बॉलीवुड एक्ट्रेस और हिमाचल की मंडी सीट से BJP सांसद कंगना रनोट के खिलाफ दायर वाद में आज आगरा में सुनवाई होगी। एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने स्पेशल कोर्ट MP-MLA में कंगना रनोट के खिलाफ राष्ट्रद्रोह और राष्ट्र अपमान का आरोप लगाते हुए 13 सितंबर को एक वाद दायर किया था। कोर्ट ने पुलिस से जांच रिपोर्ट मांगी थी और सुनवाई के लिए 25 सितंबर की डेट दी थी। राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने वाद दायर करते हुए कहा- कंगना रनोट ने धरने पर बैठे लाखों किसानों पर अभद्र टिप्पणी की। उन्हें हत्यारा और बलात्कारी करार दिया। इसके अलावा 16 नवंबर 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का मजाक उड़ाया था। कंगना पर भावनाएं आहत करने का आरोप
एडवोकेट ने कहा- मैं भी किसान परिवार से हूं। 30 साल तक खुद खेती-किसानी की है। किसानों और राष्ट्रपिता के प्रति सम्मान रखता हूं। कंगना ने हमारी और लाखों किसानों की भावनाएं आहत की है। उन पर राष्ट्रद्रोह का केस हो। रमाशंकर शर्मा ने बताया कि 31 अगस्त को उन्होंने पुलिस कमिश्नर और थाना न्यू आगरा को शिकायत भेजकर कार्रवाई करने की मांग भी की थी। इस मामले में 17 सितंबर को एडवोकेट रमाशंकर शर्मा के कोर्ट में बयान होने थे, लेकिन कोर्ट ने 25 सितंबर की डेट दे दी थी। भाजपा ने कंगना के बयान से किनारा किया, कहा- उनकी निजी राय
कंगना के बयान पर विवाद बढ़ता देखकर भाजपा ने कहा कि यह कंगना के अपने विचार हैं और पार्टी इससे सहमत नही है। चिट्ठी में यह भी लिखा गया है कि कंगना को आगे ऐसे बयान न देने की हिदायत दी गई है। पहले भी किसानों पर विवादित बयान दे चुकी कंगना, आगे बताते हैं… आंदोलनकारी किसानों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की
कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की थी। उन्होंने लिखा था- ‘खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। भले उन्होंने इस देश को कितनी भी पीड़ा दी हो, लेकिन उन्होंने अपनी जान की कीमत पर इन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनकी मृत्यु के दशकों बाद भी आज भी उनके नाम से कांपते हैं, इनको वैसा ही गुरू चाहिए।’ कंगना ने कहा था- किसान आंदोलन में महिलाएं 100 रुपए में शामिल होती हैं किसान आंदोलन के वक्त कंगना ने 27 नवंबर 2020 को एक सोशल मीडिया पोस्ट की। जिसमें कंगना रनोट ने रात 10 बजे एक महिला का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई यह महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी, जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। कंगना ने जिस महिला की तस्वीर पोस्ट की, वह पंजाब में मानसा की किसान मोहिंदर कौर थीं। कंगना को बिलकिस बानो और मोहिंदर कौर को पहचानने में गलती हुई। हालांकि, कंगना ने बाद में यह पोस्ट डिलीट कर दी, लेकिन तब तक इसके स्क्रीनशॉट वायरल हो चुके थे। इसके बाद किसान मोहिंदर कौर ने कोर्ट में भी मानहानि का केस कर दिया। जिसकी सुनवाई चल रही है। कंगना के बयान पर CISF कॉन्स्टेबल ने जड़ा था थप्पड़ 3 महीने पहले कंगना रनोट जब चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर आईं तो यहां CISF की महिला कॉन्स्टेबल कुलविंदर कौर ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। CISF कॉन्स्टेबल की वीडियो भी सामने आई थी, जिसमें वह कह रही थीं कि कंगना ने जब किसान आंदोलन में शामिल महिला को 100 रुपए में धरना देने वाली कहा था तो उसकी मां भी धरने पर बैठी थीं। थप्पड़ जड़ने के बाद एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने कुलविंदर कौर को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। ये भी पढ़ें:- काशी, मथुरा-अयोध्या में प्रसाद की क्वालिटी कैसी?: तीनों मंदिरों में प्रभु को लगता है 20 क्विंटल का भोग आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम् के लड्डू में चर्बी का इस्तेमाल मिला। इसके बाद यूपी में सियासतदान मथुरा-वृंदावन समेत बड़े धार्मिक स्थलों के प्रसाद पर सवाल उठाने लगे। दैनिक भास्कर ने यूपी के 3 बड़े मंदिरों में भोग के प्रसाद को तैयार करने के प्रोसेस को समझा। सामने आया कि बाबा विश्वनाथ, ब्रज के कान्हा और अयोध्या के रामलला को करीब 20 क्विंटल प्रसाद हर रोज चढ़ता है। ये प्रसाद कैसे बनाया जाता है? क्वालिटी की जिम्मेदारी किसकी होती है? लैब टेस्टिंग होती है या नहीं? पढ़िए 3 शहरों से रिपोर्ट…

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