कृतिका नक्षत्र के जातक बड़े ही बुद्धिमान, तेजस्वी, ईमानदार, प्रेमी स्वभाव वाले, दयालु और प्रभावशाली होते हैं. ये लोग रचनात्मक कार्यों में रुचि रखते हैं और किसी भी कार्य की जड़ तक पहुँचने के लिए तत्पर रहते हैं. कृतिका का अर्थ होता है – कार्य करना. इसका पहला चरण मेष राशि में, जबकि बाकी तीन चरण वृष राशि में आते हैं. अतः मेष और वृष, दोनों राशियों पर कृतिका नक्षत्र का प्रभाव रहता है. कृतिका नक्षत्र के स्वामी भी सूर्यदेव हैं, जो कि व्यक्ति के अंदर विवेक को जागृत करते हैं और उसके मनोबल को बढ़ाते हैं.कृतिका नक्षत्र के जातक बड़े ही बुद्धिमान, तेजस्वी, ईमानदार, प्रेमी स्वभाव वाले, दयालु और प्रभावशाली होते हैं. ये लोग रचनात्मक कार्यों में रुचि रखते हैं और किसी भी कार्य की जड़ तक पहुँचने के लिए तत्पर रहते हैं. कृतिका का अर्थ होता है – कार्य करना. इसका पहला चरण मेष राशि में, जबकि बाकी तीन चरण वृष राशि में आते हैं. अतः मेष और वृष, दोनों राशियों पर कृतिका नक्षत्र का प्रभाव रहता है. कृतिका नक्षत्र के स्वामी भी सूर्यदेव हैं, जो कि व्यक्ति के अंदर विवेक को जागृत करते हैं और उसके मनोबल को बढ़ाते हैं.