अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हॉस्टल में सालों से जमे हुए छात्रों को अब बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। हॉस्टल में रहने वाले छात्रों का रिकॉर्ड तैयार होगा और जो भी छात्र अब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई नहीं रहे हैं, उनसे कमरे खाली कराए जाएंगे। जिससे कि यूनिवर्सिटी में आने वाले नए छात्रों को हॉस्टल अलॉट हो सके। बीते दिनों यूनिवर्सिटी की नई वाइस चांसलर प्रो. नाईमा खातून ने यह आदेश जारी किए हैं। इसके बाद इंतजामिया की टीम इस अभियान में जुटी हुई है। बाहरी छात्रों के रहने से बिगड़ता है माहौल
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय आए दिन आपराधिक गतिविधियों के कारण चर्चाओं में बनी रहती है। सूत्रों की माने तो यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में 20 हजार छात्र रह रहे हैं। इसमें बड़ी संख्या में बाहरी और पूर्व छात्र हैं, जो कैंपस में रहकर यहां का माहौल खराब करते हैं। बाहरी और अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके छात्र यूनिवर्सिटी के अंदर माहौल खराब करते हैं। यूनिवर्सिटी के छात्रों को अपने साथ लेकर वह मार्च और धरना प्रदर्शन जैसी गतिविधियां भी करते हैं। जिससे पढ़ाई का माहौल बिगड़ता है। जांच में पूर्व छात्रों का नाम सामने आता है। यह छात्र कई साल पहले अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके थे, लेकिन हॉस्टल में अब भी अपना डेरा बनाए हुए थे। जिसके चलते हॉस्टलों को खाली कराने की मुहिम शुरू की गई है। वाइस चांसलर के आदेश जारी होने के बाद कैंपस के अंदर अब लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जो छात्र छुट्टी में घर गए हैं, उन्हें भी नोटिस भेजे जा रहे हैं। जिससे वह तत्काल अपना कमरा खाली करें। गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजता रहा है कैंपस
एएमयू का कैंपस पिछले 6-7 महीनों में कई बार गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजता रहा है। इसमें यूनिवर्सिटी के कई छात्र घायल भी हुए हैं। जब जांच हुई तो इसमें पूर्व छात्र और बाहरी लोगों के शामिल होने की बात सामने आई। यह लोग कैंपस के अंदर रहकर ही अपराधिक गतिविधियां करते हैं। कैंपस के अंदर मौलाना आजाद लाइब्रेरी के पीछे 6 दिसंबर 2023 को दो गुटों के विवाद में फायरिंग हो गई थी। इसमें एक मेडिकल छात्रा घायल हुई थी। 3 नवंबर को जेल से छूटने के बाद एक पूर्व छात्र ने कैंपस में हर्ष फायरिंग की थी, जिसमें मुरादाबाद का एक छात्र घायल हो गया था। घायल हुए छात्र की जांघ में गोली लगी थी। जिसके बाद उसने सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। 3 अक्टूबर को वीएन हॉल और एसएस नार्थ हॉल के बाहर छात्र गुट भिड़ गए थे और गोलियां चली थी। इसमें भी 3 छात्र घायल हुए थे। इसके अलावा आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, जिसमें बाहरी और पूर्व छात्रों के नाम आते रहते हैं। छात्रों के आतंकी कनेक्शन से भी बढ़ी परेशानी
पिछले लगभग 10 महीनों में एएमयू के कई वर्तमान और पूर्व छात्रों का आतंकी कनेक्शन सामने आ चुका है। यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे और पढ़ाई कर चुके 9 आतंकियों को सुरक्षा एजेंसियों और एटीएस ने गिरफ्तार किया है, जिनका ISIS से कनेक्शन था। यह कैंपस में रहकर छात्रों को गुमराह कर रहे थे और अपना कुनबा बढ़ा रहे थे। जाने कब-कब मिला छात्रों का आतंकी कनेक्शन 19 जुलाई 2023 को NIA ने झारखंड के रहने वाले ISIS एजेंट फैजान अंसारी को गिरफ्तार किया था। फैजान अंसारी पुत्र फिरोज अंसारी ने वर्ष 2022-23 में एएमयू में बीए ऑनर्स इकोनॉमिक्स में एडमिशन लिया था। पहले सेमेस्टर की परीक्षा पास की थी और दूसरे के एग्जाम दिए थे। 2 अक्टूबर 2023 को झारखंड में फैजान के बाद दिल्ली की इंटेलीजेंस विंग ने मुरादाबाद से ISIS के सदस्य मो. अरशद वारसी को गिरफ्तार किया। वर्तमान में वह जामिया से पीएचडी कर रहा था। लेकिन इससे पहले उसने 2015 में एएमयू से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। वह झारखंड के गढ़वा का रहने वाला है और कई देश विरोधी गतिविधियों में उसका हाथ बताया जा रहा है। 5 नवंबर 2023 को यूपी ATS ने अलीगढ़ से अब्दुल्ला अर्सलान पुत्र मोइनुद्दीन साजिद और माज बिन तारीक पुत्र मोहम्मद तारीका को गिरफ्तार किया। इन्हें 6 नवंबर को कोर्ट में पेश करके इनकी कस्टडी ली गई। अब्दुल्ला ने एएमयू से पेट्रो कैमिकल में बीटेक किया है। जबकि माज यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई कर चुका है। 