आगरा में वकील ने अपने किडनैपर्स डकैतों को उम्रकैद की सजा दिलवाई। विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र की अदालत ने 17 साल बाद फैसला सुनाया। वकील ने कोर्ट में अभियोजन (प्रोसीक्यूशन) के साथ अंतिम बहस में खुद शामिल होकर हर दलील पर अपनी बात रखी। कोर्ट ने गुड्‌डन काछी सहित उसके 8 साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। विस्तार से जानिए पूरा मामला… 10 फरवरी 2007 में कराई थी FIR
10 फरवरी 2007 को खेरागढ़ कस्बे के अविनाश गर्ग ने मुकदमा कराया था। जिसमें बताया कि वे अपने भाई रवि गर्ग के साथ मेडिकल स्टोर पर बैठे थे। साथ में रवि गर्ग का 7 साल का बेटा हर्ष भी था। इसी दौरान दस्यु गुड्डन काछी मार्शल जीप में अपने साथियों के साथ दुकान पर पहुंचा। हथियारों के बल पर हर्ष का किडनैप कर लिया। पिता रवि गर्ग ने विरोध किया, तो उन्हें गोली मार कर घायल कर दिया। पुलिस ने दस्यु गुड्डन काछी समेत 14 लोगों के खिलाफ किडनैपिंग का मुकदमा किया था। पुलिस ने चलाया था अभियान
आगरा और मप्र पुलिस ने हर्ष को ढूंढने के लिए संयुक्त अभियान चलाया था। मप्र के शिवपुरी कस्बे में 6 मार्च 2007 को बदमाश भीकम सिंह और राम प्रकाश स्कूटर पर बालक हर्ष को बीहड़ से दूसरी जगह ले जा रहे थे। पुलिस ने घेराबंदी की तो वो हर्ष को छोड़ कर भाग गए। पुलिस ने दस्यु गुड्डन काछी, राजकुमार काछी, फतेह सिंह उर्फ फत्ते, अमर सिंह, बलवीर, राजेश शर्मा, भीकम सिंह, राम प्रकाश आदि को गिरफ्तार करके जेल भेजा। गवाही देते समय लिया था फैसला
हर्ष बताते हैं कि उनकी गवाही 2014 से शुरू होकर 2018 तक चली। पिता रवि गर्ग खुद अधिवक्ता थे। उन्होंने शुरुआत में अपने बेटे का केस लड़ा। हर्ष कोर्ट में वकीलों को बहस करते हुए देखते थे। तभी उन्होंने फैसला लिया कि वे लॉ करेंगे और अपने केस की पैरवी खुद करेंगे। ग्रेजुएशन के बाद आगरा कॉलेज से 2022 में लॉ किया। 2023 में बार काउंसिल में कराया रजिस्ट्रेशन
2023 में बार काउंसिल में अपना रजिस्ट्रेशन कराया। वह अपने मुकदमे की सुनवाई में अभियोजन के साथ लगातार शामिल होते रहे। जून में अंतिम बहस थी। 17 सितंबर को विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र की अदालत ने अपहरण के मामले में दोषी दस्यु गुड्डन काछी, राजकुमार काछी, फतेह सिंह उर्फ फत्ते, अमर सिंह, बलवीर, राजेश शर्मा, भीकम सिंह, राम प्रकाश को आजीवन कारावास सुनाया है। हालांकि आरोपी दलेल सिंह, लाखन सिंह, राजेंद्र और रमेश गवाही और सबूतों के अभाव में बरी हो गए हैं। बच्चू और निरंजन की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है। हर्ष ने बताया कि इस केस में उनके अलावा उनके पिता, चाचा सहित 15 गवाह थे। हर्ष अब पीसीएस-जे की तैयारी कर रहे हैं।

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