मेरठ की जाकिर कॉलोनी में रविवार शाम को हजारों की गमगीन भीड़। चारों ओर पसरा सन्नाटा। ठीक सात बजे कतार में रखे दस शव कंपकंपाते कंधों पर उठाए गए तो सन्नाटे को चीरती चीत्कार से सबका कलेजा बैठ गया। हर आंख के आंसू सूख गए।
मेरठ की जाकिर कॉलोनी में रविवार शाम को हजारों की गमगीन भीड़। चारों ओर पसरा सन्नाटा। ठीक सात बजे कतार में रखे दस शव कंपकंपाते कंधों पर उठाए गए तो सन्नाटे को चीरती चीत्कार से सबका कलेजा बैठ गया। हर आंख के आंसू सूख गए।