T20 वर्ल्ड कप 3 अक्टूबर से यूएई में शुरू हो रहा है। आगरा की रहने वाली महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा टीम इंडिया की ओर इस मैच में खेलती नजर आएंगी। उनका पूरा फोकस अपनी ट्रेनिंग और वर्ल्ड कप की ट्रॉफी को भारत लाने पर है। कुछ दिनों में बेंगलुरु में उनके वर्ल्ड कप के कैंप शुरू होने वाले हैं। इन दिनों वह आगरा में अपने घर आई हुई हैं। भास्कर रिपोर्टर ने उनसे बात की और वर्ल्ड कप को लेकर उनकी तैयारियों के बारें में जाना। पढ़िए बातचीत के पूरे अंश:- सवाल: वर्ल्ड कप कैंप में जाने से पहले स्वामी प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात का अनुभव कैसा रहा। जवाब: मुलाकात काफी अच्छी रही। मैंने उनसे सवाल किया था कि कई बार परफॉर्मेंस अच्छी नहीं होती है। उस समय मन में निराशा का भाव आता है। इस पर उन्होंने कहा कि परिश्रम करो और संयम रखो। इससे ही सफलता मिलती है। अपना बेस्ट दो, कभी भी निराश मत हो। सवाल: वर्ल्ड कप में जाने से पहले किन चीजों पर ज्यादा फोकस है। जवाब: इस समय पूरा फोकस केवल ट्रेनिंग पर है। किसी भी टूर्नामेंट से पहले नेट ट्रेनिंग के साथ-साथ ग्राउंड पर ज्यादा वक्त बीतता है। बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग पर पूरा ध्यान है। पिछले मैचों में जिस तरह का परफॉर्म किया है, चाहती हूं कि उसी तरह का परफॉर्मेंस वर्ल्ड कप में भी दे पाऊं। सवाल: वर्ल्ड कप में किस टीम से मैच का इंतजार है। जवाब: हमारा मुकाबला हर बार ऑस्ट्रेलिया से होता है। पाकिस्तान के साथ भी हमारा मैच है। इस बार हमें इंडिया के लिए वर्ल्ड कप ट्रॉफी लेकर आना ही है। इसके लिए हम सभी मेहनत कर रहे हैं। सवाल: खुद को रिलैक्स करने के लिए क्या करती हैं।
जवाब: फैमिली के साथ समय बिताना पसंद है। लड़कियों वाले शौक तो ज्यादा नहीं है पर कुछ गाने सुनती हूं। नेगेटिविटी पर ज्यादा ध्यान नहीं देती हूं। दिमाग में नैगेटिव विचार नहीं आने देती हूं। ज्यादा सोचती नहीं हूं। आज के समय में लोगों को लगता है कि एक साल की प्रेक्टिस में ही मैच खेल लें। संयम और प्रैक्टिस ही अच्छा खिलाड़ी बनाती है। सवाल: विदेश में अपने आराध्य का मंदिर कैसे ढूंढ लेती हैं।
जवाब: भगवान हनुमान पर मेरा पूरा विश्वास है। उनका टैटू भी बनवाया है। जब भी किसी होटल में रूकती हूं, वहां एक टेबल पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की फोटो रखती हूं। पूजा करती हूं। हर मैच से पहले हनुमान चालीसा का पाठ करती हूं। विदेश में गूगल पर सर्च कर लेती हूं कि हनुमान जी का मंदिर कहां है और होटल से कितनी दूरी पर है। वो मेरे साथ रहते हैं तो ऐसा लगता है कि सब सही है। वो मुझे अंदर ही अंदर मोटिवेट करते हैं। सवाल: आगरा आने पर यहां सबसे ज्यादा क्या खाना पसंद करती हैं।
जवाब: मां के हाथ का बना घर का खाना, क्योंकि घर से बाहर वही नहीं मिलता है। हमें अपनी फिटनेस पर ध्यान देना होता है इसलिए जंक फूड से बहुत दूर रहती हूं। बेढ़ई कचौड़ी लंबे समय से नहीं खाई है। पनीर की सब्जी और मां के हाथ के बने कढ़ी चावल मेरे फेवरेट है।