गाजियाबाद में विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने 8 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और नगर निगम पर आरोप लगाया कि 12 मंदिर तोड़े गए हैं। मेयर ने ये आरोप सरासर गलत ठहरा दिए। आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच 24 घंटे में ही विहिप बैकफुट पर आ गया। मेयर की मौजूदगी में विहिप पदाधिकारियों ने नया स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि न कोई मंदिर तोड़ा गया और न ही भविष्य में तोड़ा जाएगा। विहिप का दावा था- सिर्फ मंदिर तोड़े, 25 जगहों पर मजार-चर्च अवैध बन रहे
प्रेस वार्ता में विहिप के महानगर अध्यक्ष आलोक गर्ग ने कहा था, 20 फरवरी को सिद्धार्थ विहार बागू स्थित एक नवनिर्मित मंदिर को नगर निगम के द्वारा ध्वस्त किया गया था। इसी तरह नगर निगम के द्वारा शहर के अंदर कुल 12 मंदिर ध्वस्त किए जा चुके हैं। आरोप लगाया कि नगर निगम भूमाफियाओं के साथ मिलकर अवैध चर्चों और मजारों से प्रेम और हिन्दू मंदिरों से बैर कर रही है। विहिप महानगर अध्यक्ष ने ये भी दावा किया कि हमारे पास ऐसे करीब 25 स्थानों की सूची मौजूद है, जहां पर मजारों-चर्चों का अवैध निर्माण चल रहा है। मंदिर पर चल रही ध्वस्तीकरण कार्रवाई के विरोध में विहिप ने 10 मई से नगर निगम मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया था। मेयर ने विहिप के आरोप बताए गलत
मेयर सुनीता दयाल ने गुरुवार को इस संबंध में प्रेस वार्ता की और विश्व हिन्दू परिषद के आरोपों को गलत बताया। मेयर ने कहा, सरकारी जमीन खाली कराई जा रही है। लेकिन इसके लिए किसी भी मंदिर से छेड़छाड़ नहीं की गई है। सभी मंदिर पूरी तरह सुरक्षित हैं। विहिप ने जिन 12 मंदिरों को तोड़ने की बात की थी, मैंने टीम भेजकर उनकी जांच कराई। सभी मंदिर ठीक हालत में पाए गए हैं। मेयर की इस प्रेस वार्ता के बाद विश्व हिन्दू परिषद के महानगर अध्यक्ष आलोक गर्ग ने गुरुवार रात एक नया बयान जारी किया। इस दौरान उनके बराबर में मेयर सुनीता दयाल भी बैठी हुई नजर आईं। आलोक गर्ग ने कहा, संगठन पदाधिकारियों ने पूरे प्रकरण में मेयर से वार्ता की। जिसमें इस बात पर सहमति रही कि मंदिर पहले भी कोई तोड़ा नहीं गया। अगर तोड़ा है तो मेयर उसकी जांच कराएंगी। आगे भी इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि कोई मंदिर तोड़ा न जाए। संगठन ने मेयर को इस बात के लिए आश्वस्त किया है कि अतिक्रमण के लिए हम सपोर्ट में नहीं आएंगे। नगरायुक्त को ज्ञापन सौंपा, मंदिरों के पुर्ननिर्माण की मांग
इसके अलावा विश्व हिन्दू परिषद की तरफ से नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक को एक ज्ञापन भी दिया गया है। इसमें गाजियाबाद नगर निगम सीमा में किसी भी मंदिर को तोड़े नहीं जाने, क्षतिग्रस्त-ध्वस्त मंदिरों का पुर्ननिर्माण निगम द्वारा कराने, मंदिर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में संलिप्त अधिकारियों को निलंबित करने, मंदिर के 200 मीटर दायरे में मांस की दुकानों को सील करने की मांग की गई है।