मैनपुरी की करहल सीट पर पिछले 25 दिनों से सियासत का पारा चढ़ा हुआ है। CM योगी, डिप्टी CM केशव प्रसाद और बृजेश पाठक, मंत्री असीम अरुण दौरा कर चुके हैं। सपा मैनपुरी और करहल को अपना गढ़ बताती है। अखिलेश यादव इस सीट से विधायक थे। उनके कन्नौज से सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई। यही वजह है कि इस सीट को जीतने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। सपा जातीय समीकरण मजबूत कर रही है। हर दिन क्षेत्र के हिसाब से सम्मेलन कर रही है। पूर्व विधायक और अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव इन्हें लीड कर रहे हैं। जाति आधारित जनगणना, संविधान बचाओ और PDA जैसे एजेंडे से सपा यहां मजबूत दिख रही है। सपा का यहां 22 साल से कब्जा है। 55% OBC वोटर हैं, इनमें सबसे ज्यादा यादव हैं। यही निर्णायक होते हैं। भाजपा के लिए इन्हें अपनी तरफ करना सबसे बड़ी चुनौती है। भाजपा ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को यहां चुनाव जिताने की जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा से उम्मीदवार कौन होगा? यह अभी साफ नहीं हुआ है। सपा में तेज प्रताप यादव का नाम सबसे ऊपर है। बसपा नेता भी लगातार लोगों से मिल रहे हैं। यहां का माहौल समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम करहल पहुंची। हवा का रुख, चुनावी मुद्दे और जातीय समीकरण के गणित को समझते हुए आम लोगों से बात की। पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय भी जानी। पहले 5 पॉइंट्स में समझिए यहां के सियासी समीकरण और माहौल… 1. करहल में मुद्दों से ज्यादा कास्ट फैक्टर काम करता है। सपा यादव वोट बैंक के अलावा मुस्लिम और एससी वोटर्स को अपना मानती है। भाजपा ब्राह्मण, वैश्य और ठाकुर वोट बैंक को। इस बार ओबीसी वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा ने केशव प्रसाद मौर्य को ग्राउंड पर उतारा है। 2. यहां करहल, बरनाहल, रठौरा, जसवंतपुर, गढ़िया, भदौलपुर, डालीपुर, शाहजहांपुरा में सपा मजबूत स्थिति में है। यही वो क्षेत्र हैं, जहां से सपा को रिकॉर्ड वोट मिलते हैं। 3. करहल के घिरोर नगर क्षेत्र, नगला जुला, नवा टेढ़ा में भाजपा की स्थिति मजबूत दिखी। ये वह क्षेत्र हैं, जहां से भाजपा को लीड मिलती रही है। 4. भाजपा करहल में परिवारवाद को लेकर सपा पर हमलावर है। भाजपा लोगों से यही कह रही है कि अखिलेश ने उन्हें बीच मझधार में छोड़ दिया है। वहीं, सपा लोकसभा चुनाव में उठाए मुद्दों के साथ ही चुनावी मैदान में है। 5. लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव ने जीत दर्ज की। उन्हें करहल से रिकॉर्ड 1 लाख 34 हजार वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह को 76 हजार वोट मिले। डिंपल यादव का जीत का मार्जिन 57 हजार रहा। यही वोटर उपचुनाव में सपा को लीड देते दिख रहे हैं। अब बात करहल के स्थानीय मुद्दों की
मैनपुरी से 28 किमी दूर करहल ग्रामीण एरिया है। यहां के लोगों का खेती-किसानी और पशुपालन मुख्य पेशा है। करहल में हमने करीब 100 लोगों से बात की। इनमें युवा, व्यापारी, किसान और मजदूर शामिल रहे। यहां बड़ी संख्या में युवा सेना भर्ती और सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं, उनके लिए पेपर लीक और अग्निवीर योजना ही मुद्दा है। इसके अलावा किसान छुट्टा पशुओं से परेशान हैं। अब पढ़िए लोगों ने क्या कहा… सबसे पहले हम करहल विधानसभा में करहल चौराहे पर पहुंचे। यहां मुख्य बाजार में चुनावी माहौल नजर आया। खंभों पर सपा और भाजपा के होर्डिंग लगे थे। हमने यहां ऑटो स्पेयर पार्ट का काम करने वाले नवीन कुमार से बात की। नवीन ने कहा- यहां सपा से ज्यादा किसी ने कुछ नहीं दिया है। यहां सिर्फ सपा ही जीतेगी। सीएम और डिप्टी सीएम यहां आए हैं। उससे कुछ इफेक्ट पड़ेगा, लेकिन सपा में जो काम हुआ। वही सबको याद है। इसके बाद हम अलग-अलग क्षेत्रों में गए। किसान सूर्य प्रताप सिंह ने कहा- पेपर लीक पर मौजूदा सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। कानून व्यवस्था बहुत अच्छी हुई है। आज महिलाएं रात में भी अकेले घर से निकलने में सुरक्षित महसूस करती हैं। गुंडागर्दी पर अंकुश लगा है। भाजपा सरकार अच्छा काम कर रही है। दुकानदार श्रवण कुमार ने कहा- मैनपुरी या करहल में कहीं कोई बुलडोजर नहीं चला है। यहां के मुद्दे किसानों और युवाओं को लेकर हैं। बाकी लोग सिर्फ सपा को ही जानते हैं। नवा टेढ़ा गांव के मनोज कुमार कहते हैं- मैं दिव्यांग हूं। मुझे सरकार ने मुफ्त में ई-ट्राई साइकिल दी है। सभी योजनाओं का लाभ हमें मिला है। योगी सरकार अच्छा काम कर रही है। घिरोर गांव के किसान अनिल यादव ने कहा- भाजपा के सारे दावे हवा हवाई है। भाजपा का यहां पर वोट बैंक नहीं है। 