वाराणसी जिले में ब्लैक शीशे वाली गाड़ियों और फर्जी विधानसभा पास के साथ घूमने वाले लोगों की बढ़ती संख्या ने स्थानीय प्रशासन को एक नई चुनौती दी है। इन गाड़ियों पर लगे हूटर और फर्जी पहचान पत्रों का खुला इस्तेमाल हो रहा है, जबकि प्रशासन बाइक सवारों पर तो कार्रवाई कर रहा है, लेकिन बड़ी गाड़ियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
सांकेतिक तस्वीर – फोटो : THE VARANASI NEWS
जिले में आठ विधायक हैं और 50 से अधिक ऐसी गाड़ियां सड़कों पर दौड़ती नजर आ रही हैं। खासकर कैंटोनमेंट और बीएचयू जैसे क्षेत्रों में ये गाड़ियां इंस्टाग्राम पर भोकाल दिखाने के लिए सक्रिय हैं। नदेसर क्षेत्र में खुलेआम ब्लैक फिल्म बेची जा रही है, जबकि पुलिस की ओर से इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह स्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीरता की कमी है।
इसके साथ ही, प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल भी बढ़ रहा है, जिससे आम जनता में असुरक्षा का माहौल बन रहा है। यह न केवल वाराणसी की कानून व्यवस्था को चुनौती देता है, बल्कि प्रधानमंत्री के इस लोकसभा क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर असर डाल सकता है। आए दिन VVIP लोगों का आना-जाना इस मुद्दे को और भी गंभीर बना देता है।
अब देखने की बात होगी कि वाराणसी पुलिस कब इस गंभीर समस्या का समाधान करेगी। क्या वे सिर्फ कुछ दिनों के लिए अभियान चलाकर इसे ठंडे बस्ते में डाल देंगी, या फिर स्थायी समाधान के लिए ठोस कदम उठाएंगी? यह वाराणसी की सुरक्षा और प्रशासन की विश्वसनीयता के लिए एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
वाराणसी जिले में ब्लैक शीशे वाली गाड़ियों और फर्जी विधानसभा पास के साथ घूमने वाले लोगों की बढ़ती संख्या ने स्थानीय प्रशासन को एक नई चुनौती दी है। इन गाड़ियों पर लगे हूटर और फर्जी पहचान पत्रों का खुला इस्तेमाल हो रहा है, जबकि प्रशासन बाइक सवारों पर तो कार्रवाई कर रहा है, लेकिन बड़ी गाड़ियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।सांकेतिक तस्वीर – फोटो : THE VARANASI NEWSजिले में आठ विधायक हैं और 50 से अधिक ऐसी गाड़ियां सड़कों पर दौड़ती नजर आ रही हैं। खासकर कैंटोनमेंट और बीएचयू जैसे क्षेत्रों में ये गाड़ियां इंस्टाग्राम पर भोकाल दिखाने के लिए सक्रिय हैं। नदेसर क्षेत्र में खुलेआम ब्लैक फिल्म बेची जा रही है, जबकि पुलिस की ओर से इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह स्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीरता की कमी है।विज्ञापनइसके साथ ही, प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल भी बढ़ रहा है, जिससे आम जनता में असुरक्षा का माहौल बन रहा है। यह न केवल वाराणसी की कानून व्यवस्था को चुनौती देता है, बल्कि प्रधानमंत्री के इस लोकसभा क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर असर डाल सकता है। आए दिन VVIP लोगों का आना-जाना इस मुद्दे को और भी गंभीर बना देता है।विज्ञापनअब देखने की बात होगी कि वाराणसी पुलिस कब इस गंभीर समस्या का समाधान करेगी। क्या वे सिर्फ कुछ दिनों के लिए अभियान चलाकर इसे ठंडे बस्ते में डाल देंगी, या फिर स्थायी समाधान के लिए ठोस कदम उठाएंगी? यह वाराणसी की सुरक्षा और प्रशासन की विश्वसनीयता के लिए एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।