तुषार हीरानंदानी ने हिंदी सिनेमा मे बीते 20 साल हर तरह की फिल्में लिखते बिताए हैं। साल 2004 में फिल्म ‘मस्ती’ से शुरुआत करने वाले तुषार की बतौर निर्देशक फिल्म ‘सांड़ की आंख’ के बाद ये दूसरी फिल्म है।
तुषार हीरानंदानी ने हिंदी सिनेमा मे बीते 20 साल हर तरह की फिल्में लिखते बिताए हैं। साल 2004 में फिल्म ‘मस्ती’ से शुरुआत करने वाले तुषार की बतौर निर्देशक फिल्म ‘सांड़ की आंख’ के बाद ये दूसरी फिल्म है।