2022 में केंद्रीय मंत्री बघेल जी और इस चुनाव में मंत्री जयवीर सिंह चुनाव हार चुके हैं। मैनपुरी-करहल रोड पर दौड़ लगाकर आ रहे युवा अनुज कुमार ने कहा- यूथ के बीच में मुद्दा रोजगार ही है। हम तो रोजगार चाहते हैं। पेपर लीक जैसी चीजों से स्टूडेंट को बहुत परेशानी होती है। नगला जुला गांव में भाजपा के पूर्व विधायक अशोक सिंह चौहान का घर है। यहां किसान भानु प्रताप सिंह ने कहा- जनता को फ्री राशन और आयुष्मान योजना का लाभ मिल रहा है। ऐसे में इससे भाजपा को फायदा होगा। इसके अलावा सबसे बड़ा मुद्दा कानून व्यवस्था है। गुंडों का आतंक कम हुआ है। मुलायम मैजिक अभी भी कायम
किसान गुड्‌डू यादव कहते हैं- करहल में तो सपा ही जीतेगी। नेताजी मुलायम सिंह यादव का फोटो लगाकर किसी को भी उतार दिया जाए, उसकी ही जीत होगी। मुलायम सिंह जब सीएम बने, उसके बाद ही यहां पर सड़कें बनीं। अखिलेश यादव ने भी करहल में खूब काम कराया। अब भाजपा सरकार में तो किसानों को परेशानी हो रही है। आवारा गोवंश सड़कों पर घूम रहे हैं। फसल चौपट कर देते हैं। इनके कारण आए दिन एक्सीडेंट होते हैं। 5 किलो मुफ्त राशन योजना पर बोले कि पांच किलो से क्या होता है। जब फसल ही चौपट हो जाएगी तो पांच किलो अनाज से क्या होगा? पॉलिटिकल एक्सपर्ट बोले- भाजपा और सपा में ही फाइट
मैनपुरी के वरिष्ठ पत्रकार केके मिश्रा बताते हैं- मैनपुरी में अखिलेश यादव और उनके परिवार का लोगों से भावनात्मक रिश्ता है। यह मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि है। चुनाव में मुद्दों से ज्यादा जातीय समीकरण हावी रहते हैं। सपा यहां पर मजबूत स्थिति में इसलिए भी है, क्योंकि यहां सवा लाख से ज्यादा यादव वोटर हैं। सीट सपा की रही है। केके मिश्रा ने कहा- करहल में इस बार भाजपा भी पूरी ताकत झोंकने में लगी है। नेता चौपाल लगाकर लोगों से मिल रहे हैं। इसका प्रॉफिट कितना मिलता है, यह तो वक्त बताएगा। बसपा भी चुनावी मैदान में होगी। लेकिन, फाइट सिर्फ भाजपा और सपा के बीच ही होगी। सीनियर जर्नलिस्ट हिमांशु त्रिपाठी ने कहा- करहल उपचुनाव में भाजपा को मजबूत चेहरा उतारना होगा। सीएम योगी ने विकास और कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाया है। उनके मंत्री-नेता लगातार रैली कर रहे हैं। ऐसे में कैंडिडेट लोकल होगा, तो टक्कर भी देगा। टक्कर सपा और भाजपा के बीच होनी है। मुकाबला दिलचस्प होगा। अब जानते हैं भाजपा और सपा के स्थानीय नेता क्या कहते हैं… अखिलेश यादव ने करहल को बीच मझधार में छोड़ा है
मैनपुरी में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान ने कहा- करहल उपचुनाव में इस बार भाजपा ही जीतेगी। हम पहले भी यहां से चुनाव जीत चुके हैं। अखिलेश यादव ने करहल के मतदाताओं को बीच मझधार में छोड़ दिया है। इसलिए जनता अब उन्हें सबक सिखाएगी। अखिलेश यादव परिवार के बाहर सोच भी नहीं सकते हैं। वो परिवार के ही किसी आदमी को चुनाव लड़ाएंगे। भाजपा यहां से जिताऊ प्रत्याशी उतारेगी। प्रदीप चौहान ने कहा- भाजपा 30-35 हजार वोटों को उधर से इधर करने का प्रयास कार्यकर्ताओं के दम पर करेगी। अभी इन्होंने संविधान और आरक्षण का जो झूठ फैलाया, वह भी जनता जान गई है। इन्हें करहल में नहीं चुना जाएगा। करहल की जनता इस बार भाजपा का विधायक चुनेगी। सपा बड़े अंतर से चुनाव जीतेगी
सपा के जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य ने कहा- समाजवादी पार्टी करहल में बड़े अंतर से चुनाव जीतेगी। नेताजी और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी और करहल में विकास कराया है। पहले भी यहां पर सपा बड़े अंतर से जीतती रही है। इस बार भी जीत का रिकॉर्ड बनाएगी। यह खबर भी पढ़ें… अयोध्या में पासी वोट तय करेगा हार-जीत: योगी के 4 दौरे से मिल्कीपुर में BJP मजबूत…लेकिन जातीय समीकरण तोड़ना चुनौती CM योगी के दौरे के बाद मिल्कीपुर में भाजपा मजबूत हुई है। लोगों का मानना है कि उपचुनाव में जो सत्ता में होता है, वही मजबूत होता है। हालांकि, अवधेश प्रसाद 2022 में विधायकी और फिर लोकसभा चुनाव भी जीत गए। ऐसे में सपा का जातीय समीकरण तोड़ना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगा। पढ़ें पूरी खबर…

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