कानपुर में NRI डॉक्टर से 80 लाख रुपए की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। मामले में साइबर थाने ने FIR दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। साइबर ठगों ने CBI और अमेरिका की FBI का लेटर जारी करके ठगी को अंजाम दिया है। साथ ही RBI गवर्नर बनकर भी बुजुर्ग डॉक्टर को धमकाया गया। फिर 80 लाख रुपए तीन खातों में ट्रांसफर करा लिए। ठगी का अहसास होने पर डॉक्टर ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। अब पूरी घटना पढ़िए… काकादेव थाना क्षेत्र के गीता नगर में रहने वाले संजय टंडन ने बताया- उनके साथ अमेरिका से लौटकर आए 85 वर्षीय बुजुर्ग चाचा डॉ. रमेश चंद्र टंडन रहते हैं। वह अमेरिका में डॉक्टर थे, लेकिन कुछ समय से उनके पास ही हैं। रमेश चंद्र टंडन के मोबाइल पर बीते 25 अगस्त को एक वॉट्सऐप कॉल आई थी। फोन करने वाले ने अजय बंसल नाम के व्यक्ति ने बताया कि आपके खिलाफ इंटरनेशनल मनी लांड्रिंग का केस चल रहा है। इसकी जांच CBI कर रही है, इसके जांच अधिकारी IPS राहुल यादव हैं। यह लेटर सीबीआई ऑफिसर विराज कुमार की ओर से जारी किया गया था। इसके बाद जांच पत्र भी वॉट्सऐप पर भेज दिया। इससे डॉक्टर और उनका परिवार दहशत में आ गया। 26 अगस्त को दोबारा से वॉट्सऐप कॉल किया
डॉ. रमेश ने बताया- 26 अगस्त को फिर से वॉट्सऐप कॉल आया और कहा कि आपका बैंक अकाउंट वेरिफाई किया जाना है। इस संबंध में आपको बैंक जाना होगा। उन्होंने कहा कि मैं चलने-फिरने में असमर्थ हूं। मेरे भतीजे संजय टंडन का ज्वाइंट अकाउंट है। बैंक का सारा काम-काज वही देखते हैं। 27 अगस्त को फिर कॉल की और कहा कि फोन मत काटना और बैंक पहुंचने को कहा। इस दौरान आरबीआई का भी एक पत्र भेजा। कहा कि जब तक जांच होगी यह रकम सरकार की अंडर टेकिंग में रहेगी और कुल जमा धनराशि का 30 प्रतिशत 25 लाख 43 हजार विन पावर एनर्जी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड में चेक से जमा कराया। 28 अगस्त को फिर से सीबीआई के जांच अधिकारी का फोन आया और दोबारा भारत सरकार यानी अशोक की लाट लगा लेटर जारी करके फिर से जमा धनराशि का 30 प्रतिशत यानी 25 लाख 43 हजार रुपए फ्रोजेनमन वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक के चालू अकाउंट में जमा कराया। फिर 29 अगस्त को फिर से कॉल करके इसी तरह 30 लाख रुपए और चेक से ट्रांसफर कराए। इसके बाद 30 अगस्त को CBI और FBI के नाम पर जांच पत्र जारी किया। इसके बाद ठगों ने विश्वास जमाने के लिए ट्रांसफर कराई गई रकम 80.86 लाख में से 2.70 लाख रुपए मेडिकल अलाउंस के नाम पर वापस भी किया। सिटी बैंक न्यूयार्क का भी खाता खाली करने की कोशिश
ठगी के शिकार बुजुर्ग डॉक्टर के भतीजे संजय टंडन ने बताया-3 सितंबर को फिर से ठगों की वॉट्सऐप कॉल आई। कॉल करने वाले ने न्यूयार्क सिटी बैंक में जमा 50 प्रतिशत धन मंगाने का प्रयास किया और धमकाते हुए कहा कि ऐसा नहीं करने पर आपके 80 लाख रुपए सीबीआई जब्त कर लेगी। इस पर संदेह हुआ कि अमेरिका की सिटी बैंक में जमा धनराशि SBI कानपुर में ट्रांसफर करने की कोई प्रक्रिया नहीं है। इस पर उन्हें संदेह हुआ। इसी बीच दोबारा सीबीआई के जांच अधिकारी राहुल यादव ने न्यूयार्क सिटी बैंक में जमा रकम का 50 प्रतिशत एसबीआई में ट्रांसफर कराने का दबाव बनाया। मना करने पर धमकी दी कि आपकी पूरी रकम जब्त कर ली जाएगी। RBI गर्वनर बनकर ठगी करने की कोशिश
न्यूयार्क में जमा धनराशि काे SBI में ट्रांसफर नहीं करने पर बुजुर्ग डॉक्टर ने नंबर पर कॉल आई। बात करने वाले व्यक्ति ने खुद को आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास बताते हुए कहा कि यदि आप मिस्टर यादव के दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करेंगे तो आपके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। आपकी संपूर्ण चल-अचल संपत्ति सीबीआई जब्त कर लेगी। इस पूरी घटना के बाद उन्होंने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी। पुलिस कमिश्नर ने फौरन साइबर सेल को मामले में एफआईआर दर्ज करके मामले में जांच करने का आदेश दिया। शनिवार यानी 7 सितंबर को पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। बुजुर्ग डॉक्टर अमेरिका में रहकर प्रैक्टिस करते थे। अभी वह भारत में अपने भतीजे संजय के साथ रहते हैं। ठगों को इनके खाते में करोड़ों रुपए होने की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने फर्जी सीबीआई और एफबीआई का लेटर जारी करके दबाव में लिया। मनीष सोनकर, एडीसीपी क्राइम एडीसीपी क्राइम ने बताया- पीड़ित डॉक्टर ने पूरे जीवन अमेरिका में प्रैक्टिस की और वहां के खाते में भी करोड़ों रुपए जमा है। कॉल करने वाले को यह सब जानकारी थी। इस वजह से डॉक्टर दबाव में आकर 80 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिया। मामले में एफआईआर दर्ज करके ठगों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। डिजिटल अरेस्ट या साइबर फ्रॉड से बचने को देखें स्लाइड… ये खबर भी पढ़ें… लखनऊ में फर्जी दरोगा गिरफ्तार:दोस्त की वर्दी चुराई, बाजार से स्टार खरीदा, नई कार खरीदने पहुंचा, जूतों से खुला राज लखनऊ की चिनहट पुलिस ने एक फर्जी दरोगा को गिरफ्तार कर लिया है। उसने दोस्त की वर्दी चुराई, बाजार से खरीदकर स्टार लगा लिया। कार खरीदने के लिए लखनऊ पहुंच गया। चिनहट इलाके में उस पर पुलिस कर्मी की नजर पड़ गई। उसने देखा कि दरोगा की वर्दी में दिख रहे व्यक्ति ने जो जूते पहने हैं, वो पुलिस के जूते नहीं है। शक के बाद उसने चिनहट थाने में इसकी जानकारी दी। पढ़ें पूरी खबर