अयोध्या में राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर टाइटेनियम का राम दरबार बनाया जाएगा। यहां लगने वाली मुख्य मूर्ति सफेद संगमरमर की होगी। भगवान राम और उनके तीनों भाइयों, मां सीता और हनुमान की मूर्तियों की ऊंचाई करीब एक फीट होगी। जो उत्सव मूर्ति के रूप में स्थापित होंगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला की मूर्ति बनाने वाले तीनों मूर्तिकारों को 75-75 लाख रुपए 18% GST के साथ ट्रस्ट ने दिया है। प्राण प्रेस्थ के बाद अब तक 2 करोड़ 85 लाख भक्त रामलला के दर्शन कर चुके हैं। यह जानकारी ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी। पहले जानिए तीनों मूर्तिकारों के बारे में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में 37 साल के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति स्थापित की गई है। वह मैसूर महल के कलाकारों के परिवार से आते हैं। उन्होंने 2008 में मैसूर विश्वविद्यालय से MBA किया, फिर एक निजी कंपनी के लिए काम किया। इसके बाद मूर्ति बनाने के पेशे में आए। हालांकि मूर्तियां बनाने की तरफ उनका झुकाव बचपन से था। PM मोदी भी उनके काम की तारीफ कर चुके हैं। योगीराज ने ही जगद्गुरु शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का निर्माण किया था। उन्होंने ही शंकराचार्य की प्रतिमा बनाई थी, जिसे केदारनाथ में स्थापित किया गया है। दूसरे मूर्तिकार गणेश भट्ट को कर्नाटक स्टेट में कई अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। गणेश भट्ट ने अब तक 1000 से ज्यादा मूर्तियों को गढ़ा है। ये न सिर्फ भारत में बल्कि ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, अमेरिका और इटली में भी लगाई गई हैं। तीसरे मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे जयपुर के प्रसिद्ध मूर्तिकार रामेश्वर लाल पांडे के बेटे हैं। पिछले 7 दशकों से इनका परिवार संगमरमर की मूर्तियां बनाने का काम कर रहा है। उन्होंने राजस्थान के मकराना के सफेद संगमरमर से रामलला की मूर्ति तैयार की है। अब बात आज हुई बैठक की 2023-24 में मंदिर निर्माण पर 670 करोड़ खर्च
चंपत राय ने बताया- मणि राम छावनी में आज (22 अगस्त) राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई। बैठक शाम 4 बजे शुरू होकर करीब ढाई घंटे बाद यानी साढ़े 6 बजे खत्म हुई। इसमें ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, नृपेंद्र मिश्र, कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी, महासचिव चंपत राय समेत अन्य पदाधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में मंदिर से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इससे पहले ट्रस्ट की बैठक अप्रैल महीने में हुई थी, जिसमें मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा हुई थी। 2025 तक राम मंदिर का निर्माण नहीं हो पाएगा
उन्होंने बताया- राम मंदिर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। मैं सबकी बातें सुनता हूं, लेकिन मुझे व्यक्तिगत रूप से नहीं लगता कि 2025 तक राम मंदिर का निर्माण पूरी तरह हो पाएगा। 2023-24 में मंदिर निर्माण पर 670 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। राम मंदिर ट्रस्ट को डाक से 2100 करोड़ का एक चेक मिला है। लेकिन, यह चेक प्रधानमंत्री आपदा कोष के लिए था। इसलिए उसको प्रधानमंत्री आपदा कोष में जमा करने के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने बताया- टाइटेनियम का राम दरबार बनाने वाले मूर्तिकार ने दरबार आज ट्रस्ट को भेंट किया। यहां संगमरमर की जो मूर्तियां बनेंगी, उनका वजन ज्यादा नहीं है। दो आदमी उसे आसानी से उठा सकते हैं। प्रसार भारती ने अपने राम के नाम पर बनाई 40 मिनट की मूवी
चंपत राय ने बताया- प्रसार भारती ने राम के नाम पर आधारित 40 मिनट की एक फिल्म बनाई है, जिसके 5 एपिसोड हैं। हालांकि, वह अभी दिखाई नहीं गई है। इसके लिए ट्रस्ट से कोई पैसा नहीं लिया गया है। सरकार की जितनी भी औपचारिकता है, वह हम सभी को उपलब्ध करा रहे हैं। 7 महीने में 2 करोड़ 85 लाख भक्तों ने किए दर्शन