8 नवंबर 2023 को ATS ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग से वजीउद्दीन को गिरफ्तार किया है। अब्दुल्ला और माज से पूछताछ के आधार पर वजीउद्दीन को गिरफ्तार किया गया। यह वर्तमान में एएमयू का पीएचडी स्कॉलर था और अलीगढ़ में कोचिंग चलाता था। इसके साथ ही जेहादी मानसिकता के लोगों को जोड़ने का काम करता था। यह संगठन में दोनों के मुकाबले वरिष्ठ था। 11 नवंबर 2023 को यूपी एटीएस ने कोर्ट में 4 और आतंकियों को पेश किया। इन्हें अलीगढ़ और संभल से गिरफ्तार किया गया। इसमें भदोही निवासी राकिब इमाम अंसारी को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया गया है। वह एएमयू से बीटेक कर रहा है। संभल का मोहम्मद नोमान एएमयू से बीए कर रहा है। एटीएस ने संभल के ही नावेद सिद्दीकी को भी गिरफ्तार किया है। वह एएमयू से वर्तमान में बीएससी की पढ़ाई कर रहा है। इसके साथ ही संभल के मोहम्मद नाजिम को भी ISIS से जुड़ाव के कारण गिरफ्तार किया गया है। यह भी एएमयू से पढ़ाई कर रहा है और यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन SAMU से जुड़ा हुआ है। 17 जनवरी 2024 को यूपी एटीएस ने 25 हजार के इनामी आतंकी फैजान बख्तियार को गिरफ्तार किया है। फैजान वर्तमान में एएमयू का छात्र था और मास्टर इन सोशल वर्क (MSW) की पढ़ाई कर रहा था। एएमयू के वीएम हॉल के कमरा नंबर 9 उसके नाम पर अलॉट था। वह आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिए तैयार किया गया था। जाने, कब-कब विवादों में आए छात्र 2013- फरवरी 2013 में भारतीय संसद पर हमले के मास्टर माइंड अफजल गुरु की फांसी दी गई। उस समय एएमयू में छात्रों ने अफजल गुरु के जनाजे की नमाज पढ़ी और उसे शहीद का दर्जा देते हुए कैंपस में प्रोटेस्ट मार्च भी निकाला। 2016- सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना की छावनी पर आतंकी हमला हुआ। इसमें कई जवान शहीद हुए। जिसके बाद एएमयू के छात्र मुदासिर यूसूफ ने शहीद जवानों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। जिसके बाद इंतजामिया ने उसे यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया था। 2018- 11 अक्टूबर 2018 को कश्मीर में भारतीय सेना के हाथों आतंकी मन्नान वानी मारा गया। जिसके बाद एएमयू कैंपस में छात्रों ने उसे अपना भाई बताया और उसकी जनाजे की नमाज पढ़ने की कोशिश की। इसमें इंतजामिया ने 3 छात्रों को निलंबित किया था और 4 को कारण बताओ नोटिस दिया था। 2019- दिसंबर 2019 में सीएए और एनआरसी लागू होने के बाद एएमयू में विरोध शुरू हो गया था। छात्रों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया था, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे। इसमें कई छात्र घायल हुए थे। इस समय भी एएमयू के छात्र विवादों में आ गए थे। आतंकी मन्नान का कमरा अब भी है सील कश्मीर में सेना के हाथों मारा गया आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी मन्नान वानी एएमयू का पीएचडी स्कॉलर था। वह यहां पर भूगर्भ विभाग से शोध कर रहा था और एक होनहार छात्र भी था। वह एएमयू के हबीब हॉल में कमरा नंबर 237 में रहता था। सुरक्षा एजेंसियों ने आज भी इस कमरे में सील लगा रखी है। पहली बार वह आतंकी बुरहान वानी के पोस्टर बांटकर मन्नान चर्चा में आया था। यह मामला काफी गर्माया था। लेकिन 2017 में उसने एएमयू को इंटरनेशनल कांफ्रेंस में रिप्रजेंट किया था और सम्मानित किया था। इसके लिए उसके इस काम को गलती समझते हुए भुला दिया गया था। जिसके बाद 2018 में वह 2 जनवरी में गायब हो गया। फिर उसने 7 जनवरी को एके-47 के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की। जिसके बाद तत्कालीन एसएसपी ने एएमयू के हॉस्टल में 8 जनवरी को छापेमारी करते हुए आपत्ति जनक साहित्य और चीजें बरामद की थी। यह कमरा अभी भी सील है। एएमयू छात्र ने बनाया था आतंकी संगठन सिमी
देश में 1977 में इमरजेंसी हटने के बाद 25 अप्रैल को एएमयू के एक छात्र मुहम्मद अहमद उल्ला सिद्दीकी ने स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की स्थापना की। उस समय वह एमएससी फिजिक्स का छात्र था और गठन के समय इस संगठन का कुछ अलग उद्देश्य दर्शाया गया था। लेकिन 80 के दशक में इसके कई सदस्य उग्रवादियों के संपर्क में आ गए। 1992 में अयोध्या के विवादित ढांचे के विघ्वंस के बाद इस संगठन का अलग रूप समाने आया। आगरा में हुए बम विस्फोट में सिमी का हाथ होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद 2002 में इसे आतंकी संगठन घोषित करते हुए केंद्र से पाबंदी लगा दी गई। शमशाद मार्केट में इसका कार्यालय है, जो अब भी सील है।