर से संचालित हैं। प्रदेश के अन्य 16 नगरों को भी आगे सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है। तकनीकी आधारित बिलिंग का भी सिस्टम बनाया जा रहा है। साथ ही सभी बैलेंस सीट भी तैयार की जा रही है, जिससे प्रदेश की विद्युत आपूर्ति को बढ़ाने में सुविधा होगी। पावर कास्ट को कम करना सबसे बड़ा चैलेंज नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने कहा कि प्रदेश में पावर कास्ट को कम करना सबसे बड़ा चैलेंज है। प्रदेश के 3.45 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को भी विद्युत देना है। इसके लिए आपूर्ति और मांग का सही डाटा होना जरूरी है। आरडीएसएस एवं एमआईएसपी के कार्यों से विद्युत व्यवस्था में सुधार होगा। अपर मुख्य ऊर्जा नरेन्द्र भूषण ने कहा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित समाधान और विद्युत आपूर्ति के लिए आधुनिक तकनीकी बहुत जरूरी है। प्रदेश में विद्युत उत्पादन बढ़े। सौर ऊर्जा पर ध्यान दिया जा रहा है। यूपीपीसीएल के चेयरमैन आशीष गोयल ने कहा कि सभी डिस्काम को घाटे से उबारने के लिए कार्य किया जायेगा, जिससे लोगों को 24 घंटे बिजली मिल सके। विद्युत वितरण और लाइन हानियों को कम करने में आधुनिक तकनीकी का अधिक से अधिक उपयोग किया जायेगा। ग्लोबल स्मार्ट फेडरेशन के चेयरमैन और आईएसजीएफ के प्रेसीडेंट रेजी कुमार पिल्लई ने कहा कि पावर सेक्टर के विकास और आधुनिकीकरण से देश का तीव्र गति से विकास होगा। साथ ही देश के सभी क्षेत्रों में विद्युत वितरण में आसानी होगी।