BJP सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनोट ने कृषि कानूनों को लेकर दिए बयान पर बुधवार को माफी मांग ली। लेकिन, BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर उनके समर्थन में उतर आए हैं। गाजियाबाद में उन्होंने कहा- देश का किसान आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग कर रहा है कि तीन कृषि बिलों को लागू करें। मैं कंगना रनोट की उस बात का भी समर्थन करता हूं, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसान आंदोलन में लाशें टंगी हुई थीं। ये तो पूरे देश ने देखा था, लेकिन सच्चाई कोई नहीं सुनना चाहता। विधायक ने कहा- किसानों के हित में सबसे पहले अगर किसी ने काम किया, तो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राजनाथ सिंह ने किसान क्रेडिट कार्ड देकर। उसके बाद किसानों को सीधे सम्मान निधि देने का काम मौजूदा PM ने किया। मोदी लगातार देश को विश्वगुरु बनाने में लगे हुए हैं। खालिस्तानी-ISI के लोग आंदोलन में हुए एक्टिव
नंदकिशोर गुर्जर ने आगे कहा- GDP में किसान का बहुत बड़ा हिस्सा होता है। इसलिए मोदी सरकार तीन कृषि बिल लेकर आई थी, ताकि किसान अमीर हों, उनकी जिंदगी बदले। उन बिलों के लागू होने से आढ़तियों और बिचौलियों का मकड़जाल खत्म हो जाता। किसान कहीं भी अपना सामान बेच सकते थे। लेकिन खालिस्तानी, ISI के लोग सक्रिय हुए और एक आंदोलन चलाकर उस कृषि बिल को वापस करा दिया। अब पूरे देश के किसान फिर से चाहते हैं कि वो तीनों बिल वापस लाए जाएं। खबर में आगे बढ़ने से पोल पर अपनी राय दे सकते हैं… अब बात कंगना के बयान की… कंगना बोलीं- किसानों के हितकारी कानून वापस आने चाहिए
23 सितंबर को हिमाचल में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए कंगना ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने को कहा था। कंगना ने कहा- किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। बता दें कि नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने 14 महीने के किसान आंदोलन के बाद ये कानून वापस लिए थे। भाजपा ने किनारा किया, कंगना ने माफी मांगी
कंगना रनोट ने अपने बयान पर बुधवार को माफी मांगी। कहा- यदि मेरे अपने बयान से किसी को निराशा हुई है तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। कंगना ने X पर वीडियो जारी कर कहा- बीते कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे फार्मर्स लॉ (कृषि कानून) पर कुछ सवाल किए। मैंने यह सुझाव दिया कि किसानों को फार्मर्स लॉ लाने का प्रधानमंत्री जी से निवेदन करना चाहिए। मेरी इस बात से बहुत सारे लोग निराश हैं, और डिसअपॉइंटेड हैं। जब फार्मर्स लॉ प्रपोज (प्रस्तावित) हुए थे तो काफी सारे लोगों ने इनका समर्थन किया था। लेकिन, बड़ी ही संवेदनशीलता से और सहानुभूति से हमारे प्रधानमंत्री जी ने वे लॉ वापस ले लिए थे। हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम उनके शब्दों की गरिमा रखें। भाजपा प्रवक्ता बोले- कंगना को बोलने का हक नहीं
सुबह BJP प्रवक्ता गौरव भाटिया ने वीडियो जारी कर कहा था कि कंगना को 3 कृषि कानूनों पर बोलने का हक नहीं है। उन्होंने कहा- ‘सोशल मीडिया पर भाजपा सांसद कंगना रनोट का 3 कृषि कानूनों का लेकर दिया बयान चल रहा है। ये कानून पहले ही वापस लिए जा चुके हैं। मैं बिल्कुल स्पष्ट कहना चाहता हूं कि यह बयान कंगना रनोट का व्यक्तिगत है। BJP की ओर से कंगना ऐसा कोई बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं, और न ही उनका बयान पार्टी की सोच है। इसलिए, उस बयान का हम खंडन करते हैं।’ 2020 में लाए गए थे 3 कृषि कानून
5 जून 2020 को केंद्र सरकार एक अध्यादेश के जरिए 3 कृषि बिल लेकर आई थी। सितंबर 2020 को केंद्र सरकार लोकसभा और राज्यसभा में फार्म बिल 2020 लेकर आई। दोनों सदनों से यह बिल पास पास हो गए, लेकिन किसानों को यह बिल मंजूर नहीं थे। किसानों को आशंका थी कि नए बिल से मंडियां खत्म हो जाएंगी। MSP सिस्टम खत्म हो जाएगा। बड़ी कंपनियां फसलों की कीमतें तय करने लगेंगी। वे इसके विरोध में उतर आए। पंजाब के किसान रेल की पटरियों पर बैठ गए, लेकिन सरकार ने उन्हें वहां से हटा दिया। 19 नवंबर 2021 को कृषि कानून वापस लिए गए थे
किसान आंदोलन के दौरान अप्रैल-मई 2021 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हुए। असम में BJP सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन उसे 11 सीटों का नुकसान हुआ। पुडुचेरी में वह गठबंधन की सरकार बनाने में कामयाब रही। जबकि केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में BJP को हार का सामना करना पड़ा। इन चुनावों में विपक्ष ने प्रधानमंत्री और BJP को खूब घेरा था। किसान नेता राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल में BJP के खिलाफ प्रचार किया था। इसके बाद BJP की इंटरनल रिपोर्ट, सेना में नाराजगी, उप-चुनावों में मिली हार और 5 राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए PM मोदी ने 19 नवंबर 2021 को तीनों कृषि कानून वापस ले लिए। यह भी पढ़ें:- यूपी में 62% ने माना एनकाउंटर एक्शन सही:योगी अब ज्यादा असरदार, केशव से टकराव में गुटबाजी बढ़ी; भास्कर सर्वे के नतीजे देखिए आज 25 सितंबर को योगी सरकार 2.0 के ढाई साल पूरे हो रहे हैं। दैनिक भास्कर ने सरकार के कामकाज, योजनाओं और केशव-योगी के बीच चली खींचतान समेत 10 सवालों पर लोगों से राय जानी। एनकाउंटर पॉलिसी के इस्तेमाल को लेकर पूछे गए सवाल पर 62% लोगों ने इसे सही बताया। जानिए 10 सवालों के लोगों ने क्या जवाब दिए…

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