इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में बिना अभियुक्त के सहमति के एनडीपीएस के केस में जेल में बंद एक अभियुक्त की जमानत याचिका दाखिल किया गया। इसमें कोर्ट के द्वारा आदेश देने पर CBI ने अज्ञात पर FIR दर्ज की है। इस जमानत याचिका मामले में अभियुक्त की जानकारी के बिना हाईकोर्ट व सत्र अदालत में जमानत याचिकाएं दाखिल की गई थीं। न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई को केस दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए थे। दरअसल खट्टू कुमार उर्फ बउवा गोमती नगर थाने में एनडीपीएस के तहत दर्ज एक केस में जेल में बन्द है। उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि सत्र अदालत व हाईकोर्ट में उसकी पहले भी कई जमानत याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। न्यायालय ने संदेह होने पर जमानत याचिका में पैरोकार के तौर पर शपथ पत्र दाखिल करने वाले शख्स को तलब किया। न्यायालय ने पाया कि लकी निषाद नाम के उक्त शख्स को अभियुक्त या उसके परिवार नहीं जानता है और न ही उसे जमानत मामले में शपथ पत्र दाखिल करने को कहा गया है। इस पर न्यायालय ने सीबीआई को केस दर्ज करने का आदेश दिया था।

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