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से 7 महीने में 2 करोड़ 85 लाख भक्त रामलला के दर्शन कर चुके हैं। केवल सावन के महीने में 35 लाख भक्तों ने दर्शन किए हैं। मतलब करीब 1.30 लाख भक्तों ने हर दिन रामलला के दर्शन किए हैं। मंदिर निर्माण का काम दिन-रात चल रहा है। रामलला के दर्शन मार्ग पर स्थायी तौर पर लगेगा जर्मन हैंगर
रामजन्मभूमि परिसर स्थित रामलला के दर्शन मार्ग पर प्रवेश से लेकर निकास द्वार के करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे दर्शन मार्ग पर जर्मन हैंगर लगाया जाएगा। पिछले दिनों की भीषण गर्मी को देखते हुए तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की ओर से जर्मन हैंगर लगवाया गया था। तब यह नहीं तय था कि इसे परमानेंट किया जाएगा। लेकिन, ट्रस्ट की बैठक में गर्मी के बाद बरसात और ठंड के मौसम की बूंदाबांदी का वास्ता देकर तय किया गया कि दर्शन मार्ग के जर्मन हैंगर को परमानेंट किया जाए। पिछले वित्तीय वर्ष में दान में मिले 363 करोड़ 34 लाख रुपए
पिछले वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल, 2023 से 31 मार्च, 2024 तक) में रामलला को दान में 363 करोड़ 34 लाख रुपए मिले। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को यह राशि विभिन्न माध्यमों से मिली। चेक और नगद के रूप में 53 करोड़, रामलला के सामने रखे दानपात्रों से 24 करोड़ 50 लाख और तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के विभिन्न खातों में ऑनलाइन 71 करोड़ रुपए मिले। इस अवधि में विदेश में रहने वाले रामभक्तों ने 10 करोड़ 43 लाख रुपए का दान दिया। इसके अलावा बैंक में जमा 2600 करोड़ रुपए के ब्याज के रूप में 204 करोड़ रुपए मिले। पिछले वित्तीय वर्ष में राममंदिर के निर्माण पर 540 करोड़ और रामजन्मभूमि परिसर के विकास पर 236 करोड़ रुपए खर्च हुए। 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 146 करोड़ रुपए खर्च हुए। ट्रस्ट की बैठक में यह संभावना व्यक्त की गई कि 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक राममंदिर के निर्माण में 670 करोड़ रुपए और खर्च होंगे। रामजन्मभूमि परिसर के विकास में 180 करोड़ रुपए और खर्च होने का अनुमान है। सात लाख घन फुट पत्थर से हो रहा परकोटा का निर्माण
मंदिर निर्माण की अनुमानित लागत लगभग 18 सौ करोड़ है। लागत का 60 फीसदी हिस्सा परकोटे पर ही खर्च हो रहा है। इसलिए राम मंदिर में सबसे महंगा हिस्सा उसका परकोटा ही होगा। ट्रस्ट के पदाधिकारियों के अनुसार मंदिर में 21 लाख क्यूबिक फीट पत्थर लग रहा है। सात लाख क्यूबिक फीट पत्थर परकोटे पर लगने का अनुमान है। सेकेंड फ्लोर का 70 फीसदी काम पूरा
राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर 90 फीसदी बन गया है। सेकेंड फ्लोर का काम भी 70 फीसदी पूरा हो चुका है। सेकेंड फ्लोर पर 74 स्तंभों में से 60 स्तंभ स्थापित किए जा चुके हैं। परिसर में 800 मीटर लंबा परकोटा भी बन रहा है। परिसर में सप्त मंडपम की भी स्थापना की जा रही है। श्रद्धालुओं के लिए तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र का काम पूरा हो गया है। यह खबर भी पढ़ें योगी बोले- बेशर्मी से दुष्कर्मियों के साथ दिखते हैं अखिलेश:’नवाब ब्रांड’ ही सपा का मॉडल सपा का मॉडल वही है, जो कन्नौज में ‘नवाब ब्रांड’ के रूप में देखा गया है। जब कार्रवाई होती है तो सपा मुखिया बेशर्मी से दुष्कर्मियों के साथ खड़े होते हुए दिखाई देते हैं। ये वही लोग हैं, जो आपको अराजकता की भट्ठी में फिर से झोंकने के लिए आए हैं। इन लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। ये वही लोग हैं, जो प्रदेश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। यह बात मुजफ्फरनगर में गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने कही। यहां पढ़ें पूरी खबर

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