2017 में पुलवामा के लेथपोरा स्थित सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने ‘आर्मर पियर्सिंग इन्सेंडरी’ का पहली बार इस्तेमाल हुआ था। आर्मी या किसी अन्य फोर्स में ‘आर्मर पियर्सिंग इन्सेंडरी’ का इस्तेमाल, गैर-कानूनी है।

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