इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शहर के कई इलाकों में पीने के पानी की हो रही समस्या पर नगर निगम को समझाया है। हाईकोर्ट ने कहा समय रहते इस समस्या को दूर कर लिया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय वह न्यायमूर्ति ओमप्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने उत्कर्ष सेवा संस्थान की ओर से दाखिल वर्ष 2016 की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया। अगली सुनवाई तक शपथपत्र दाखिल करें एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय के सामने आया की शहर के सराय हसनगंज, बरौरी, बरौलिया, अकबर नगर, हरदासी खेड़ा, डूडा कॉलोनी, दमदन का पुरवा, चिनहट व मटियारी इलाकों में पीने का पानी नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। इस पर न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए नगर निगम को आदेश दिया है कि वह शहर इलाकों का सर्वेक्षण कर वहा साफ पीने का पानी उपलब्ध कराए। यदि साफ पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने में कोई समस्या हो तो उसके समाधान का उपाय तत्काल करें। न्यायालय ने अगली सुनवाई तक नगर निगम को शपथपत्र दाखिल करने का भी आदेश किया है। जल निगम के अधिवक्ता ने कहा- अधिकारियों ने बैठक की है सुनवाई के दौरान जल निगम की ओर से पेश अधिवक्ता द्वारा न्यायालय को बताया गया कि साफ पानी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी नगर निगम के जलकल विभाग की है। सुनवाई के समय न्यायालय के सामने यह बताया कि पीने के पानी की समस्या के समाधान के लिए जल निगम व राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक केवल की गई है। लेकिन कोई उचित तरीका नहीं निकला जा सका है। “हमारी समस्या 2016 से जस की तस बनी हुई” वही याची की ओर से उपस्थित अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया कि वर्तमान याचिका वर्ष 2016 में ही दाखिल की गई थी। लेकिन आज भी पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है। इस पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि नगर निगम ने आज तक जवाबी शपथपत्र भी नहीं दाखिल किया है। न्यायालय ने कहा कि नगर निगम की इस प्रकार की उदासीनता की सराहना नहीं की जा सकती। न्यायालय ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 29 मई तय की है।

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