माफिया अतीक-अशरफ की हत्या के बाद प्रयागराज पुलिस के टारगेट पर ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपराध से अकूत संपत्ति बनाई है। इसी कड़ी में अशरफ के साले सद्दाम की फॉर्च्यूनर कार से एक लाल डायरी मिली है। इसमें अतीक, अशरफ और जैनब के नाम कई ऐसी प्रॉपर्टी हैं, जिनकी जानकारी पुलिस को नहीं थी। प्रयागराज के 5 से ज्यादा बड़े बिल्डर और कारोबारियों के साथ मिलकर उनके धंधे में लगाई गई करोड़ों रुपए का लेखा-जोखा है। कौशांबी के पूर्व विधायक के साथ प्लाटिंग की डिटेल भी लिखी है। करेली की एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग से 3-3 महीने पर 10 से 12 लाख रुपए का लेन-देन सामने आया है। पुलिस लाल डायरी के फैक्ट को जांच में शामिल कर रही है। जेल में अतीक-अशरफ, बाहर धंधा सद्दाम संभालता रहा
पुलिस के मुताबिक, अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या 15 अप्रैल, 2023 को हुई थी। इससे पहले अतीक करीब 7 साल जेल में रहा। दूसरी तरफ अशरफ बरेली जेल में बंद था। बाहर बिजनेस अशरफ का साला सद्दाम संभाल रहा था। अशरफ ने सबकुछ सद्दाम को बता दिया था, ताकि रुपए का हिसाब-किताब वह देख सके और बहन जैनब की जरूरतें पूरी कर सके। लाल डायरी में क्या-कुछ सामने आया, ये जानिए… सिटी प्रोजेक्ट में कई करोड़ की फंडिंग, 5 बिल्डर के नाम सामने आए
पुलिस सोर्स के मुताबिक, सद्दाम की लाल डायरी में धूमनगंज इलाके में तैयार हो रही सोलिवर सिटी का जिक्र मिला है। इस प्रोजेक्ट में 5 करोड़ रुपए 10 साल पहले की तारीख से दर्ज है। इसके बाद कई लेन-देन हैं, उसकी भी तारीखें साल दर साल दर्ज हैं। पुलिस की जांच में सामने आया कि इस प्रोजेक्ट से 5 से ज्यादा बिल्डर जुड़े हुए हैं। पुलिस को इस प्रोजेक्ट में अतीक-अशरफ की फंडिंग की जानकारी नहीं थी। डायरी से इनपुट मिलने के बाद पुलिस ने करीब 9 ठेकेदारों से अलग-अलग पूछताछ की है। सद्दाम की गिरफ्तारी के बाद उसने इस प्रोजेक्ट की फंडिंग के बारे में बताया भी था। करेली की बिल्डिंग में पार्टनरशिप
लाल डायरी में करेली के एक प्रॉपर्टी डीलर से पार्टनरशिप की बात लिखी। करेली में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में भी अशरफ के कई करोड़ रुपए लगे हैं। डायरी में हर 3 महीने पर 10-12 लाख रुपए का लेनदेन हुआ है। माना जा रहा है कि ये लेन-देन दुकानों के किराए का है। पूर्व विधायक के साथ प्लाटिंग का लेखा-जोखा
इस डायरी में कौशांबी के एक पूर्व विधायक के साथ प्लाटिंग का लेखा-जोखा भी मिला है। इसमें दर्ज है कि प्लाटिंग करने के बाद कितनी जमीन पूर्व विधायक के लोगों ने बेची। उनसे कितना रुपया आया। वो रुपया कहां-कहां इन्वेस्ट किया गया। पूरामुफ्ती से लेकर कौशांबी बॉर्डर किसानों की जमीनों का जिक्र
पुलिस को इस डायरी में पूरामुफ्ती, झलवा और कौशांबी बॉर्डर पर किसानों के नाम खरीदी गई जमीनों के बारे में भी लिखा गया है। सल्लाहपुर में 2 प्लाट को बेचने का जिक्र है। इसमें कितने रुपए मिले, यह लिखा हुआ है। हालांकि जमीन किसको दी गई, उनके नाम नहीं लिखे हैं। DCP सिटी दीपक भूकर ने कहा- सद्दाम की बेनामी संपत्ति खंगाली जा रही हैं। फॉर्च्यूनर कार कुर्क हो गई है। उसमें कुछ जरूरी दस्तावेज-डायरी मिली है। उसमे कई गोपनीय जानकारी हैं। नैनी, बरेली जेल में अशरफ रहा तो सद्दाम ने संभाला धंधा
असल में अशरफ कई साल तक नैनी जेल में रहा। उसके बाद उसे बरेली भेजा गया। अशरफ के जेल में रहने के दौरान उसकी कमाई का हिसाब सद्दाम रखने लगा। इसमें करोड़ों की ऐसी कमाई शामिल हैं, जो अतीक परिवार से अलग रही है। यही वजह है कि अशरफ इस मामले में अपनी पत्नी के भाई पर भरोसा कर रहा था। सद्दाम पर लगी है चार्जशीट
बदायूं जेल में बंद अशरफ के साले सद्दाम के खिलाफ बिथरीचैनपुर और बारादरी थाने में दर्ज मुकदमों में चार्जशीट लग चुकी है। बिथरीचैनपुर थाना पुलिस गैंगस्टर के मामले में सद्दाम समेत 11 आरोपियों की संपत्ति के चिह्नीकरण की कार्रवाई कर रही है। बरेली पुलिस प्रयागराज पुलिस को साथ लेकर सद्दाम की संपत्ति का चिह्नीकरण कर रही है। प्रयागराज पुलिस सद्दाम की पांच संपत्तियों को चिह्नित कर चुकी है। दुबई में भी लगा है अशरफ का पैसा
सद्दाम ने कई साल दुबई में गुजारे हैं। वह दुबई में भी आलीशान जिंदगी जीता रहा है। वहां लग्जरी गाड़ियों से चलता था। उसके मार्फत अशरफ ने दुबई में भी कई करोड़ रुपए निवेश किए थे। अतीक-अशरफ की मौत के बाद दुबई में संपत्ति के मामले में जांच शुरू हुई थी। अब जब सद्दाम पर शिकंजा कस रहा है तो दुबई में निवेश को लेकर जांच होने लगी है। यह भी पढ़ें :- अतीक-अशरफ हत्याकांड के 60 दिन, न्यायिक जांच आयोग को 15 जून को सरकार को सौंपनी थी रिपोर्ट, अभी तक नहीं कर पाई माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की 15 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में हुई हत्या का सच क्या है? किसके इशारे पर और क्यों अतीक-अशरफ की हत्या की गई? क्या है अतीक और अशरफ की हत्या का राज? फिलहाल इस मामले की जांच के लिए गठित किए गए न्यायिक जंच आयोग की रिपोर्ट का अभी इंतजार है। पढ़िए पूरी खबर..

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