शनिवार को गौतमबुद्धनगर से कानपुर के कल्याणपुर लौटते वक्त हुए एक भीषण सड़क हादसे में मां-बेटे, बहू और पांच वर्षीय पौत्र की मौके पर ही मौत हो गई। यह दुर्घटना आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर हुई, जब तेज रफ्तार कार खड़े डंपर में जा घुसी। हादसे के बाद, रविवार को चारों शव जब कानपुर पहुंचे, तो पूरे घर में मातम छा गया। गौतमबुद्ध नगर छोड़ने जा रहे थे
कानपुर के इंद्रानगर, कल्याणपुर निवासी 55 वर्षीय नीता यादव का बेटा पियूष, गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर में रहता था। कुछ दिन पहले उनकी मां नीता यादव उनके पास आई थीं और शनिवार को पियूष अपनी मां को वापस कानपुर छोड़ने जा रहा था। उनके साथ 31 वर्षीय भाभी संजू उर्फ संजना और पांच वर्षीय भतीजा आरव भी थे। अब तस्वीरों में देखिए… 130 की स्पीड, मौके पर ही मौत
हादसा ऐरवाकटरा के गांव हरनागरपुर के पास हुआ, जब उनकी तेज रफ्तार कार वहां खड़े डंपर में पीछे से घुस गई। कार की रफ्तार लगभग 130 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जा रही है। इस हादसे में कार सवार चारों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। पत्नी रीना यादव हुई बेहोश
पियूष यादव का शव जब उनके घर पहुंचा, तो पत्नी रीना यादव यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाईं और बेहोश हो गईं। रीना देहरादून में एक शिक्षिका हैं, जबकि पियूष गुरुग्राम में प्राइवेट नौकरी करते थे। उनकी एक बेटी उमीषा भी है। पति के शव के सामने रीना बार-बार फूट-फूटकर रोती रहीं, जबकि परिजन उन्हें ढांढस बंधाते रहे। बड़े भाई ने दी सबको मुखाग्नि पियूष के बड़े भाई अंकित नोएडा में रहते हैं, जबकि छोटे भाई रजत कानपुर में रहते हैं। अंकित की पत्नी संजना और 5 वर्षीय बेटे आरव की चिताएं एक साथ सजाई गईं। भैरवघाट पर एक साथ तीन चिताएं सजाई गईं, जिनमें अंकित ने पहले अपनी मां नीता यादव, फिर पत्नी संजना और बेटे आरव का अंतिम संस्कार किया। उसके बाद अपने भाई पियूष को मुखाग्नि दी। इस हृदयविदारक दृश्य को देखकर वहां मौजूद सभी परिजन और रिश्तेदारों की आंखें आंसुओं से नम हो गईं। छोटा भाई रजत भी रोते हुए अपने परिवार को याद करता रहा। इस हादसे ने पूरे परिवार को गहरे दुख में डुबो दिया है, और शहर में भी शोक की लहर दौड़ गई है।