आगरा से विधायक और पूर्व राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने आगरा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लेटर में लिखा- आगरा पुलिस कमिश्नरेट नहीं, बल्कि कमीशन का रेट है। उन्होंने कहा- अधिकारी से लेकर पुलिसकर्मी तक मुख्यमंत्री की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को बर्बाद करने में लगे हैं। भूमाफिया और अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। मैं मुख्यमंत्री से मुलाकात करूंगा। उन्हें सारे सबूत दूंगा और पुलिस के कारनामे बताऊंगा। पुलिस की लचर पैरवी से अपराधी बरी हो रहे
भाजपा विधायक ने कहा- कोर्ट में पुलिस की लचर पैरवी के चलते अपराधी, बलात्कारी और भूमाफिया आए दिन बरी हो रहे हैं। सरकार की स्वच्छ छवि खराब हो रही है। कोर्ट से गैर जमानती वारंटियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें छोड़ा जा रहा है। एक हफ्ते पहले थाना छत्ता पुलिस ने एक गैर जमानती को पकड़ा। दो घंटे बाद उसे छोड़ दिया गया। इंस्पेक्टर ने किसके आदेश पर अपराधी को छोड़ दिया। पहले भी नगर में भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाई है आवाज
पूर्व राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश कैंट से भाजपा विधायक हैं। उन्होंने आगरा स्मार्ट सिटी में भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। स्मार्ट सिटी नोडल अधिकारी आरके सिंह पर कमीशन की कमाई से अकूत संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगाए थे। हालांकि, आरके सिंह को अब तक हटाया नहीं गया है। 20 महीने पहले हुई थी लागू
आगरा समेत तीन जिलों में 25 नवंबर, 2022 को कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की थी। डॉ. प्रीतिंदर सिंह को पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। बोदला जमीन कांड में तत्कालीन थानाध्यक्ष को जेल जाना पड़ा। इसके बाद प्रीतिंदर सिंह की जगह जे रविंदर गौड पुलिस कमिश्नर बने। 3 महीने पहले गाजियाबाद के विधायक नंद किशोर गुर्जर ने भी उठाए थे सवाल गाजियाबाद की लोनी से BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने 3 महीने पहले गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर पर आरोप लगाया था। उन्होंने ACS होम को तीसरा लेटर लिखा था। उन्होंने लिखा कि गाजियाबाद में भाजपा नेता सुरक्षित नहीं तो आम जनता की स्थिति क्या होगी? पुलिस की कार्यशैली से प्रतीत होता है पुलिस कमिश्नर भाजपा नेताओं की हत्या कराने पर तुले हुए हैं। पढ़ें पूरी खबर ये खबर भी पढ़ें… यूपी में घर के पास ट्रांसफर के 1 लाख:सरकारी टीचरों की बहाली, फंड, पेंशन के रेट फिक्स; घर में दफ्तर चला रहे बाबू हम 31 मार्च 2024 को शिक्षा विभाग से रिटायर हुए। जिस विभाग में अपनी पूरी जिंदगी खपा दी, आज उसी के बाबू हमें भी नहीं छोड़ रहे। पेंशन के कागज सही कराने के नाम पर मोटा पैसा देना पड़ रहा है। पढ़ें पूरी खबर

By

Subscribe for notification