‘यह FIR केवल दहेज की मांग के लिए गढ़ी गई एक कहानी है। इसमें आरोपी के खिलाफ सामान्य और अस्पष्ट आरोप लगाए गए हैं। वैवाहिक जीवन में पैदा होने वाले विवादों में गलतफहमी के आधार पर झूठे आरोप नहीं लगाने चाहिए। ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।’ यह बात इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुल्तानपुर के एक मामले की सुनवाई करते हुए कही। दरअसल, हाईकोर्ट के सामने सुल्तानपुर से एक दिलचस्प मामला आया। यहां रहने वाले IIT इंजीनियर पर उनकी पत्नी ने दहेज उत्पीड़न का केस कराया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस केस को खारिज कर दिया। कोर्ट ने दहेज की मांग के आरोपों को निराधार माना। अब पढ़िए पूरा मामला IIT से बीटेक करने के बाद अमेरिका में कर रहे थे नौकरी
कोतवाली नगर के शास्त्रीनगर में रहने वाले नवीन वर्मा ने साल 2004 में IIT रुड़की से बीटेक (इलेक्ट्रिकल) किया। जनवरी, 2007 में उन्हें अमेरिका में जॉब मिल गई। इस बीच नवीन की प्रयागराज के सभाजीत वर्मा की बेटी किरन वर्मा से शादी तय हो गई। सभाजीत वर्मा आबकारी विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं। इसके बाद वह नवंबर, 2007 में छुट्‌टी लेकर घर आए। साल 2014 में पत्नी के साथ इंडिया लौटे
6 दिसंबर, 2007 को उनकी शादी हुई, प्रयागराज में बारात गई। सभी कार्यक्रम खत्म होने के बाद वह पत्नी किरन को लेकर 29 दिसंबर को अमेरिका चले गए। परिवार में सब कुछ ठीक चल रहा था। साल 2014 में नवीन अपनी इच्छा से पिता इंद्रदेव वर्मा और मां अनारकली वर्मा की देखभाल करने के लिए पत्नी और बच्चों के साथ भारत लौट आए। उनके पिता गन्ना विभाग में लेखाकार थे। यहां कुछ दिन रुकने के बाद नवीन की पत्नी किरन बेटी नवैया और मान्या को लेकर मायके (प्रयागराज) चली गई। दो साल मायके में रहने के बाद कराया केस
किरन मायके से दो साल बाद लौटी। लेकिन, इस बीच किरन और उसके पिता सभाजीत वर्मा के लालच समा गया। इसके चलते सिविल लाइन थाने में किरन ने साल 2017 में नवीन, उसके पिता इंद्रदेव वर्मा और मां अनारकली वर्मा के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा करा दिया। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की, तो 2019 में नवीन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से स्थगन का आदेश ले लिया। अब तक 27 लाख रुपए दे चुके भत्ता
साल 2022 में स्टे वैकेट हो गया और कोर्ट ने सभी के खिलाफ NBW की कार्रवाई कर दी। इसके बाद सभी ने बेल कराई। अब हाईकोर्ट इलाहाबाद में नवीन की ओर से अधिवक्ता संजय दुबे और किरन की ओर से अधिवक्ता रमेश चंद्र यादव ने बहस की। जिस पर जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता ने जजमेंट दिया। नवीन ने बताया कि वह फैमिली कोर्ट के आदेश पर हर महीने 80 हजार गुजारा भत्ता दे रहे हैं। इस प्रकार 27 लाख रुपए अब तक दे चुके हैं। महिला मित्र से बात करने पर पत्नी को हुआ शक
नवीन ने बताया, पत्नी किरन ने उस पर दहेज में SUV कार की मांग करने का आरोप लगाते हुए केस किया। इसको लेकर वह हाईकोर्ट पहुंच गए। कोर्ट में पत्नी के वकील ने दलील दी कि पति की अपने कॉलेज की महिला मित्र से फोन पर लंबी बातचीत के कारण पत्नी को शक हुआ। इससे विवाद उत्पन्न हुआ और दहेज की मांग का आरोप लगाया गया। नवीन वर्मा के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि सभी आरोप झूठे हैं। विवाद का असली कारण पत्नी का शक है, क्योंकि उसे अपने पति और उसकी पुरानी महिला मित्र के बीच संबंधों पर संदेह था। वकील ने यह भी बताया कि पति ने अपनी पत्नी के माता-पिता को अमेरिका बुलाकर उनके सारे खर्च उठाए थे। नोएडा में पत्नी के नाम पर दो मकान भी खरीदे थे। इससे साबित होता है कि दहेज की मांग का कोई आधार नहीं था। कोर्ट ने मामले की विस्तृत जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि दहेज की मांग के आरोप केवल गलतफहमी पर आधारित थे। इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं था। कोर्ट ने एफआईआर को निराधार बताते हुए मामले को समाप्त कर दिया। इस खबर को भी पढ़ें… यौन शोषण की बात सुनते ही रो पड़े बृजभूषण: गोंडा में खिलाड़ियों से बोले- मोबाइल में भजन और गाना दोनों, चुनना आपको है गोंडा में भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंच पर फिर रो पड़े। कार्यक्रम के दौरान एमएलसी अवधेश कुमार उर्फ मंजू सिंह मंच से बृजभूषण पर लगे यौन शोषण के आरोपों पर बोल रहे थे। यह सुनकर बृजभूषण की आखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने अपने गमछे से आंसू पोछे। एमएलसी अवधेश कुमार ने कहा- अगर यह टिकट पहले मिल जाता और नेताजी सही से प्रचार कर देते तो करण भूषण आज 3 लाख वोटों से चुनाव जीतते, लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी हुईं जो उनको टिकट नहीं मिला, उनके बेटे को टिकट मिला। यहां पढ़ें पूरी खबर

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